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1857 के विद्रोह के कारण [Audio Notes]

 विषय सूची


राजनैतिक कारण

आर्थिक कारण

सामाजिक कारण

धार्मिक कारण

तत्कालिक कारण

विद्रोह की असफलता के अन्य कारण

 विद्रोह के परिणाम

राजनैतिक कारण

डलहौजी की राज्य हडप ने की नीति , भारतीयो के साथ अंग्रेजों का घृणित व्यवहार (रंगभेद करना अच्छा व्यवहार ना करना उच्च पदों पर केवल अंग्रेजों को ही आसीन किया जाता था और भारतीयोंको छोटे पदों पर आसीन किया जाता था )

आर्थिक कारण

अंग्रेजों की नीति की वजह से उद्योग धंधे भी बंद हो गये इससे बहुत लोग बेरोजगार व निर्धन हो गये उनकी कृषक योजनाएं भी सफल नहीं हो पायी

सामाजिक कारण

सामाजिक वजह जाति थी वे जातियों की अवहेलना करते थे सती प्रथा पर भी प्रतिबंध लगा दिया डाक तार चलाया रेल चलाई ये सब कार्य किया तो लोगों को लगा कि अंग्रेज इन सब के माध्यम से ईसाई धर्म का प्रचार करना चाहते है

धार्मिक कारण

 वे हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मो की आलोचना करते थे उन्होंने ने गोद प्रथा को भी बंद करा दिया

तत्कालिक कारण

सूअर की चर्बी का बना कारतूस को मुँह से चबाना पडता था और हिंदू और मुस्लिम दोनो सैनिकों ने ही उसे मुँह से चबाने को मना कर दिया था

विद्रोह की असफलता के अन्य कारण

यह विद्रोह स्थानीय व असंगठित था

इसमें राष्ट्रीय भावना का आभाव था

विद्रोहियों को सभी वर्गो का सहयोग नहीं मिला था क्योकि शिक्षित व मध्यम वर्ग उदासीन था

 बेहतरीन नेतृत्व की क्षमता का आभाव था

बम्बई, मद्रास, ग्वालियर, हैदराबाद, इंदौर, अहमदाबाद, जोधपुर, पटियला, कश्मीर, नामा, जिंद और नेपाल के शासको ने विद्रोह को दबाने मे अंग्रेजो का साथ दिया

 विद्रोह के परिणाम

1858 ई. में ईस्ट इण्डिया कम्पनी का शासन समाप्त हो गया और भारत पर शासन का अधिकार महारानी के हाथों में आ गया

इग्लैड में भारत राज्य सचिव की नियुक्ति हुई भार्त में गवर्नर जनरल का पद समाप्त करके वायसराय का पद बनाया गया जो कि क्राउन का प्रतिनिधि होता है

 हिन्दू मुस्लिम एकता की भावना का विकास हुआ और भारतीयऔर यूरोपीय सैनिको का अनुपात 2:1 का था और तोपखाने पर पूर्णत: यूरोपीय सैनिको का ही अधिकार था

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