( भाग 21, अनु.- 370, एवं 371)
अनुच्छेद 370 – इस अनुच्छेद के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है
संचार विदेश तथा रक्षा पर भारतीय संसद को कानून बनाने का अधिकार है
यह विषयों पर कानून बनाने के लिए जम्मू कश्मीर सरकार की सहमति संसद को लेनी होगी
अनुच्छेद 352 में वर्णित राष्ट्रीय आपात राज्य सरकार की अनुमति के बगैर नहीं लगाया जा सकता
अनुच्छेद 360 में वर्णित वित्तीय आपात जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं हो सकता
अनुच्छेद 356 – के तहत पहले वहां राज्यपाल शासन लागू होगा उसके 6 महीने उपरांत राष्ट्रपति शासन लागू होगा
जम्मू कश्मीर में राज्य नीति निदेशक तत्व लागू नहीं होते
जम्मू कश्मीर के स्थाई निवासियों को ही राज्य में नियोजन संपत्ति अर्जन एवं निवास करने का अधिकार प्राप्त है जम्मू-कश्मीर का अपना संविधान है जो 14 मई 1954 को लागू हुआ
राज्य विधानमंडल की अनुमति के बगैर संसद जम्मू-कश्मीर की सीमा में कोई परिवर्तन नहीं कर सकती
नियंत्रक-महालेखा परीक्षक, निर्वाचन आयोग, उच्चतम न्यायालय की विशेष अनुमति की अधिकारिक तक का विस्तार जम्मू-कश्मीर राज्य पर किया गया है
अनुच्छेद 371 भारत में विशेष राज्य का दर्जा पाने वाले राज्यों की कुल संख्या 11 है
अनुच्छेद 371 (क) नागालैंड, अनुच्छेद 3- 71 (ख) – असम 371 (ग) – मणिपुर आदि के लिए विशेष उपबंध करता है
अनुच्छेद 371 (घ) आंध्र प्रदेश से संबंधित विशेष उपबंध करता है तथा अनुच्छेद – 371 (ड) द्वारा आंध्र प्रदेश में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गई
अनुच्छेद 371(च)- सिक्किम 371 (छ)-मिजोरम 371 (ज)अरुणाचल प्रदेश एवं 371 (झ) द्वारा गोवा के लिए विशेष उपबिध प्रदान किए जाते है
क्या थी धारा 370? विशेषाधिकार | संशोधनों की सूची
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