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चतुर्थ आंग्ल मैसूर युध्द -4th angl mysore War

 बिट्रेन और फ्रांस के बीच युध्द 

ये युध्द 1799 ई. में हुआ इस बीच यूरोप में बिट्रेन और फ्रांस के बीच युध्द छिड गया था

1798 ई. में कुछ फ्रांसिसी अंग्रेजों के विरुध्द टीपू को सहायता देने के उद्देश्य से मेंगलौर आये

श्रीरंगपट्टनम पर अंग्रेजों का अधिकार

 फरवरी 1799 ई. में श्रीरंगपट्टनम पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया टीपू युध्द करते हुये मारा गया

 टीपू का मानना था कि सौ दिन गीदड की तरह जीने से अच्छा है एक दिन शेर की तरह जीना

सुल्तान की उपाधि

टीपू ने अपने पिता हैदर अली के विपरीत सुल्तान की उपाधि भी ग्रहण की थी

टीपू का जन्म परिचय

इसका जन्म 20 नबम्बर 1750 ई. को हुआ था

अरबी, फारसी, कन्नड, उर्दू, का ज्ञाता था तलवार, बंदूक,घुडसवारी इन सब का भी ज्ञाता था

इसका शासन काल 1782 से 1799 तक रहा

मैसूर पर ब्रिट्रिश राज्य काअधिकार

टीपू की मृत्यु के बाद मैसूर पर ब्रिट्रिश राज्य काअधिकार हो गया

वाडियार वंश कीक बालक को मैसूर की गद्दी पर बैठा दिया गया और मैसूर पर सहायक संधि थोप दी गई

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