भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian agricultural research council-ICAR)
भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर) के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) एक स्वायत्तशासी संगठन है।
इसका उद्देश्य कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों को प्रोत्साहन करना और उनके बारे में शिक्षित करना है |
परिषद प्रत्यक्ष तौर पर कृषि क्षेत्र में संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन फसलों, पशुओं व मछली एवं संबंधित क्षेत्रों आदि से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए पारंपरिक व सीमांत क्षेत्र में अनुसंधान की गतिविधियों में शामिल है |
क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है परिषद का मुख्यालय नई दिल्ली है |
रॉयल कमीशन ऑन एग्रिकल्चर के प्रतिवेदन के अनुसरण में इसके पूर्व इंपीरियल कौंसिल ऑफ एग्रिकल्चर रिसर्च की संस्थापना 16 जुलाई 1929 को सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत एक पंजीकृत सोसाइटी के रूप में हुई।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का मुख्यालय नई दिल्ली में है। बागवानी, मात्स्यिकी तथा पशु विज्ञान को सम्मिलित करते हुए संपूर्ण देश में कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा के समन्वयन, निर्देशन एवं प्रबंधन हेतु परिषद एक शीर्ष संगठन है।
इसके अंतर्गत 103 आईसीएआर के संस्थान तथा 73 कृषि विश्वविद्यालय संपूर्ण देश में फैले हुए हैं और इस प्रकार यह विश्व की वृहत राष्ट्रीय कृषि प्रणालियों में से एक है।
आईसीएआर ने अपने अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास के माध्यम से भारत में हरित क्रांति लाने और उसके पश्चात के विकास में एक अग्रणी भूमिका निभाई है |
जिससे 1951 से 2014 तक देश खाद्यान्न उत्पादन में 5 गुना, बागवानी फसलों में 9.5 गुना, मात्स्यिकी के क्षेत्र में 12.5 गुना , दूध उत्पादन में 7.8 गुना तथा अंडा उत्पादन में 39 गुना वृद्धि करने में समर्थ हुआ है और इस प्रकार राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषणिक सुरक्षा में इसका एक स्पष्ट प्रभाव परिलक्षित होता है।
परिषद ने कृषि में उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता को प्रोन्नत करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास के नवोन्मेषी क्षेत्रों में कार्य करने में परिषद संलग्न रही है और इसके वैज्ञानिक अपने विषयों में अंतरराष्ट्रीय तौर पर जाने जाते हैं।
0 Comments