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मंगल पांडे के बारे में सम्पूर्ण जानकारी | Complete Information About Mangal Pandey

 विषय सूची


Complete Information About Mangal Pandey in Hindi

1857 का विद्रोह

विद्रोह का परिणाम

Best Videos About Mangal Pandey in Hindi

Important Question and Answers about Mangal Pandey

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य – 

Complete Information About Mangal Pandey in Hindi

जीवन परिचय(Biography)


मंगल पाण्डेय का जन्म भारत में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा नामक गांव में 19 जुलाई 1827 को एक सामान्य सरयूपारीण ब्राह्मण परिवार में हुआ था।

हांलाकि कुछ इतिहासकार इनका जन्म-स्थान फैज़ाबाद के गांव सुरहुरपुर को मानते हैं।

इनके पिता का नाम दिवाकर पांडे था।

मंगल पाण्डेय सन् 1849 में 22 साल की उम्र में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में शामिल हो गए।

1857 का विद्रोह

विद्रोह का प्रारम्भ एक बंदूक की वजह से हुआ।

सिपाहियों को पैटऱ्न 1853 एनफ़ील्ड बंदूक दी गयीं जो कि 0.577 कैलीबर की बंदूक थी तथा पुरानी और कई दशकों से उपयोग में लायी जा रही ब्राउन बैस के मुकाबले में शक्तिशाली और अचूक थी।

नयी बंदूक में गोली दागने की आधुनिक प्रणाली (प्रिकशन कैप) का प्रयोग किया गया था परन्तु बंदूक में गोली भरने की प्रक्रिया पुरानी थी।

नयी एनफ़ील्ड बंदूक भरने के लिये कारतूस को दांतों से काट कर खोलना पड़ता था और उसमे भरे हुए बारुद को बंदूक की नली में भर कर कारतूस को डालना पड़ता था।

कारतूस का बाहरी आवरण में चर्बी होती थी जो कि उसे पानी की सीलन से बचाती थी।

सिपाहियों के बीच अफ़वाह फ़ैल चुकी थी कि कारतूस में लगी हुई चर्बी सुअर और गाय के मांस से बनायी जाती है।

29 मार्च 1857 को बैरकपुर परेड मैदान कलकत्ता के निकट मंगल पाण्डेय जो दुगवा रहीमपुर(फैजाबाद) के रहने वाले थे |

रेजीमेण्ट के अफ़सर लेफ़्टीनेण्ट बाग पर हमला कर के उसे घायल कर दिया।

जनरल जान हेएरसेये के अनुसार मंगल पाण्डेय किसी प्रकार के धार्मिक पागलपन में थे जनरल ने जमादार ईश्वरी प्रसाद ने मंगल पांडेय को गिरफ़्तार करने का आदेश दिया पर ज़मीदार ने मना कर दिया।

सिवाय एक सिपाही शेख पलटु को छोड़ कर सारी रेजीमेण्ट ने मंगल पाण्डेय को गिरफ़्तार करने से मना कर दिया।

मंगल पाण्डेय ने अपने साथियों को खुलेआम विद्रोह करने के लिये कहा पर किसी के ना मानने पर उन्होने अपनी बंदूक से अपनी प्राण लेने का प्रयास किया। परन्तु वे इस प्रयास में केवल घायल हुये।

6 अप्रैल 1857 को मंगल पाण्डेय का कोर्ट मार्शल कर दिया गया और 8 अप्रैल को फ़ांसी दे दी गयी।

विद्रोह का परिणाम

मंगल पांडे द्वारा लगायी गयी विद्रोह की यह चिंगारी बुझी नहीं।

एक महीने बाद ही 10 मई सन् 1857 को मेरठ की छावनी में बगावत हो गयी।

यह विप्लव देखते ही देखते पूरे उत्तरी भारत में फैल गया जिससे अंग्रेजों को स्पष्ट संदेश मिल गया कि अब भारत पर राज्य करना उतना आसान नहीं है जितना वे समझ रहे थे।

इसके बाद ही हिन्दुस्तान में चौंतीस हजार सात सौ पैंतीस अंग्रेजी कानून यहाँ की जनता पर लागू किये गये ताकि मंगल पाण्डेय सरीखा कोई सैनिक दोबारा भारतीय शासकों के विरुद्ध बगावत न कर सके।

Best Videos About Mangal Pandey in Hindi

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Important Question and Answers about Mangal Pandey

Question 1. मंगल पांडे ने किस सैन्य छावनी में विद्रोह किया?


-Answer- बैरकपुर


Question 2. 1857 ई. के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?


-Answer- लार्ड कैनिंग


Question 3. एक महीने बाद ही 10 मई सन् 1857 को कहाँ की छावनी में बगावत हो गयी ?


-Answer- मेरठ


Question 4. मंगल पांडेय के बाद किस एक और सिपाही को फांसी दी गई थी.


Answer- ईश्वरी प्रसाद पांडेय


अन्य महत्वपूर्ण तथ्य – 

मंगल पांडेय – द राइज़िंग 2005 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह पहले स्वतंत्रता संग्राम के वीर सिपाही मंगल पांडे की जीवन गाथा और भारतीय विद्रोह (1857) में उनकी भूमिका पर आधारित एक जीवनी ऐतिहासिक फिल्म है । फ़िल्म में दर्शाया गया विद्रोह ‘भारतीय स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम, ‘या’ सिपाही विद्रोह के रूप में जाना जाता है।

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