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फिरोज़ शाह तुगलक | Firoz Shah Tuglaq History in Hindi

 फिरोज़ शाह तुगलक | Firoz Shah Tuglaq History in Hindi

1. फिरोजशाह तुगलक का जन्म 1309 ई0 में हुआ इसके पिता का नाम रज्जब था व इसकी माता अबोहर के राजपूत भट्टी शासकराजा रणमल की पुत्री थी

2. मोहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु के बाद फिरोजशाह तुगलक 1351 ई0 में गद्दी पर बैठा

3. एलफिंसटन के अनुसार, फिरोजशाह सल्तनत युग का अकबर था

4. मोहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु के तीन दिन बाद फिरोजशाह बहुत साधारण तरीके से दिल्ली सल्तनत का उत्तराधिकारी बना

5. फिरोजशाह का राज्याभिषेक सिंधु के तट पर थट्टा में हुआ

6. फिरोजशाह ने मलिक मकबूल को खाने जहाँ की उपाधि प्रदान की व अपना प्रधानमंत्री नियुक्त किया

7. यह दासों का शौकीन था इसके काल में दासों की सख्या करीब 1,80,000 थी इसलिए उसने अपने दासों के लिए “दीवान-ए-बंदगान” नामक नये विभाग की स्थापना की

8. फिरोजशाह की न्याय व्यवस्था इस्लामिक नियमों पर आधारित थी वह केवल सुन्नी मुसलमानों को ही उच्च पदों पर नियुक्त करता था

9. इसने तकाबी (जो पहले ऋण चले आ रहे थे ) उन्हें माफ कर दिया

10. फिरोजशाह ने लगभग 300 नगरों की स्थापना की किंतु फिरोजशाह को दिल्ली में स्थित कोटला नगर बहुत पसंद था इसने इसे यमुना नदी के किनारे स्वयं स्थापित कराया

11. फिरोजाबाद दिल्ली के सात शहरों में पांचवां माना जाता है

12. इसने मौर्य कालीन शासक के स्तम्भ अभिलेखों मेरठ व टोपरा से प्राप्त किया व उन्हे दिल्ली में ला कर गडवाया

13. फिरोजशाह के काल में कुतुबमीनार के चौथी मंजिल को हानि पहुंची थी जिसा पर फिरोज ने चौथी मंजिल के स्थान पर दो और मंजिलों का निर्माण कराया इस तरह कुतुबमीनार अब पाँच मंजिल की बन गई

14. सल्तनत कालीन शासको में फिरोजशाह पहला शासक था जिसने 1376ई0 में ब्राह्मणों पर जजिया लगाया

15. इसने अद्दा व बिख नामक आधे व एक-चौथाई जीतल के तांबा तथा चांदी मिश्रित दो सिक्के चलाये कुछ विद्वान मानते है शंसगानी नामक सिक्का भी इसने चलाया था

16. फिरोजशाह ने अपने समकालीन 24 कष्टदायक करों को हटा कर शरीयत द्वारा चलाये गये केवल चार कर लगाये – जजिया, जकात, खराज व खुम्स

17. इसने दिल्ली के निकट दारुल शफा नामक एक अस्पताल खुलवाया

18. फिरोजशाह ने ‘खम्स’ के नाम पर शरीयत की नीति का पालन किया तथा अलाउद्दीन खिलजी को हटाते हुए उसने खम्स के 4/5 (80%) भाग पर सैनिकों का नियंत्रण, व 1/5 (20%) भाग पर राज्य का नियंत्रण स्थापित किया

19. इसने पाँच बडी नहरों का निर्माण कराया जिसमें जिसमें यमुना नदी से हिसार तक वाली नहर 150 मील लम्बी थी

20. सितम्बर 1388 में फिरोजशाह की मृत्यु हो गई फिरोजशाह की मृत्यु के बाद तुगलक वंश का पतन प्रारम्भ हो गया

21. नासिरुद्दीन महमूद तुगलक वंश का अंतिम शासक था इसका शासनकाल 1394-1412 ई0 तक चला

22. इसके समय में मलिक सरवर नामक एक हिजडा था जिसे महमूद के समय में सुल्तान-उस-शर्क की उपाधि मिली थी उसने जौनपुर मे स्वतंत्र सत्ता की स्थापना कर शर्की राजवंश की नींव डाली

23. नसुरुद्दीन महमूद के समय में ही पंजाब का सूबेदार खिज्र खां स्वंत्रत होकर दिल्ली को प्राप्त करने की चेष्टा करने लगा

24. फिरोजशाह के अन्य पुत्र नुसरत शाह ने नसुरुद्दीन की सत्ता को चुनौती दी और तुगलक साम्राज्य दो भागों में बँट गया

25. नासिरुद्दीन के शासन काल में ही मध्य एशियाई मंगोल नेता तैमूर ने 1398 ई0 में भारत पर आक्रमण किया इस आक्रमण के बाद भारतमें सैय्यद वंश की स्थापना हुई

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