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संसद को प्राप्त विशेषाधिकार(Parliamentary privilege in Hindi)

विषय सूची

संसदीय विशेषाधिकार (Parliamentary privilege in Hindi)

व्यक्तिगत विशेषाधिकार (Personal privilege)

सामूहिक विशेषाधिकार (Collective privilege)

संसदीय विशेषाधिकार (Parliamentary privilege in Hindi)

संविधान के अनुच्छेद 105 (3)में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को कुछ अधिकार प्रदान किए गए हैं |

वस्तुतः संसदीय विशेषाधिकार संसद के विशेषाधिकार नहीं हैं क्योंकि संसद में राष्ट्रपति भी शामिल होता है |

संसदीय विशेषाधिकार सदन समितियों का सांसदों के विशेषाधिकार हैं जो दो प्रकार के हैं-

व्यक्तिगत विशेषाधिकार (Personal privilege)

बोलने की छूट वाक स्वतंत्रता, जो अनुच्छेद 19 (1)(A) से भिन्न तथा व्यापक है क्योंकि 19 (1)(A)पर प्रतिबंध लगाए गए है लेकिन सांसदों के बोलने पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है और न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है |

जब संसद का अधिवेशन चल रहा हो तो उन्हें न्यायिक गवाही आदि में जारी किए गए संमन से छूट है |

संसद के अधिवेशन प्रारंभ होने के 40 दिन के पूर्व और समाप्त होने के 40 दिन के बाद तक किसी भी सांसद को दीवानी मामले में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता किंतु आपराधिक मामले में निवारक निरोध की विधि के अधीन गिरफ्तारी हो सकती है |

संविधान के अनुच्छेद 105 (4) के तहत जिन व्यक्तियों को संविधान के आधार पर संसद के किसी सदन या उसकी किसी समिति में बोलने का उसी कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार है उन्हें भी व्यक्तिगत अधिकार प्राप्त है; जैसे-एटॉर्नी जनरल |

सामूहिक विशेषाधिकार (Collective privilege)

सदन के सदस्य अधिकारी सदन की अनुमति के बिना सदन की कार्यवाही के संबंध में किसी न्यायालय में साक्ष्य नहीं देंगे व दस्तावेज पेश नहीं करेंगे |

अध्यक्ष की अनुमति प्राप्त किए बिना सदन के परिसर में गिरफ्तारी पर रोक |

संसद की कार्यवाही होगी जांच करने के संबंध में न्यायपालिका पर रोक (अनुच्छेद 122) |

अपनी प्रक्रिया व कार्य संचालक कानून बनाने संबंधी शक्ति स्वयं सदन में निहित है (अनुच्छेद 118) |

किसी सदस्य की गिरफ्तारी, नजरबंदी व रिहाई के बारे में तुरंत सूचना प्राप्त करने का अधिकार |

सदन के सदस्य अधिकारी सदन की अनुमति के बिना दूसरे सदन में या उच्च सदन की समिति में भी उपस्थित नहीं होंगे |

बाहरी व्यक्तियों को सदन में उपस्थिति पर रोक लगाने की शक्ति (अनुच्छेद 248) |

संसदीय समितियां किसी व्यक्ति को साक्ष्य के लिए बुला सकती है व उसे शपथ दिला सकती हैं |

सदन की अवमानना करने वाले व्यक्ति की तुरंत सदन को सुपुर्दगी, उसे दंड देने का अंतिम निर्णय सदन करेगा |

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