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वर्ष 2019 में भारत के टॉप 5 करियर ट्रेंड्स, सैलरी और कोर्सेज

 नए दशक के आगमन के साथ, टेक्नोलॉजी में नया विकास होगा और इसके अनुरूप ही करियर ट्रेंड्स में भी बदलाव आयेंगे. जागरण जोश आपके लिए भारत के टॉप 5 करियर ट्रेंड्स और प्रत्येक करियर से संबंधित सैलरी एवं कोर्सेज की जानकारी भी पेश कर रहा है.

वर्ष 2020 का आगमन होने ही वाला है. इस बीते दशक में पूरे विश्व और विशेष रूप से भारत में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव और विकास देखा गया है जिससे करियर प्रोसेप्क्ट्स और ट्रेंड्स के नए आयाम विकसित हुए हैं. चूंकि हम अब अगले दशक में प्रवेश कर रहे हैं, ऐसे में काफी सोच-समझकर अपने करियर के बारे में कोई निर्णय लेने के लिए हमें भारत के लेटेस्ट करियर ट्रेंड्स के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए. जागरण जोश आपके लिए भारत के ऐसे टॉप 5 करियर ट्रेंड्स की जानकारी पेश कर रहा है जो विभिन्न पेशों सहित भर्ती के विभिन्न क्षेत्रों पर हावी रहेंगे. इन टॉप 5 करियर ट्रेंड्स के अलावा, हम यहां आपकी सहूलियत के लिए प्रत्येक करियर से संबंधित सैलरी पैकेज और कोर्सेज की भी जानकारी पेश कर रहे हैं.

आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग

आने वाले वर्ष में भी टेक्नोलॉजी विभिन्न कार्यक्षेत्रों के लिए काफी महत्वपूर्ण रहेगी. दरअसल, मशीन लर्निंग भारत में टॉप 5 करियर ट्रेंड्स में शामिल रहेगी. मशीन लर्निंग प्रमुख रूप से कंप्यूटर्स द्वारा ऐसी नई चीज़ों और विचारों को सीखने की क्षमता को दर्शाती है जिनके लिए शुरू में संबद्ध कंप्यूटर्स की प्रोग्रामिंग नहीं की गई थी. इसी तरह, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस में मशीनों को मानव मस्तिष्क के कॉग्निटिव फंक्शन्स अर्थात संज्ञानात्मक कार्यों की नकल करना सिखाया जाता है. आजकल की दौड़ती-भागती जीवन शैली में, मशीनों को डाटा और उसके विश्लेषण के पैटर्न्स का पता लगाना सिखाया जाता है. इस डाटा का इस्तेमाल डिजिटल प्लेटफॉर्म्स अपने उपभोक्ताओं के लिए कंटेंट, सर्च रिजल्ट्स और एडवरटाइज़मेंट्स को वरीयता देने के लिए कर रहे हैं. आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस ने स्मार्ट होम डिवाइसेस, नेविगेशन एप्स आदि के रूप में अब हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में अपनी खास जगह बना ली है.

अगर हम वर्ष 2019 की बात करें तो आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग सबसे ज्यादा मांग वाले करियर विकल्पों में से एक है. इंटरनेशनल डाटा कॉर्पोरेशन के अनुमान के मुताबिक, मशीन लर्निंग और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस पर वर्ष 2021 तक कुल खर्च $ 57.6 बिलियन हो जाएगा. मशीन लर्निंग और/ या आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस में नौकरी करने पर आपको 7 – 20 लाख रुपये सालाना तक कमाई होगी. मशीन लर्निंग में करियर शुरू करने के लिए स्टूडेंट्स को संबद्ध कोर्सेज करने चाहिए और उन्हें डाटा साइंस और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की भी बहुत अच्छी जानकारी होनी चाहिए.

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साइबर सिक्योरिटी

टेक्नोलॉजी के विकास के साथ-साथ साइबर सिक्योरिटी कुछ समय से काफी महत्वपूर्ण करियर ऑप्शन बन गया है. फिलहाल यह करियर ट्रेंड काफी महत्वपूर्ण बना हुआ है और ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले वर्ष में भी यह टॉप 5 करियर ट्रेंड्स में से एक रहेगा. डिजिटल कारोबारों और उपभोक्ताओं के लिए डाटा सिक्योरिटी इश्यू काफी महत्वपूर्ण बन गया है और वास्तव में, साइबर सिक्योरिटी में जॉब्स के लगातार बढ़ने की संभावना है. साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट्स प्रमुख रूप से नेटवर्क्स से संबंधित कामकाज करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि नेटवर्क सही, सुरक्षित और लगातार काम करता रहे. अगर हम पे स्केल के बारे में बात करें तो साइबर सिक्योरिटी में करियर एक बहुत अधिक लाभदायक विकल्प है क्योंकि इन पेशेवरों को 4 – 20 लाख रुपये सालाना का एवरेज सैलरी पैकेज मिलता है. साइबर सिक्योरिटी में करियर शुरू करने के लिए स्टूडेंट्स को साइबर सिक्योरिटी ऑपरेशन्स एंड लीडरशिप/ कंप्यूटर साइंस/ इनफॉर्मेशन एश्योरेंस/ कंप्यूटर इंजीनियरिंग/ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी आदि में सूटेबल डिग्री हासिल कर लेनी चाहिए. इसी तरह, CISSP/ CISM / CEH जैसे सर्टिफिकेट प्रोग्राम्स भी इन पेशेवरों को साइबर सिक्योरिटी में अच्छी पोजीशन्स पर जॉब दिलवाने में मदद करते हैं.

बिजनेस एनालिसिस

आजकल विभिन्न संगठन रैपिड डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और डिजिटल डिसरपशन से संबंधित सभी चुनौतियों को टैकल करने के लिए बिजनेस एनालिस्ट्स पर निर्भर करते हैं. बिजनेस एनालिसिस के तहत  बिजनेस इंटेलिजेंस के कस्टमर्स से एकत्रित किये गए डाटा के एनालिसिस के माध्यम से बिजनेस स्टेकहोल्डर्स को महत्वपूण समाधान उपलब्ध करवाये जाते हैं. ये एनालिस्ट्स बिजनेस बढ़ाने के लिए प्लान्स भी तैयार करते हैं. इंडस्ट्री में सबसे अधिक मांग वाले करियर ऑप्शन्स में से एक होने के कारण, एक बिजनेस एनालिस्ट पेशेवर होना भी बहुत फायदेमंद रहता है. किसी बिजनेस एनालिस्ट को आमतौर पर 6 – 14 लाख के बीच सालाना सैलरी पैकेज बड़े आराम से मिल जाता है. बिजनेस एनालिसिस में अपना करियर शुरू करने के लिए, आमतौर पर इंजीनियरिंग में एजुकेशनल बैकग्राउंड होनी चाहिए. इसके अलावा, अगर आपने IIBA एंट्री सर्टिफिकेट इन बिजनेस एनालिसिस (ECBA), IIBA सर्टिफिकेशन ऑफ कॉम्पीटेंसी इन बिजनेस एनालिसिस (CCBA), IIBA सर्टिफाइड बिजेनस एनालिसिस प्रोफेशनल (CBAP) जैसे सर्टिफिकेट कोर्सेज किए हैं तो आपको बिजनेस एनालिसिस की फील्ड में जॉब हासिल करने में काफी मदद मिल सकती है.  

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ऑटोमेशन

पिछले कुछ वर्षों से, ऑटोमेशन यकीनन सबसे बड़ा टेक ट्रेंड बना हुआ है और आने वाले वर्ष में भी इसकी बहुत अधिक मांग बनी रहने की संभावना है. साधारण जनता अब क्योंकि ज्यादा से ज्यादा ऑटोमेशन का इस्तेमाल करने लगी है, इसलिए सॉफ्टवेयर डेवलपर्स, इंजीनियर्स, सपोर्ट एंड मेंटेनेंस स्टाफ के साथ अन्य संबद्ध पेशों की मांग लगातार बढ़ रही है और वर्ष 2020 सहित आने वाले वर्षों में भी इस फील्ड में विभिन्न पेशेवरों की मांग लगातार बढ़ती ही रहेगी. ऑटोमेशन में करियर काफी फायदेमंद विकल्प है और इस फील्ड में विभिन्न पेशेवरों को 4 – 12 लाख रुपये सालाना का सैलरी पैकेज मिलता है. ऑटोमेशन इंडस्ट्री में करियर शुरू करने के लिए, आमतौर पर इंजीनियरिंग बैकग्राउंड की जरूरत होती है. इसके अलावा, किसी प्रसिद्ध ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से ऑटोमेशन में PLC/ DCS जैसा एक ट्रेनिंग कोर्स करने पर आपको ऑटोमेशन की फील्ड में एक सूटेबल जॉब मिल सकती है.

क्लाउड इंजीनियरिंग

क्लाउड कंप्यूटिंग के एक नए बिजनेस स्टैंडर्ड के तौर पर धीरे-धीरे उभरने के साथ ही, आने वाले वर्षों में भारत में क्लाउड इंजीनियरिंग टॉप 5 करियर ट्रेंड्स में से एक होगा. किसी क्लाउड इंजीनियर का प्रमुख काम क्लाउड कंप्यूटिंग से संबंधित सभी टेक्नोलॉजिकल कामकाज करना होता है और इसके तहत क्लाउड कंप्यूटिंग की प्लानिंग, डिज़ाइन, मैनेजमेंट और सपोर्ट से संबंधित सभी काम शामिल किए जा सकते हैं. किसी क्लाउड इंजीनियर को आमतौर पर 4 – 12 लाख रुपये सालाना मिलते हैं. डिजिटलाइज़ेशन की तरफ देश के बढ़ते कदमों के साथ-साथ, क्लाउड इंजीनियरिंग में करियर अगले दशक के टॉप ट्रेंडिंग करियर्स में से एक रहेगा. क्लाउड इंजीनियरिंग में करियर शुरू करने के लिए किसी भी व्यक्ति के पास एक्स्ट्रा-ऑर्डिनरी IT और प्रोग्रामिंग स्किल्स होने चाहिए. प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज, HTML और विजूअलाइज़ेशन टेक्नोलॉजीज की जानकारी होने पर इन पेशेवरों को अपने करियर में अतिरिक्त लाभ मिल सकता है.

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