Post

कॉलेज के पहले दिन घटित होने वाली 7 सामान्य घटनाएं

 महीनों की कठिन मेहनत के बाद जब किसी छात्र को अपने मनचाहे कॉलेज में एडमिशन मिल जाता है तो लगभग सभी छात्र अपने कॉलेज के पहले दिन का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं.

महीनों की कठिन मेहनत के बाद जब किसी छात्र को अपने मनचाहे कॉलेज में एडमिशन मिल जाता है तो लगभग सभी छात्र अपने कॉलेज के पहले दिन का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं. व्यावसायीकरण के इस युग में अधिक बजट वाली करण जौहर की फिल्मों ने कॉलेज स्टूडेंट्स की अपेक्षाओं को बहुत ऊँचे स्टैण्डर्ड तक पहुंचा दिया है. पहले दिन कॉलेज जाने वाले प्रत्येक छात्रों में कुछ नया देखने, सुननें तथा जानने की जिज्ञाषा होती है लेकिन कभी कभी छोटी मोटी असावधानियों और जानकारी के अभाव में हर कॉलेज छात्र उस दिन को अपने जीवन का यादगार दिन नहीं बना पाते हैं. आगे आपको कॉलेज के पहले दिन क्या क्या होने की संभवना हो सकती है इस विषय में बताने का प्रयास किया गया है.

1. बेचैनी की रात/ अच्छी नींद नहीं आना

कॉलेज के पहले दिन से एक दिन पहले की रात आपके दिल और दिमाग में असंख्य विचार आयेंगे. कल कॉलेज में कैसे लोग मिलेंगे. अन्य छात्र कैसे होंगे ? फैकल्टी कैसी होगी ? लंच आवर कब होगा ? रैगिंग का सामना करना पड़ेगा या नहीं. कैम्पस कैसा है ? लाइब्रेरी कैसी है ? सीनियर्स का स्वभाव कैसा होगा ? मुझे कौन सी ड्रेस पहनकर जाना चाहिए ताकि मैं आकर्षक लगूं आदि. इस वजह से आप भरपूर नींद नहीं ले पाएंगे. बेहतर यही होगा कि आप इन बातों के विषय में सोंचे ही नहीं. आप यह सोचिये कि जो भी होगा देखा जायेगा अनुकूल होगा तब भी सही और प्रतिकूल होगा तब भी सही प्रतिकूल को अनुकूल बनाने की कोशिश की जाएगी.

2. आत्म परिचय की समस्या

यदि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जो खुद के बारे में बात करना पसंद नहीं करते हैं, तो आत्म परिचय देना आपके लिए एक अप्रासंगिक अनुभव हो सकता है. जब क्लास में प्रोफेसर आपको अपने शौक और रूचि के बारे में पूरे क्लास को बताने के लिए कहते हैं तो आपको लगता है कि अचानक सब कुछ भूल गए और इनको क्या बताएं ? ऐसी स्थिति में धैर्य के साथ स्थिर रहने की सलाह दी जाती है. चूँकि यह सार्वजानिक स्तर पर बोलने की कला का शरुआती दौर है.इसलिए घबराएं नहीं और सभी बातों को गंभीरता पूर्वक बताएं. यदि अपने सीनियर्स के साथ आपकी इनफॉर्मल मीटिंग होती है तो आप अपना नाम, ब्रांच,सेक्शन, , शौक, पिछले रोमांचक अनुभव और आपके नाम के बारे में सब कुछ बता सकते हैं. लेकिन यदि यह मीटिंग फॉर्मल है तो आप केवल अंतिम प्रतियोगी परीक्षा में अपना नाम और प्रतिशत बता सकते हैं तथा इस ब्रांच का चयन आपने क्यों किया इसका जिक्र कर सकते हैं.

3. ओरिएंटेशन प्रोसेस

अपने इंट्रोडक्शन के अतिरिक्त आपको अपने कॉलेज में कई ओरिएंटेशन प्रोग्राम में भाग लेना पड़ सकता है. जैसे कॉलेज, डिपार्टमेंट,क्लब तथा अलग अलग हाउसेज आदि. हो सकता है आपको यह थोड़ा बोरिंग लगे लेकिन इस दौरान आपका परिचय कुछ ऐसे साथी मित्रों से होगा जो भविष्य में आपकी मदद कर सकते हैं. यहीं से आपके दोस्ती की कहानी शुरू हो सकती है. इससे आपकी लोगों के साथ बौन्डिंग बढ़ेगी. अतः सभी ओरिएंटेशन प्रोग्राम में हिस्सा जरुर लें.

4. रैगिंग

वैसे आज कल तो रैगिंग पर प्रतिबन्ध है और इसे एक अपराध करार दिया गया है. लेकिन सच माने तो रैगिंग इतना खतरनाक नहीं है हैं इसका प्रयोग हमेशा सोच समझकर किसी को हानि न पहुँचाने की भावना से चुटीले अंदाज में किया जाय तो यह एक सराहनीय कार्य है और कई बार ऐसा होता है कि रैगिंग के दौरान हुई दोस्ती आजीवन बनी रहती है. सीनियर्स का जूनियर्स से डांस कराना, किसी की मिमिकरी करवाना आदि मनोरंजक दृश्य होते हैं. लेकिन इसमें हमेशा इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि आपके कृत्य से किसी के आत्म सम्मान को ठेस न पहुंचे तथा किसी भी तरह की शारीरिक क्षति न हो.

5. नए लोगों के साथ सामंजस्य

कॉलेज के पहले दिन आपके लिए सभी नए होते हैं. हो सकता है ज्यादातर लोग वेशभूषा, भाषा और संस्कृति आदि में आपसे बिलकुल अलग हो. लेकिन पूरे सेशन में आपको उन्ही के साथ पढ़ाई करनी है ऐसा सोंचकर आप उनसे तालमेल बैठाने की कोशिश करें. आप यह सोंचे कि मेरी तरह ही अन्य फ्रेशर्स भी परेशान है ऐसा सोचते ही उनके प्रति आपकी सहानुभूति बनेगी और आप बड़ी आसानी से उनकी भी समस्याओं को समझकर उनके साथ ताल मेल बना पाएंगे. उस दिन तो इसका महत्व समझ में नहीं आएगा लेकिन जिस आप अपना कॉलेज छोड़ेंगे उस दिन ये सारी बातें आपके मन में सुखद स्मृति के रूप में सामने आएंगी.

6. 'कूल स्पॉट' की तलाश

कॉलेज में लगभग सभी छात्र अपने लिए एक ऐसे प्लेस की तलाश करते हैं जहाँ उनको कोई डिस्टर्ब न करे तथा वे वहां शांति से कुछ समय बैठ सकें. साथ ही साथ कॉलेज में कुछ ऐसे भी  कूल स्पॉट होते हैं जहाँ आपके सीनियर्स बैठते हैं तथा वहां आपके प्रोफेसरों का आना जाना नहीं होता है, इसलिए लगभग सभी छात्र वहां मस्ती करते हैं या मस्ती करने के मूड में होते हैं.

7. दिन के अंत में राहत की साँस

जब आप शाम को घर लौट रहे होते हैं तो आप अपने अन्दर एक राहत सी महसूस कर रहे होते हैं और दिनभर की घटनाओं के विषय में सोचते हैं. मन को प्रभावित करने वाली घटनाओं की जिक्र आप अपने स्कूल के या फिर किसी घनिष्ट मित्र के साथ शेयर करने की कोशिश करें. ह्वात्सप वॉट्सप जैसे प्लेटफार्म पर अपने विचारों और अनुभवों को साझा करके आप अपने मित्रों की राय या प्रतिक्रिया ले सकते हैं.

चूँकि कॉलेज का पहला दिन जीवन में एक ही बार होता है. इसलिए किसी भी परिस्थिति में इस दिन कॉलेज जरुर जाएं. जीवन का हर अनुभव मनुष्य को परिपक्व बनता है चाहे वह अप्रिय हो या फिर रोमांचक. अतः इस अनुभव के मौके को कभी भी हांथ से नहीं निकलने दें.

Post a Comment

0 Comments