भारत में प्रोफेशनल कोर्सेज करने वाले स्टूडेंट्स और जॉब सीकर्स के लिए कोई सूटेबल जॉब आकर्षक सैलरी पैकेज में हासिल करना आज भी आसान है. इस आर्टिकल में हम कुछ खास प्रोफेशनल कोर्सेज की जानकारी आपके लिए पेश कर रहे हैं.
आजकल पूरे विश्व की जॉब मार्केट्स में टफ कॉम्पीटीशन देखने को मिलता है इसलिए, केवल ग्रेजुएशन, पोस्टग्रेजुएशन या पीएचडी की डिग्री हमें मनचाही या सूटेबल जॉब नहीं दिलवा सकती है. हम सब अच्छी तरह जानते हैं कि किसी भी कारोबार या पेशे के लिए मेहनत, टैलेंट और संबद्ध स्किल-सेट होना आज के समय की खास मांग है. जब स्टूडेंट्स 10 वीं/ 12 वीं क्लास के बोर्ड एग्जाम्स पास कर लेते हैं तो वे मनचाही स्टडी फील्ड में ग्रेजुएशन कर सकते हैं या फिर किसी प्रोफेशनल फील्ड में डिप्लोमा या डिग्री कोर्स करके अपना करियर शुरू कर सकते हैं. लेकिन, अब अनेक ऐसे प्रोफेशनल कोर्सेज हैं जो आपको सीधे ए-क्लास सैलरी पैकेज अर्थात लाखों रूपये का मासिक वेतन भी दिलवा सकते हैं. इस आर्टिकल में हम आपके लिए भारत में उपलब्ध कुछ ऐसे ही विशेष प्रोफेशनल कोर्सेज के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी पेश कर रहे हैं.
प्रोफेशनल कोर्सेज करने से मिलते हैं कई फायदे
अब यह फैक्ट जग-जाहिर है कि स्टूडेंट्स जब अपनी क्वालिफिकेशन, टैलेंट, इंटरेस्ट और स्किल-सेट के मुताबिक कोई प्रोफेशनल कोर्स कर लेते हैं तो उनके रिज्यूम में चार चांद लग जाते हैं और अपनी फील्ड में उनका स्किल-सेट ज्यादा निखर जाता है जिसका पुख्ता सबूत उस प्रोफेशनल कोर्स से संबद्ध डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट होता है. कोई प्रोफेशनल कोर्स कर लेने के बाद आपको सम्बद्ध फील्ड में जॉब मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है या फिर आप अपना करियर/ कारोबार ज्यादा बेहतर तरीके से शुरू कर सकते हैं. अपने फील्ड में माहिर होने पर आपको शानदार सैलरी पैकेज मिलता है या फिर, आप अपने कारोबार/ स्टार्टअप में काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं.
प्रोफेशनल कोर्सेज की टाइम ड्यूरेशन भी होती है कम
हमारे देश में डिग्री/ प्रोफेशनल डिग्री कोर्सेज 3 या 4 वर्ष के होते हैं और डिप्लोमा कोर्सेज की अवधि 3, 6 महीने या 1 वर्ष की होती है. बहुत से प्रोफेशनल कोर्सेज में आप सर्टिफिकेट कोर्सेज भी कर सकते हैं और इन सर्टिफिकेट कोर्सेज की अवधि भी अक्सर 3, 6 माह या 1 वर्ष की होती है. सर्टिफिकेट कोर्सेज का एक अच्छा उदाहरण विभिन्न लैंग्वेज (देशी-विदेशी लैंग्वेजेज) कोर्सेज हैं.
भारत में ये प्रोफेशनल कोर्सेज दिलवा सकते हैं आपको लाखों रुपये का मासिक वेतन
- चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) – जिन स्टूडेंट्स के मैथ्स और स्टेटिस्टिक्स सब्जेक्ट्स काफी अच्छे होते हैं, वे चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) का कोर्स कर सकते हैं. भारत में किसी फ्रेशर सीए की न्यूनतम सैलरी लगभग रु. 6-7 लाख और अधिकतम सैलरी लगभग रु. 30 लाख सालाना है. दुबई में किसी सीए को एवरेज सैलरी 7500 एईडी (प्लस एकोमोडेशन) मिलेगी. इंटरनेशनल लेवल पर आपका सैलरी पैकेज लगभग 80 लाख रु. सालाना तक हो सकता है.
- कंपनी सेक्रेटरी (सीएस) – यह प्रोफेशनल कोर्स करने के बाद कैंडिडेट्स भारत में शुरू में रु. 28 हजार से रु. 40 हजार तक कमा सकते हैं और कुछ वर्षों के अनुभव के बाद उनकी सैलरी 1 लाख रु. सालाना तक हो सकती है. इंग्लैंड में शुरू में 30 हजार पाउंड स्टर्लिंग से लेकर कुछ वर्षों के बाद अधिकतम 1 लाख पाउंड स्टर्लिंग तक हो सकती है. अमरीका में आपको अधिकतम 35 – 40 हहर डॉलर प्रति वर्ष तक सैलरी पैकेज मिल सकता है.
- एक्चुरियल साइंस – एक्चुरियल साइंस का संबंध इंश्योरेंस और फाइनेंस फील्ड में रिस्क का पूर्वानुमान लगाने और किसी इवेंट की फोरकास्ट कॉस्ट और संभावना से है. आमतौर पर कैंडिडेट्स को ऑस्ट्रेलिया, यूके, न्यूज़ीलैंड और यूएस में काम मिलने की ज्यादा संभावना है और एवरेज सैलरी पैकेज 1 लाख डॉलर तक सालाना हो सकता है.
- मास्टर ऑफ़ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) – ग्रेजुएशन लेवल पर बीबीए (बैचलर ऑफ़ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) और पोस्टग्रेजुएशन लेवल पर एमबीए (मास्टर ऑफ़ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) आजकल स्टूडेंट्स के सबसे ज्यादा पसंदीदा प्रोफेशनल कोर्सेज में से एक है. भारत के किसी प्रसिद्ध मैनेजमेंट कॉलेज, इंस्टीट्यूट (जैसेकि फेमस आईआईएम्स – इंडियन इंस्टीट्यूट्स ऑफ़ मैनेजमेंट) या यूनिवर्सिटी से एमबीए करने के बाद स्टूडेंट्स को अपने देश और विदेश में काफी अच्छे सैलरी पैकेज और जॉब ऑफर्स मिलते हैं. लेटेस्ट सर्वे के अनुसार अमरीका में किसी एमबीए ग्रेजुएट की सैलरी लगभग रु. 71.40 लाख सालाना है. भारत में किसी एमबीए ग्रेजुएट को शुरू में रु. 3-5 लाख सालाना का सैलरी पैकेज मिलता है जो कुछ वर्षों के कार्य अनुभव के बाद काफी बढ़ जाता है. भारत में 60 – 80% स्टूडेंट्स को कैंपस प्लेसमेंट के दौरान ही जॉब मिल जाती है.
- एमसीए – मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लायंसेज – अगर हम एमसीए का कोर्स करने के बाद मिलने वाली सैलरी की बात करें तो शुरू में किसी फ्रेशेर को रु. 10 हजार – 35 हजार तक मिलते हैं जो 5 वर्ष के कार्य अनुभव के बाद अधिकतम रु. 1.5 लाख तक प्रति माह हो सकते हैं. यूएसए में किसी एमसीए ग्रेजुएट को 1500 – 3000 डॉलर तक प्रति माह मिलते हैं और कार्य अनुभव के साथ इनका सैलरी पैकेज भी बढ़ता रहता है.
- एमबीबीएस – बैचलर ऑफ़ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ़ सर्जरी – एक बार एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त कर लेने के बाद भारत में कैंडिडेट्स को रु. 30 हजार प्रति माह सैलरी पैकेज मिलता है और सुपर-स्पेशलिस्ट डॉक्टर एक दिन में 2-3 लाख रु. तक भी कमा सकते हैं. किसी डेवलप्ड नेशन में किसी एमबीबीएस कैंडिडेट को 2.5 लाख डॉलर तक सालाना का सैलरी पैकेज मिल सकता है.
- फार्मास्यूटिकल साइंस – इस कोर्स के तहत स्टूडेंट्स को नई मेडिसिन्स तैयार करने उनके टेस्ट और मैन्युफैक्चरिंग से संबंधित कार्य करने होते हैं. आयरलैंड, न्यूज़ीलैंड, यूएस, स्वीडन और सिंगापुर में इस जॉब का काफी स्कोप है. इस पेशे में औसत वार्षिक सैलरी 52 लाख रु. से 66 लाख रु. तक मिल सकती है.
- फ़ूड एंड न्यूट्रीशन/ डायटेटिक्स कोर्स – इस प्रोफेशनल कोर्स को करने के बाद भारत में शुरू में किसी फ्रेशर को रु. 15 हजार – 20 हजार प्रति माह तक मिलते हैं जो बाद में अनुभव बढ़ने के साथ बढ़ते जाते हैं. किसी फ़ूड टेक्नोलॉजिस्ट को भारत में लगभग रु. 3-4 लाख प्रति वर्ष का सैलरी पैकेज मिलता है.
- इंजीनियरिंग – मैकेनिकल/ सिविल/ इलेक्ट्रिकल – सबसे पहले तो स्टूडेंट्स को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आजकल इंजीनियरिंग के तहत केवल उक्त 3 फ़ील्ड्स ही नहीं बल्कि कई अन्य लेटेस्ट इंजीनियरिंग फ़ील्ड्स जैसेकि – आईटी/ सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, नेनो इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर इंजीनियरिंग आदि भी शामिल हो गई हैं. भारत में किसी इंजीनियर को आमतौर पर रु. 10 – 12 लाख सालाना का सैलरी पैकेज मिलता है. अनुभव बढ़ने के साथ हर वर्ष इस सैलरी पैकेज में 1.5 – 2 लाख रु; की बढ़ोतरी होती है. कुछ बड़ी कंपनियां अपने टैलेंटेड इंजीनियर्स को 50 लाख रु. सालाना भी दे रही हैं. यूनाइटेड स्टेट्स में किसी इंजीनियर को लगभग 90 हजार डॉलर प्रति वर्ष मिलते हैं.
- एलएलबी – बैचलर ऑफ़ लॉ – आमतौर पर यह पेशेवर कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स और कैंडिडेट्स किसी वकील या लॉ कंसलटेंट के तौर पर अपना कारोबार शुरू करते हैं जहां कुछ वर्षों के अनुभव के बाद अधिकतम सैलरी या कमाई की कोई उपरि सीमा नहीं होती है और वे लोग किसी केस या प्रोजेक्ट के मुताबिक अपनी फीस लेते हैं.
- जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन्स – आज भी उन अधिकांश स्टूडेंट्स के बीच यह एक काफी लोकप्रिय कोर्स है जो किसी मीडिया से जुड़ना चाहते हैं. भारत में किसी जर्नलिस्ट के एवरेज स्लरी रु. 4 लाख तक प्रति वर्ष होती है जो समय और कार्य अनुभव के साथ बढ़ती जाती है. किसी फॉरेन कोरेसपोंडेंट को लगभग 1 लाख डॉलर प्रति वर्ष तक सैलरी पैकेज मिल सकता है. आजकल इस कोर्स को करने के बाद सोशल मीडिया और इंटरनेट से जुड़ी फ़ील्ड्स में भी आपके लिए काफी अच्छा स्कोप है.
- लैंग्वेज कोर्स – किसी भी देशी और विदेशी भाषा में कोर्स करने के बाद आप ट्रांसलेटर और इंटरप्रेटर के तौर पर काम कर सकते हैं. अमरीका में किसी एफबीआई लिंग्विस्टिक की एवरेज सैलरी 39 डॉलर प्रति घंटा है. भारत में जूनियर ट्रांसलेटर को आमतौर पर रु. 25 हज़ार प्रति माह तक मिलते हैं और कुछ वर्षों के अनुभव के बाद 8 – 10 लाख रु. सालाना तक मिल सकते हैं.
- फैशन डिजाइनिंग – आजकल फैशन डिजाइनिंग का कोर्स भी स्टूडेंट्स के बीच काफी लोकप्रिय है और अमरीका जैसे देश में किसी टैलेंटेड फैशन डिज़ाइनर को एवरेज 65 हजार डॉलर प्रति वर्ष तक मिल सकते हैं और ऑस्ट्रेलिया में लगभग 60 हजार डॉलर प्रति वर्ष मिलते हैं. भारत में आमतौर पर कोई टैलेंटेड फैशन डिज़ाइनर लगभग 3.6 लाख रु. सालाना तक कमा सकता है.
- एविएशन एंड मर्चंट नेवी - भारत में इस प्रोफेशनल कोर्स को करने के बाद किसी थर्ड ऑफिसर की सैलरी लगभग 50 हजार रु. प्रति माह होती है और किसी कैप्टेन को 2 लाख रु. प्रति माह तक सैलरी मिलती है. इंटरनेशनल लेवल पर किसी मरीन इंजीनियर को प्रति वर्ष लगभग 85 हजार डॉलर तक मिल सकते हैं.
- ब्यूटी कल्चर – आमतौर पर इस फील्ड में लोग कुछ महीने या वर्षों के अनुभव के बाद अपना कारोबार शुरू करते हैं जहां सैलरी की कोई अधिकतम सीमा नहीं होती है. एक मेक-अप आर्टिस्ट आमतौर पर एक दिन में लगभग रु. 1500 से रु. 3500 तक भी कमा सकता है. शुरू में रु. 3 हज़ार से रु. 10 हजार तक प्रति माह सलारी मिलती है जो बाद में बढ़ती जाती है. अमरीका में किसी कॉस्मेटिक आर्टिस्ट को लगभग 25 हजार डॉलर प्रति वर्ष सैलरी मिलती है.
जरा इस पॉइंट पर भी दें ध्यान
यहां एक प्वाइंट विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि उक्त सभी प्रोफेशनल कोर्सेज को करने के बाद आपको अपने देश या विदेश में मिलने वाला सैलरी पैकेज आपकी क्वालिफिकेशन, टैलेंट, स्किल-सेट और कार्य-अनुभव पर निर्भर करता है. अगर आप उक्त कोई भी प्रोफेशनल कोर्स करने के बाद अपना कारोबार शुरू करते हैं तो कुछ वर्षों के अनुभव के बाद आपकी कमाई की कोई अधिकतम सीमा नहीं रहती है. लेकिन, आपकी कमाई में आपके कम्युनिकेशन और मार्केटिंग स्किल्स का भी पूरा-पूरा योगदान होता है.
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