Post

एनर्जी इंजीनियरिंग

 एनर्जी इंजीनियरिंग का कोर्स वर्तमान में बहुत ही पॉपुलर हो रहा है। एनर्जी की निरंतर बढ़ती मांग और एनर्जी प्रोडक्शन के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर किये जा रहे प्रयास को देखते हुए यह साफ है कि इसमें करियर का भविष्य भी बहुत ही चमकदार है। एनर्जी इंजीनियर के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं, विदेश में भी काफी स्कोप है।

एनर्जी इंजीनियरिंग का कोर्स वर्तमान में बहुत ही पॉपुलर हो रहा है। एनर्जी की निरंतर बढ़ती मांग और एनर्जी प्रोडक्शन के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर किये जा रहे प्रयास को देखते हुए यह साफ है कि इसमें करियर का भविष्य भी बहुत ही चमकदार है। एनर्जी इंजीनियर के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं, विदेश में भी काफी स्कोप है। बिजली मंत्रालय का अनुमान है कि अगले दशक के अंत तक बिजली उत्पादन क्षमता दोगुना करना अनिवार्य है। ऐसे में एनर्जी इंजीनियर की मांग का बढ़ना स्वाभाविक है। मोजर एंड बाएर चेन्नई में 500 मिलियन डॉलर का पीवी फैब्रिकेशन संयंत्र स्थापित कर रहा है, जिसकी वार्षिक क्षमता 40 मेगावाट होगी। इस कंपनी को शुरुआती दौर में ही लगभग 4,000 वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की आवश्यकता होगी। सोलर फोटोवोल्टेक टेक्नोलॉजी ने भी बाजार में पिछले साल की अपेक्षा 62 फीसदी विकास दर दर्ज की। इससे स्पष्ट होता है कि इस क्षेत्र में स्थापित हो रही कंपनियों को प्रशिक्षित कर्मचारियों की काफी जरूरत होगी।

योग्यता व कोर्स

एनर्जी इंजीनियरिंग में करियर की संभावनाएं तलाशने वाले छात्रों को बीई या बीटेक करने के लिए भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान व गणित विषय के साथ 12वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसमें बीटेक करने के बाद एमटेक भी किया जा सकता है। अधिकतर संस्थानों में एडमिशन प्रवेश परीक्षाओं द्वारा दिया जाता है। वैसे एनर्जी में दक्षता या स्पेशलाइजेशन अंडर ग्रेजुएट स्तर पर उतना लोकप्रिय नहीं है, जितना पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर। मास्टर्स कोर्स में ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों और ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों में सुधार पर अधिक बल दिया जाता है।

व्यक्तिगत गुण

एक सफल एनर्जी इंजीनियर बनने के लिए तार्किक व विश्लेषणात्मक होना जरूरी है। इस क्षेत्र में बहुत अधिक लोगों से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं पड़ती, इसलिए एक अंतर्मुखी व्यक्ति भी आसानी से एनर्जी इंजीनियर बन सकता है। एक एनर्जी इंजीनियर के रूप में कई बार बाहर जाने की आवश्यकता पड़ती है, इसलिए घर से दूर रहने की भी आदत होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त धैर्यशील व हमेशा अपडेट रहना चाहिए।

अवसर
जलवायु में बदलाव और ग्लोबल वार्मिंग के बारे में बढ़ती जागरूकता के चलते नौकरियों के बाजार में ऊर्जा इंजीनियरिंग की बहुत मांग है। विभिन्न सरकारी संस्थानों, खासकर विभिन्न राज्यों की नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसियों में प्रशिक्षित कर्मचारियों की काफी मांग है। सरकार ने उद्योगों के लिए अब ऊर्जा ऑडिटिंग, ऊर्जा सरंक्षण और ऊर्जा प्रबंधन में स्पेशलाइजेशन करने वालों की नियुक्ति को भी अनिवार्य कर दिया है।

संस्थान
 1. इंस्टीट्यूट ऑफ एनर्जी स्टडीज, अन्ना यूनिवर्सिटी
 2. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर, मुंबई
 3. सेंटर फॉर एनर्जी स्टडीज, दिल्ली
 4. पॉन्डिचेरी इंजीनियरिंग कॉलेज
 5. तेजपुर यूनिवर्सिटी, असम
 6. बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी
 7. कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
 8. जे एन टी यू कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी, हैदराबाद 
 9. स्कूल ऑफ़ एनर्जी स्टडीज डिपार्टमेन्ट, यूनिवर्सिटी ऑफ़ पुणे 

Post a Comment

0 Comments