बढ़ती आर्थिक और व्यावसायिक गतिविधि के दौर में सभी अभिरुचियों एवं विशेषज्ञता को कमाई के साधन के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। ऐसे में डांस में कमाई एवं रोजगार का अवसर पैदा होना स्वाभाविक ही है। इसमें वर्तमान पीढ़ी जमकर हिस्सा भी ले रही है तथा बदलते सामाजिक परिवेश में अब डांसर बनने की चाहत रखने वालों की बड़ी तादाद भी है।
बढ़ती आर्थिक और व्यावसायिक गतिविधि के दौर में सभी अभिरुचियों एवं विशेषज्ञता को कमाई के साधन के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। ऐसे में डांस में कमाई एवं रोजगार का अवसर पैदा होना स्वाभाविक ही है। इसमें वर्तमान पीढ़ी जमकर हिस्सा भी ले रही है तथा बदलते सामाजिक परिवेश में अब डांसर बनने की चाहत रखने वालों की बड़ी तादाद भी है। क्योंकि थोड़ी सी मेहनत से उन्हें ढेर सारी शोहरत रातोंरात मिल जाती है। युवाओं के इसी मनोविज्ञान को भांपते हुए कई सरकारी और निजी संस्थानों में डांस एक सब्जेक्ट के रूप में शामिल कर लिया गया है।
योग्यता
डांस में करियर बनाने के लिए कम से कम 12वीं पास होना जरूरी है। वैसे इस फील्ड में किताबी ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण रिदम की समझ तथा बॉडी लैंग्वेज और डांस स्टेप्स को सही रूप में पेश करने की क्षमता का होना है।
डांस में कोर्स करने के बाद कला केन्द्रों, विभिन्न टीवी चैनलों, डांस ट्रूप्स आदि में रोजगार के अवसर हैं। इस एरिया में डांस टीचर, कोरियोग्राफर और परफॉर्मर के रूप में करियर के खास विकल्प हैं। विभिन्न टीवी चैनल्स (चैनल वी और एमटीवी), नृत्य संस्थान, म्यूजिक एलबम, बालीवुड में करियर के बेहतर विकल्प हैं। विदेशों में भी हिन्दुस्तानी लोकनृत्य, भांगड़ा आदि की खासी डिमांड है। वैस्टर्न डांस जैसे साल्सा, जैज, रॉक, हिप हाप, बेले डांसर में प्रशिक्षित लोगों के लिए अवसर ही अवसर हैं। इसके अलावा डांस इंस्टीट्यूट खोलकर स्वयं का रोजगार भी शुरू किया जा सकता है। डांस में डिग्री, डिप्लोमा करने के बाद एक बेहतरीन कोरियोग्राफर बन सकते हैं और लाखों कमा सकते हैं। अब तो कई यूनिवर्सिटी में डांस एक प्रमुख कोर्स के रूप शामिल हो चुका है। ऐसे में वहां भी करियर के ढेर सारे ऑप्शन हैं। डांस रिएलिटी शोज के जरिए लोगों के अंदर की झिझक खत्म हो गई है। अब तो छोटे शहरों के लोग भी इसमें करियर तलाशने लगे हैं।
कोर्स
डांस को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला शास्त्रीय या क्लासिकल और दूसरा लोकनृत्य या फॉकडांस। कोर्स में इन दोनों के बारे में सामान्य ज्ञान के अलावा नृत्य के इतिहास और वर्तमान में इसकी अहमियत के बारे में बताया जाता है। डांस में सर्टिफिकेट कोर्स के अलावा, डिप्लोमा, डिग्री और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के कोर्स भी किये जा सकते हैं। इस कोर्स में डांस सिखाने के साथ ही गानों की धुनों पर स्टेप देना और उसकी बारीकियों के बारे में विस्तार से बताया जाता है। इसके अलावा यदि किसी के पास प्रैक्टिकल ज्ञान के अलावा थ्योरेटिकल ज्ञान भी है, तो इस क्षेत्र में बेहतर करियर बनाया जा सकता है।
फीस
चूंकि डांस में कई तरह के कोर्स हैं, इसलिए इन कोर्स की फीस भी अलग-अलग है। सरकारी संस्थानों में न्यूनतम फीस अदा कर डांस में डिग्री और डिप्लोमा हासिल कर सकते हैं। लेकिन प्राइवेट इंस्टीट्यूट में 25 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक फीस ली जाती है। कत्थक और दूसरे भारतीय नृत्यों को सीखने की फीस 5 हजार से 20 हजार रुपये तक है, वहीं समर व हॉबी कोर्सेज एक हजार रुपये में भी कर सकते हैं। ये कोर्स कम से कम एक महीने का होता है।
संस्थान
1. गंधर्व महाविद्यालय, नई दिल्ली
2. कत्थक केंद्र, दिल्ली
3. डांस जोन प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली
4. शामक डाबर इंस्टीट्यूट आफ परफार्मिंग आटर्स, नई दिल्ली
5. बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, फैकल्टी ऑफ आर्ट्स ऐंड फैकल्टी ऑफ सोशल साइंसेज
6. जेनिथ डांस ग्रुप एंड इंस्टीट्यूट, पटना
7. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर, बिहार यूनिवर्सिटी, मुजफ्फरपुर
8. माधवी स्कूल ऑफ डांस, जमशेदपुर
9. कॉलेज आफ म्यूजिक एंड फाइन आर्ट्स, रांची
10. रवीन्द्र भारती यूनिवर्सिटी, फैकल्टी ऑफ फाइन आर्ट्स, कोलकाता
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