Post

साइबर लॉ एक्सपर्ट

 इंटरनेट की पहुंच मेट्रो और बी ग्रेड वाले शहरों से आगे बढ़कर ग्रामीण स्तर तक हो रही है। साथ ही धीरे-धीरे लगभग सभी क्षेत्रों में इंटरनेट या कम्प्यूटर पर निर्भरता  बढ़ रही है। साईबर अपराध अर्थात साइट हैकिंग से लेकर ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड अथवा साइबर बुलिंग की जो खबरें अभी सुनने को मिल रही हैं, उसमें और बढ़ोतरी ही होनी है।

इंटरनेट की पहुंच मेट्रो और बी ग्रेड वाले शहरों से आगे बढ़कर ग्रामीण स्तर तक हो रही है। साथ ही धीरे-धीरे लगभग सभी क्षेत्रों में इंटरनेट या कम्प्यूटर पर निर्भरता  बढ़ रही है। साईबर अपराध अर्थात साइट हैकिंग से लेकर ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड अथवा साइबर बुलिंग की जो खबरें अभी सुनने को मिल रही हैं, उसमें और बढ़ोतरी ही होनी है। ज्यादातर लोग, यह नहीं समझ पाते कि कैसे उनके ई-मेल में किसी अज्ञात व्यक्ति ने सेंध लगाई या कैसे कम्प्यूटर से उनका जरूरी डाटा पल भर में गायब हो गया। यही कारण है कि भारत में साइबर लॉ का विस्तार सभी क्षेत्रों में हो रहा है। वर्तमान में हर क्षेत्र में साइबर लॉ एक्सपर्ट की काफी डिमांड है। क्योंकि हर संस्थान सिक्योरिटी चाहता है। इस तरह की सिक्योरिटी साइबर लॉ विशेषज्ञ के जिम्मे होता है।

योग्यता
साइबर लॉ कोर्स में प्रवेश पाने के लिए कैंडिडेट को कम से कम 12वीं या स्नातक होना आवश्यक है। पहले से लॉ या आईटी की डिग्री हासिल कर चुके स्टूडेंट्स इसे अलग से भी पढ़ सकते हैं।

व्यक्तिगत गुण
साइबर लॉ एक्सपर्ट्स के लिए आवश्यक है कि वे हमेशा नवीनतम नियमों-कानूनों को जानने के लिए तत्पर हों। साथ ही कुछ व्यवहारिक गुणों जैसे साइबर क्रिमिनल को समझने की क्षमता तथा रिसर्च करने की जिज्ञासा हो। इसके साथ ही वायरस पर नियंत्रण, अकाउंट चोरी से बचाव, इंटरनेट और सॉफ्टवेयर से संबंधित मुद्दे डील करने आदि चीजों को सीखने के लिए भी उत्सुक हों।

अवसर
सबसे ज्यादा केस साइबर क्राइम जैसे कि ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड, ऑनलाइन परचेजिंग,  ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड,  वेबसाइट बिगाड़ने आदि के दर्ज होते हैं। ऐसे में सरकारी, निजी, बैंकिंग सेक्टर, बीपीओ, आईबी, आईटी, शिक्षण-संस्थानों में इस तरह के क्राइम से निपटने के लिए साइबर लॉ एक्सपर्ट्स की जरूरत पड़ती है।

वेतन
तेजी से उभरते करियर के इस क्षेत्र में सैलरी पैकेज भी बहुत आकर्षक होती है। आरंभिक स्तर पर 15 से 20  हजार रुपये प्रति माह तक मिल जाते हैं। यदि किसी कंपनी से न जुड़कर फ्रीलांस का काम किया जाये, तो एक्सपर्ट्स बनने के बाद मुंहमांगा वेतन मिल सकता है।

कोर्स
साइबर लॉ के क्षेत्र में एक्सपर्ट बनने के लिए पीजी डिप्लोमा, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स में से किसी एक कोर्स को करना जरूरी है। हालांकि कम संस्थानों में ही इसके लिए अलग से कोर्स उपलब्ध हैं। लेकिन अधिकतर संस्थानों में इससे संबंधित एक या दो सब्जेक्ट अवश्य पढ़ाए जाते हैं। इस कोर्स के अंतर्गत साइबर लॉ और साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी मूल बातें, नेटवर्क सुरक्षा, हमलों के प्रकार, नेटवर्क सिक्योरिटी के खतरे, हमले और खामियां, सुरक्षा संबंधी समाधान और उन्नत सुरक्षा प्रणाली आदि विशेष रूप से पढ़ाए जाते हैं। इसके साथ ही संस्थान द्वारा विद्यार्थियों के लिए एक डिजिटल लाइब्रेरी की भी व्यवस्था होती है, ताकि स्टूडेंट्स इससे जुड़ी अन्य जानकारी भी हासिल कर सकें। ये कोर्स खासकर लॉ स्टूडेंट्स, पेशेवर लॉयर्स, आईटी प्रोफेशनल्स, स्टूडेंट्स, सिक्योरिटी ऑडिटर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, बैंकिंग, इंश्योरेंस और अन्य प्रोफेशनल्स के लिए काफी फायदेमंद हो सकते हैं।

संस्थान

  1.  डिपार्टमेंट ऑफ लॉ, दिल्ली यूनिवर्सिटी
  2.  इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट,भगवान दास रोड, नई दिल्ली
  3.  एमिटी लॉ स्कूल, दिल्ली
  4.  आईएमटी, मेरठ रोड, गाजियाबाद
  5.  इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद
  6.  फैकल्टी ऑफ लॉ, लखनऊ यूनिवर्सिटी, लखनऊ
  7.  स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज, हिमाचल यूनिवर्सिटी, शिमला
  8.  पश्चिम बंगाल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ज्यूडिशियल साइंस, कोलकाता
  9.  नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जोधपुर

Post a Comment

0 Comments