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भारत में एप डेवलपर का करियर और फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स

आजकल हम अपने स्मार्ट फोन्स में कई मोबाइल एप्स रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं लेकिन हम उन व्यक्तियों या पेशेवरों के बारे में नहीं सोचते हैं, जिन्होंनें इन मोबाइल एप्स को डेवलेप किया है. आप भी भारत में एक एप डेवलपर के तौर पर अपना करियर शुरू कर सकते हैं और आपको यह जानकर ख़ुशी होगी कि इसमें करियर ग्रोथ की काफी आशाजनक संभावनाएं हैं.  

यूं तो आजकल इंटरनेट और टेक्नोलॉजी का जमाना होने के कारण भारत सहित दुनिया भर के देशों में आईटी और टेक्नोलॉजी की किसी फील्ड से संबंधित एक्सपर्ट्स की काफी डिमांड हैं लेकिन आज हम चर्चा कर रहे हैं एक खास पेशेवर अर्थात ऐसे टेक्नो-एक्सपर्ट की जिसका काम और पेशा हमारे रोज़मर्रा के जीवन को प्रभावित करता है. जी हां! आज हम एप डेवलपर के पेशे के बारे में इस आर्टिकल में आपसे सभी जरूरी जानकारी साझा कर रहे हैं जो हमारे स्मार्ट फ़ोन्स के लिए विभिन्न किस्म की सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन्स डेवलप करते हैं. अगर आपको भी स्मार्ट मोबाइल फ़ोन्स में काफी दिलचस्पी है तो आप एक मोबाइल एप डेवलपर के तौर पर अपना करियर शुरू कर सकते हैं. एक महत्वपूर्ण फैक्ट तो यह भी है कि इन पेशेवरों को आजकल देश-दुनिया में काफी बढ़िया सैलरी पैकेज मिलता है. आइये आगे पढ़ें:

भारत में एप डेवलपर्स के लिए ये हैं खास करियर ऑप्शन्स

हमारे देश में एप डेवलपर्स के लिए एप डेवलपमेंट से संबंधित विभिन्न फ़ील्ड्स में जॉब्स के कई बेहतरीन अवसर आकर्षक सैलरी पैकेज के साथ उपलब्ध हैं और ये पेशेवर किसी मान्यताप्राप्त या सुप्रसिद्ध एजुकेशनल इंस्टीट्यूट से वांछित एजुकेशनल क्वालिफिकेशन्स और सर्टिफिकेशन हासिल करने के बाद निम्नलिखित जॉब प्रोफाइल्स या करियर ऑप्शन्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

  • मोबाइल एप्लीकेशन डेवलपर – ये पेशेवर किसी भी व्यक्ति या उपभोक्ता द्वारा इस्तेमाल की जाने वाले हरेक किस्म के सॉफ्टवेयर्स तैयार करते हैं. ये पेशेवर अधिकतर जावा, C++ या ओरेकल लैंग्वेज का इस्तेमाल करके अपनी सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन्स तैयार करते हैं. हमारे रोज़ाना के इस्तेमाल के लिए ये पेशेवर पावर पॉइंट, की नोट्स, स्प्रेडशीट्स और वर्ड प्रोसेसर जैसे डेस्कटॉप प्रोग्राम्स तैयार करते हैं.

आईटी प्रोफेशनल्स के लिए कंप्यूटर नेटवर्किंग में करियर स्कोप

  • फ्रंट-एंड डेवलपर – ये पेशेवर यूजर इंटरफ़ेस अर्थात UI को आकर्षक बनाने के लिए काम करते हैं ताकि यूजर एक्सपीरियंस में सुधार लाकर कंपनी का कारोबार बढ़ाया जा सके. इन पेशेवरों के काम या टैलेंट को क्लाइंट्स देखते हैं या फिर हम यूं भी कह सकते हैं कि, इन पेशेवरों के काम का कंपनी के क्लाइंट्स पर सीधा असर पड़ता है. इन पेशेवरों के काम के लिए HTML, जावा और CSS लैंग्वेजेज और कोडिंग अनिवार्य है.
  • बैक-एंड डेवलपर – ये पेशेवर बैक-एंड पर मोबाइल एप के इंजन को हैंडल करते हैं और मोबाइल एप्स को डाटाबेसेस से जोड़ते हैं. इन पेशेवरों के लिए पाइथन, जावा. .नेट, PHP और रूबी में कोडिंग की जानकारी होना काफी महत्वपूर्ण होता है.
  • फुल-स्टैक डेवलपर – ये पेशेवर एप डेवलपमेंट की फील्ड में फ्रंट-एंड और बैक-एंड, इन दोनों ही टेक्नोलॉजीज के साथ वेब फ्रेमवर्क्स पर काम कर सकते हैं. ये पेशेवर कंपनी प्रोडक्ट तैयार करने के लिए डाटा बेसेस, सर्वर्स और फ्रंट-एंड टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं.
  • क्लाउड डेवलपर – आपने अमेज़न वेब सर्विस, अलीबाबा, माइक्रोसॉफ्ट एज्योर और गूगल क्लाउड के नाम तो जरुर सुने होंगे. आजकल दुनिया-भर के इंटरनेट और डिजिटल कामकाज में क्लाउड का काफी इस्तेमाल हो रहा है और ये पेशेवर क्लाउड पर विभिन्न किस्म की एप्लीकेशन्स को प्लान, डिज़ाइन, इम्प्लीमेंट और मैनेज करने से संबंधित सभी काम करते हैं. ये पेशेवर अपनी कंपनी के पूरे क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर सिस्टम को ऑपरेट और मेंटेन करने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होते हैं.
  • लैंग्वेज कम्पाइलर डेवलपर – ये पेशेवर सॉफ्टवेयर्स के लिए कोडिंग लैंग्वेजेज तैयार करते हैं. इसके साथ ही किसी एक कोडिंग लैंग्वेज को अनेक तरीकों से इस्तेमाल करने के तरीके भी ये पेशेवर ही डेवलप करते हैं. ये पेशेवर लैंग्वेजेज के लिए ऐसे कोड्स डेवलप करते हैं जिन्हें कंप्यूटर समझ सके.
  • एम्बेडेड सिस्टम डेवलपर – ये पेशेवर बहुत लो लेवल के कोड्स तैयार करते हैं लेकिन इनका काम भी काफी महत्वपूर्ण होता है. हमारे ओवन, टोस्टर, फ्रिज और प्रिंटर जसी सभी इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स को ये लोग कस्टमर्स की अलग-अलग जरूरतों के मुताबिक डेवलप करते हैं. इन पेशेवरों को हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की काफी अच्छी जानकारी होनी चाहिए. ये पेशेवर अपने काम के लिए लो और हाई लेवल की कोडिंग लैंग्वेजेज जैसेकि, जावा, पर्ल, पाइथन, XML और C/ C++ का इस्तेमाल करते हैं.

एप डेवलपर्स के लिए ये हैं कुछ अन्य प्रमुख करियर ऑप्शन्स:

एप डेवलपरर्स के लिए नीचे कुछ अन्य प्रमुख करियर्स की एक लिस्ट पेश है:

  • ऑब्जेक्टिव-C डेवलपर
  • एंड्राइड एप्लीकेशन डेवलपर
  • विंडोज़ मोबाइल एप डेवलपर
  • iफोन/ iOS एप्लीकेशन डेवलपर
  • जावा एप्लीकेशन डेवलपर
  • लाइनक्स केरनल एंड ओएस डेवलपर
  • टूल्स एंड एंटरप्राइस सॉफ्टवारे डेवलपर

भारत में एप डेवलपर के करियर के लिए जरूरी हैं ये एजुकेशनल क्वालिफिकेशन्स और एलिजिबिलिटी:

हमारे देश में एप डेवलपर का करीयर शुरु करने के लिए स्टूडेंट्स ने किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड से अपनी 12 वीं क्लास साइंस (फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स) विषय के साथ पास की हो और फिर:

  • अंडरग्रेजुएट कोर्सेज – बीएससी/ बीई/ बीटेक/ बीसीए (कंप्यूटर साइंस, कंप्यूटर एप्लीकेशन, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, इनफार्मेशन सिस्टम्स)
  • पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज – एमएससी/ एमई/ एमसीए (कंप्यूटर साइंस, कंप्यूटर एप्लीकेशन)
  • इंटर्नशिप एंड पीजी ट्रेनिंग – पोपुलर प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज एंड वर्क एक्सपीरियंस

इसके अलावा, स्टूडेंट्स भारत के टॉप कॉलेजों, यूनिवर्सिटीज़ और विभिन्न मैनेजमेंट/ टेक्नोलॉजिकल  इंस्टीट्यूट्स से भी विभिन्न अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज तथा इंटर्नशिप ट्रेनिंग कर सकते हैं.

भारत में B.Tech. ग्रेजुएट्स के लिए उपलब्ध हैं ये खास ऑप्शन्स

भारत में एप डेवलपमेंट की फील्ड से संबंधित कोर्सेज करवाने वाले प्रमुख इंस्टीट्यूट्स

एक एप डेवलपर के तौर पर अपना करियर शुरू करने के इच्छुक स्टूडेंट्स और जॉब सीकर्स निम्नलिखित एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स से अपना मनचाहा एजुकेशनल डिग्री या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं:

  • एपटेक
  • सीडैक
  • इंटरनेट एकेडेमी
  • NIIT
  • एस वेब एकेडेमी, हैदराबाद/ सिकंदराबाद
  • विद्यानिधि इन्फो टेक एकेडेमी
  • कोहिनूर टेक्निकल इंस्टीट्यूट

एप डेवलपर पेशेवरों के लिए जरुरी है ये बेसिक कोडिंग

  • HTML
  • CSS
  • Java Script
  • प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज जैसेकि जावा, स्विफ्ट, C# या C++ और पाइथन.

एप डेवलपर्स के लिए महत्वपूर्ण सर्टिफिकेट्स

हमारे देश में अभी प्रसिद्ध मोबाइल एप डेवलपमेंट सर्टिफिकेशन्स बहुत ज्यादा नहीं हैं लेकिन समय बीतने के साथ अब इन पेशेवरों के लिए एक एप डेवलपर के तौर पर अपना करियर शुरू करने के लिए पेशेवरों निम्नलिखित सर्टिफिकेशन्स में से कोई एक सर्टिफिकेट हासिल करना बहुत जरुरी हो गया हैं:

  • गूगल एसोसिएट एंड्राइड डेवलपर
  • IBM सर्टिफिकेट – मोबाइल एप्लीकेशन डेवलपर
  • माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफिकेट – सोल्यूशन डेवलपर: एप डेवलपर
  • एटीसी एंड्राइड सर्टिफिकेट – एप्लीकेशन डेवलपर
  • ओरेकल सर्टिफाइड प्रोफेशनल

ये शॉर्ट-टर्म टेक्निकल कोर्सेज दिला सकते हैं आपको तुरंत जॉब

भारत में एप डेवलपर्स के लिए ये सेक्टर्स हैं महत्वपूर्ण

वैसे तो एप डेवलपर्स के लिए भारत सहित दुनिया के सभी देशों में आजकल लगातार हो रही टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट के कारण सभी सरकारी और प्राइवेट सेक्टर्स में एप डेवलपमेंट से संबंधित विभिन्न फ़ील्ड्स में अनेक करियर ऑप्शन्स और जॉब के अवसर मौजूद हैं लेकिन नीचे दिए जा रहे सेक्टर्स में इन पेशेवरों के लिए रोज़गार के साथ शानदार भविष्य और करियर ग्रोथ की काफी आशाजनक संभावनाएं हैं जो लगातार बढ़ती ही जा रही हैं क्योंकि हमारे दैनिक जीवन में इन सभी सेक्टर्स का सीधा दखल रहता है जैसेकि:

  • एजुकेशन
  • गेमिंग
  • बैंकिंग और फाइनेंशल सेक्टर
  • ई-कॉमर्स
  • सोशल नेटवर्किंग साइट्स
  • प्रोडक्ट एंड सर्विस कंपनियां
  • टेक कंपनियां
  • इंटरनेट बेस्ड कारोबार

भारत में एप डेवलपर को मिलने वाला सैलरी पैकेज

हमारे देश में किसी एप डेवलपर को शुरू-शुरू में एवरेज 25 – 30 हजार रुपये मासिक सैलरी मिलती है. कुछ वर्षों के अनुभव के बाद ये पेशेवर एवरेज 50 – 60 हजार रुपये मासिक का सैलरी पैकेज लेते हैं जो कार्य अनुभव बढ़ने के साथ ही बढ़ता जाता है. इस फील्ड में अनुभवी और टैलेंटेड पेशेवर एवरेज 8 – 9 लाख रुपये सालाना या उससे अधिक रुपये का सैलरी पैकेज भी हासिल कर सकते हैं. ये पेशेवर एक फ्रीलांसर के तौर पर भी अपना करियर शुरू कर सकते हैं और देश के बड़े ब्रांड्स के लिए मोबाइल एप तैयार करके लाखों रुपये कमा सकते हैं.   

भारत में एप डेवलपर पेशेवरों के लिए टॉप रिक्रूटिंग कंपनीज़

वैसे तो आजकल के इस स्मार्ट फ़ोन्स के युग में एप डेवलेपर्स के लिए जॉब मार्केट में अपना करियर शुरू करने के लिए अनेक सूटेबल अवसर उपलब्ध हैं, लेकिन यहां पेश है भारत के टॉप रिक्रूटर्स की एक लिस्ट:

  • टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज
  • ओपनएक्सेल
  • मोबीसॉफ्ट
  • सन इन्फोटेक
  • सुगुना फूड्स प्राइवेट लिमिटेड
  • एकेएस सॉफ्टवेयर लिमिटेड
  • माइंड टेक्नोलॉजीज

 

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