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इंडियन स्टूडेंट्स ये कोर्सेज करके बने एक कामयाब मरीन आर्कियोलॉजिस्ट

 इंडियन स्टूडेंट्स के लिए मरीन आर्कियोलॉजी में भी काफी बेहतरीन करियर ऑप्शन्स उपलब्ध हैं. आप भी अगर समुद्र को लेकर काफी इंटरेस्टेड हैं तो इस फील्ड में आपके लिए ग्रोथ की काफी गुंजाइश है.

कई लोगों में समुद्र और समुद्री जीवन के बारे में काफी जिज्ञासा होती है और अगर आप भी एक ऐसे ही इंडियन स्टूडेंट हैं तो फिर, आपके लिए मरीन आर्कियोलॉजिस्ट का करियर एक बेहतरीन करियर ऑप्शन साबित हो सकता है. भारत में आप पानी के नीचे जीवन और संसाधनों के अध्ययन और योगदान के लिए एक समुद्री पुरातत्वविद् अर्थात मरीन आर्कियोलॉजिस्ट/ अंडरवाटर आर्कियोलॉजिस्ट बन सकते हैं. ‘आर्कियोलॉजी’ एक ऐसी रिसर्च फील्ड है जिसके तहत देश-दुनिया में खुदाई के बाद मिले पुराने और बहुत पुराने अवशेषों, खंडरों और अन्य सामग्री का गहन अध्ययन करके हजारों साल पुराने मानव जीवन और बहुत पुरानी मानव सभ्यताओं तथा मानव संस्कृति का अध्ययन किया जाता है ताकि आधुनिक संदर्भ में मानव सभ्यता के विकास क्रम की जानकारी हासिल की जा सके. आर्कियोलॉजी एक्सपर्ट्स ही आर्कियोलॉजिस्ट कहलाते हैं. इंडियन स्टूडेंट्स के लिए मरीन आर्कियोलॉजी की फील्ड में कई आकर्षक करियर ऑप्शन्स उपलब्ध हैं. आइये आगे पढ़ें यह आर्टिकल:  

मरीन आर्कियोलॉजी का परिचय

मरीन आर्कियोलॉजी आर्कियोलॉजी की एक ऐसी ब्रांच है जिसमें समुद्रों, नदियों, झीलों या पानी के अन्य स्रोतों के भीतर पाए जाने वाले अवशेषों या अन्य सामग्री के जरिये मानव जीवन के इतिहास की जानकारी हासिल करके, मानव इतिहास को समझने की कोशिश की जाती है ताकि मानव जीवन और संस्कृति की सटीक जानकारी मिल सके.

मरीन अर्कियोलॉजिस्ट का प्रोफेशन

मरीन आर्कियोलॉजिस्ट या अंडरवाटर आर्कियोलॉजिस्ट अपने देश या दुनिया के समुद्र, नदियों, झीलों या अन्य वाटर रिसोर्सेज के नीचे दबे अवशेषों, भवनों या खंडरों का पता लगाकर, उनका अध्ययन करते हैं ताकि उनसे संबंधित मानव इतिहास की सटीक जानकारी मिल सके. मरीन आर्कियोलॉजी में मॉडर्न और लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इन पेशेवरों का अधिकतर काम पानी की गहराई में होता है.

भारत में मरीन अर्कियोलॉजिस्ट के लिए एजुकेशनल क्वालिफिकेशन और एलिजिबिलिटी

हमारे देश में आर्कियोलॉजी में ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स करने के लिए स्टूडेंट्स ने किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड से साइंस स्ट्रीम में अच्छे मार्क्स के साथ 12वीं पास की हो. स्टूडेंट्स को हिस्ट्री की भी अच्छी जानकारी होनी चाहिए. इस फील्ड में पोस्टग्रेजुएशन करने के लिए स्टूडेंट्स ने किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से न्यूनतम 50% मार्क्स के साथ ग्रेजुएशन की हो. भारत में कुछ यूनिवर्सिटीज़ एंट्रेंस एग्जाम लेकर पोस्टग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन देती हैं.

भारत में आर्कियोलॉजी/ मरीन आर्कियोलॉजी से संबंधित प्रमुख एजुकेशनल डिग्री/ डिप्लोमा कोर्सेज निम्नलिखित हैं:

डिप्लोमा कोर्सेज:

  • डिप्लोमा – इंडियन आर्कियोलॉजी
  • पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा – आर्कियोलॉजी

अंडरग्रेजुएट कोर्सेज:

  • बीए - इंडियन हिस्ट्री, कल्चर एंड आर्कियोलॉजी
  • बीए - आर्कियोलॉजी एंड म्यूजियोलॉजी

पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज:

  • एमए – आर्कियोलॉजी
  • एमए – एनशियेंट इंडियन हिस्ट्री एंड आर्कियोलॉजी
  • एमएससी – आर्कियोलॉजी

डॉक्टरेट कोर्सेज:

  • एमफिल - एनशियेंट इंडियन हिस्ट्री, कल्चर एंड आर्कियोलॉजी
  • पीएचडी - एनशियेंट इंडियन हिस्ट्री, कल्चर एंड आर्कियोलॉजी

भारत के इन टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स मरीन अर्कियोलॉजी के कोर्सेज

हमारे देश में स्टूडेंट्स निम्नलिखित प्रमुख एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स से आर्कियोलॉजी और मरीन आर्कियोलॉजी में कोर्स कर सकते हैं:

•    आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली
•    बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
•    अन्नामलाई यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु
•    कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, हरियाणा
•    दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेरिटेज रिसर्च एंड मैनेजमेंट, नई दिल्ली
•    एनशियेंट इंडियन हिस्ट्री, कल्चर एंड आर्कियोलॉजी, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़, पंजाब
•    पांडिचेरी यूनिवर्सिटी, पांडिचेरी, भारत
•    तमिल यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु
•    आन्ध्र यूनिवर्सिटी, आंध्रप्रदेश
•    महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी, कोट्टयम

भारत में मरीन आर्कियोलॉजिस्ट का जॉब प्रोफाइल और करियर स्कोप

आजकल भारत सहित दुनिया-भर में मरीन आर्कियोलॉजी की फील्ड में संभावनाएं बढ़ रही हैं क्योंकि अब मरीन साइंटिस्ट्स और आर्कियोलॉजिस्ट के साथ-साथ आम जनता में भी अंडरवाटर लाइफ/ मरीन लाइफ के बारे में इंटरेस्ट और जिज्ञासा बढ़ रही है जिस कारण अंडरवाटर टूरिज्म का भी देश-दुनिया में विकास हो रहा है. भारत में आर्कियोलॉजिस्ट/ मरीन आर्कियोलॉजिस्ट निम्नलिखित प्रमुख करियर ऑप्शन्स या  जॉब्स के लिए अप्लाई करें:

  • मरीन आर्कियोलॉजिस्ट

पानी में पाये जाने वाले शिप्स के अवशेषों, शिलाओं और किसी भी प्रकार की संरचना के अध्ययन और रिसर्च का काम मरीन आर्कियोलॉजिस्ट्स करते हैं. समुद्र के किनारे बसी प्राचीन सभ्यताओं के बारे में भी मरीन आर्कियोलॉजिस्ट्स रिसर्च करते हैं.

  • एनवायरनमेंटल आर्कियोलॉजिस्ट

पुरानी मानव सभ्यताओं और समाजों के एनवायरनमेंट पर पड़ने वाले असर का अध्ययन करने से जुड़े सारे काम एनवायरनमेंट आर्कियोलॉजिस्ट्स करते हैं.

  • लेक्चरर/ प्रोफेसर

देश के विभिन्न कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज़ में आर्कियोलॉजी विषय पढ़ाने और संबंधित रिसर्च करने का काम देश के लेक्चरर्स और प्रोफेसर्स करते हैं.

  • एक्सपेरिमेंटल आर्कियोलॉजिस्ट

नष्ट हो चुके अवशेषों, मूर्तियों और अन्य सामग्री को पहले जैसा बनाने के लिए ही एक्सपेरिमेंटल आर्कियोलॉजिस्ट्स अपने ज्ञान और प्रतिभा का इस्तेमाल करते हैं.

  • पालिओंटोलॉजिस्ट

पालिओंटोलॉजिस्ट्स ज्ञानी मानव या होमोसेपियंस के पृथ्वी पर आने से पहले, यहां मौजूद विभिन्न पशु-पक्षियों और वनस्पति जगत का अध्ययन करते हैं.

भारत में मरीन आर्कियोलॉजिस्ट को मिलता है यह सैलरी पैकेज

इस फील्ड में अपना करियर शुरू करने पर इन पेशेवरों को एवरेज 3 – 4 लाख का सैलरी पैकेज मिलता है और कुछ वर्षों के वर्क एक्सपीरियंस के बाद हाईली क्वालिफाइड पेशेवर 5 – 8 लाख रूपये का सैलरी पैकेज कमाते हैं. इन पेशेवरों की एजुकेशनल क्वालिफिकेशन, वर्क स्पेशलाइजेशन, स्किल्स और टैलेंट के मुताबिक भी इनकी सैलरी निर्धारित होती है और लगातार बढ़ती रहती है. किसी सरकारी विभाग में सीनियर आर्कियोलॉजिस्ट और सीनियर पालिओंटोलॉजिस्ट को एवरेज 10 लाख रुपये सालाना मिलते हैं. इसी तरह, हमारे देश में विभिन्न लेक्चरर्स और प्रोफेसर्स को आमतौर पर 6 - 15 लाख रुपये तक का सैलरी पैकेज मिलता है.

भारत में मरीन आर्कियोलॉजिस्ट इन टॉप रिक्रूटर्स के पास कर सकते हैं अप्लाई

हमारे देश में मरीन आर्कियोलॉजी से संबद्ध एजुकेशनल क्वालिफिकेशन हासिल करने के बाद जॉब सीकर कैंडिडेट्स निम्नलिखित इंस्टीट्यूशन्स में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं:

•    आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया
•    नेशनल म्यूजियम
•    नेशनल हेरिटेज एजेंसीज़
•    यूनिवर्सिटी, कॉलेज और एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स
•    गवर्नमेंट/ प्राइवेट म्यूजियम्स/ कल्चरल गैलरीज़
•    इंडियन काउंसिल ऑफ़ हिस्टोरिकल रिसर्च

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