ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में न सिर्फ भारतीय अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व बदलाव आया है, बल्कि इसने भारतीय कॉर्पोरेट सेक्टर को भी नई दिशा प्रदान की है। जाहिर है, इससे कॉर्पोरेट सेक्टर में नई-नई नौकरियां सामने आ रही हैं। इसमें से कॉर्पोरेट सेक्टर में फाइनेंशियल एक्सपर्ट के रूप में करियर की शुरुआत एक बड़ी उपलब्धि हो सकती है।
ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में न सिर्फ भारतीय अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व बदलाव आया है, बल्कि इसने भारतीय कॉर्पोरेट सेक्टर को भी नई दिशा प्रदान की है। जाहिर है, इससे कॉर्पोरेट सेक्टर में नई-नई नौकरियां सामने आ रही हैं। इसमें से कॉर्पोरेट सेक्टर में फाइनेंशियल एक्सपर्ट के रूप में करियर की शुरुआत एक बड़ी उपलब्धि हो सकती है। इस सेक्टर में उस समय भी संभावनाएं पर्याप्त रूप से मौजूद रहती हैं, जब दूसरे सेक्टर मंदी या अन्य कारणों से प्रभावित होते हैं। काफी व्यापक सेक्टर होने के कारण वित्त क्षेत्र में किसी भी तरह की विशेषज्ञता रखने वालों के लिए नौकरियों की कमी नहीं है। इसमें बैंकिंग, इंश्योरेंस सेक्टर, मार्केटिंग, सार्वजनिक सेक्टर, निजी व गैर सरकारी संस्थाओं के अलावा भी कई जगह पर प्लेसमेंट हो रहा है।
कार्य
फाइनेंशियल सर्विस से जुड़े प्रोफेशनल्स का मुख्य कार्य ऑर्गनाइजेशन के लिए मनी क्रिएट करना, कैश जनरेट करना और किसी भी इन्वेस्टमेंट पर अधिक से अधिक रिटर्न प्रदान करना होता है। इसके साथ ही, फाइनेंशियल प्लॉनिंग में भी इनका अहम योगदान होता है। फाइनेंस से जुड़े लोगों को किसी भी कंपनी के संपूर्ण वित्तीय प्रबंधन को समझना होता है और शीर्ष प्रबंधकों को वित्तीय और आर्थिक नीति बनाने और उन्हें लागू करने में मदद करना होता है। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड आपरेशंस का भी क्षेत्र है, जहां फाइनेंस के जानकारों का भरपूर इस्तेमाल होता है।
योग्यता
कॉमर्स बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स के लिए यह सबसे पसंदीदा क्षेत्र है। लेकिन अन्य स्ट्रीम के स्टूडेंट्स भी इसमें करियर बना सकते हैं। इसमें प्रवेश पाने के लिए न्यूनतम योग्यता किसी भी संकाय में 50 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास जरूरी है। एडमिशन मेरिट या एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर होता है।
अवसर
भारत में फाइनेंशियल एक्सपर्ट के रूप में पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। फाइनेंस में योग्यता प्राप्त प्रोफेशनल्स को कॉर्पोरेट फाइनेंस, इंटरनेशनल फाइनेंस, मर्चेंट बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, कैपिटल ऐंड मनी मार्केट, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, स्टॉक ब्रोकिंग, शेयर, रजिस्ट्री, क्रेडिट रेटिंग आदि में नौकरी मिल सकती है। सरकारी बैंकों के अलावा, निजी और विदेशी बैंकों की बढ़ती आर्थिक गतिविधियों की वजह से फाइनेंशियल एक्सपर्ट,फाइनेंशियल एनालिस्ट, फाइनेंशियल प्लानर, वेल्थ मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स आदि की डिमांड तेजी से बढ़ी है। प्राइवेट बैंकों की बात करें, तो एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, विदेशी बैंक जैसे-एबीएन मरो, सिटीगोल्ड वेल्थ मैनेजमेंट, सिटी बैंक, डच बैंक, एचएसबीसी आदि में भरपूर अवसर हैं। इसके अलावा, इंवेस्टमेंट फर्म जैसे-डीएसपी मैरील लाइंच, कोटक सिक्योरिटीज, आनंद राठी इंवेस्टमेंट और जे.एम मार्गन स्टेंली में भी रोजगार के अवसर तलाशे जा सकते हैं। इसमें प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से भी नौकरी प्राप्त की जा सकती है।
कोर्स
डिप्लोमा कोर्सेज के अलावा मास्टर डिग्री के कोर्स भी उपलब्ध हैं। फाइनेंस से संबंधित कोर्स में फाइनेंशियल अकाउंटिंग और इकोनॉमिक्स पर खास जोर दिया जाता है। यह कोर्स चार्टर्ड अकाउंटेंट, कॉस्ट अकाउंटेंट, सीएस और एमबीए प्रोफेशनल्स में काफी लोकप्रिय है।
वेतन
इस क्षेत्र में आने के बाद पैसे की कमी नहीं है। जहां तक वेतन का प्रश्न है, तो वह योग्यता, अनुभव, संस्थान के आकार और प्रकार पर निर्भर करता है।
संस्थान
1. डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल स्टडीज, दिल्ली विश्वविद्यालय
2. कॉलेज ऑॅफ बिजनेस स्टडीज,दिल्ली विश्वविद्यालय
3. फैकल्टी ऑफ कामर्स, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
4. द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट ऑफ इंडिया, हैदराबाद लखनऊ, कोलकाता, चैन्नई और पुणे फैकल्टी ऑफ कॉमर्स, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर
5. फैकल्टी ऑफ कामर्स ऐंड बिजनेस स्टडीज, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी
6. फैकल्टी ऑफ कॉमर्स, यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ
7. फैकल्टी ऑफ कॉमर्स ऐंड बिजनेस मैनेजमेंट, महíष दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक
8. फैकल्टी ऑफ कॉमर्स, उत्कल यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर
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