पशु-पक्षियों में होने वाली बीमारियों का पता लगाना, सही तरीके से इलाज कर उन्हें उनकी तकलीफों से छुटकारा दिलाना ही वेटरिनरी साइंस है। एक अनुमान के मुताबिक, भारत में पशुओं की संख्या विश्व में सबसे अधिक है। इनकी देखभाल व इलाज के लिए वर्तमान में वेटरिनरी डॉक्टरों की भारी संख्या में कमी है। यदि किसी की जानवरों, पक्षियों के देखभाल और साथ ही चिकित्सा में रूचि है तो उसके लिए वेटरिनरी डॉक्टर का पेशा कल्याण, प्रतिष्ठा और पैसा के हिसाब से बहुत ही शानदार हो सकता है।
पशु-पक्षियों में होने वाली बीमारियों का पता लगाना, सही तरीके से इलाज कर उन्हें उनकी तकलीफों से छुटकारा दिलाना ही वेटरिनरी साइंस है। एक अनुमान के मुताबिक, भारत में पशुओं की संख्या विश्व में सबसे अधिक है। इनकी देखभाल व इलाज के लिए वर्तमान में वेटरिनरी डॉक्टरों की भारी संख्या में कमी है। यदि किसी की जानवरों, पक्षियों के देखभाल और साथ ही चिकित्सा में रूचि है तो उसके लिए वेटरिनरी डॉक्टर का पेशा कल्याण, प्रतिष्ठा और पैसा के हिसाब से बहुत ही शानदार हो सकता है।
कार्य
वेटरिनरी डॉक्टर्स का कार्य पशुओं के स्वास्थ्य का खयाल रखना, उन्हें बीमारियों से छुटकारा दिलाना, उनके रहन-सहन व खानपान में सुधार करना तथा उनकी उत्पादन तथा प्रजनन क्षमता बढ़ाना होता है। इसके अलावा पशुओं से मनुष्यों में होने वाले रोगों से बचाव के लिए चिकित्सीय उपाय ढूंढने का कार्य भी करते हैं।
योग्यता
वेटरिनरी साइंस में गे्रजुएशन के लिए प्रवेश परीक्षा होती है। इस परीक्षा में आवेदन के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी विषयों में 50 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं पास करना अनिवार्य है। यह परीक्षा वेटरिनरी काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा हर वर्ष मई व जून में आयोजित की जाती है। प्रत्येक राज्य के वेटरिनरी कॉलेज की 15 प्रतिशत सीटें इसी परीक्षा के द्वारा भरी जाती है। बाकी सीटें उसी राज्य के प्रतियोगियों के लिए आरक्षित होती हैं, जहां वेटरिनरी कॉलेज स्थित होता है।
अवसर
वेटरिनरी इंडस्ट्री के कमर्शियलाइजेशन तथा भारत सरकार की उदारीकरण नीतियों के कारण यह इंडस्ट्री 35 प्रतिशत वार्षिक दर से वृद्धि कर रही है। फूड मैन्यूफैक्चरिंग, फार्मास्युटिकल्स, वैक्सीन प्रोडक्शन इंडस्ट्री से संबंधित मल्टीनेशनल कंपनियों के आने से वेटरिनरी क्षेत्र में नौकरी की मांग बढ़ रही है। पशु चिकित्सक सरकारी तथा गैर-सरकारी वेटरिनरी अस्पतालों, एनिमल हस्बैंड्री डिपार्टमेंट, पोल्ट्री फार्म, डेयरी इंडस्ट्री, मिल्क ऐंड मीट प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, सीड इंडस्ट्री, फार्मास्युटिकल सेक्टर तथा एनिमल बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कार्य कर सकते हैं। निजी अस्पताल या क्लीनिक खोलकर भी कमाई की जा सकती है। इसके अलावा रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट के क्षेत्र तथा शिक्षण-संस्थानों में शिक्षक के तौर पर कार्य करके भी आमदनी की जा सकती है।
कमाई
वेटरिनरी डॉक्टर्स की सैलॅरी उनके पद, अनुभव तथा उसकी प्रैक्टिस के आधार पर तय होती है। सरकारी क्षेत्र में वेटरिनरी डॉक्टर की औसतन सैलरी 8 हजार रुपये प्रतिमाह से 25 हजार रुपये प्रतिमाह होती है। इसके अलावा उन्हें सरकार की ओर से मूल वेतन का 25 प्रतिशत नॉन प्रैक्टिस भत्ता भी दिया जाता है। प्राइवेट सेक्टर में वेटरिनरी डॉक्टर की सैलॅरी सरकारी क्षेत्र की तुलना में कहीं अधिक होती है।
कोर्स
• बैचलर ऑफ वेटरिनरी साइंस ऐंड एनिमल हसबैंड्री (5 वर्ष)
• वेटरिनरी ऐंड लाइव स्टॉक डेवलपमेंट डिप्लोमा (2 वर्ष)
• मास्टर ऑफ वेटरिनरी साइंस (2 वर्ष)
• पीएचडी इन वेटरिनरी साइंस (2 वर्ष)
संस्थान
1. बिहार वेटरिनरी कॉलेज, पटना
2. बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, रांची
3. बॉम्बे वेटरिनरी साइंस कॉलेज
4. मुंबई शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी, श्रीनगर
5. चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार
6. गोविंद वल्लभ पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर
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