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फोरेंसिक एक्सपर्ट

 बढ़ते हुए अपराध और आपराधिक गतिविधियों से फोरेंसिक एक्सपर्ट के महत्व और जरूरत में भी वृद्धि हुई है।  फोरेंसिक एक्सपर्ट विज्ञान के सिद्धांतों और नई तकनीकों का उपयोग करते हुए क्राइम का इन्वेस्टिगेशन करते हैं। दरअसल, क्राइम को बेनकाब करने के लिए एक्सपर्ट ब्लड, बॉडी फ्लूड, हेयर, फिंगरप्रिंट, फूटप्रिंट, टिशू आदि की मदद लेते हैं।

बढ़ते हुए अपराध और आपराधिक गतिविधियों से फोरेंसिक एक्सपर्ट के महत्व और जरूरत में भी वृद्धि हुई है।  फोरेंसिक एक्सपर्ट विज्ञान के सिद्धांतों और नई तकनीकों का उपयोग करते हुए क्राइम का इन्वेस्टिगेशन करते हैं। दरअसल, क्राइम को बेनकाब करने के लिए एक्सपर्ट ब्लड, बॉडी फ्लूड, हेयर, फिंगरप्रिंट, फूटप्रिंट, टिशू आदि की मदद लेते हैं। आमतौर पर फोरेंसिक एक्सपर्ट पुलिस के साथ मिल कर ही काम करते हैं। फोरेंसिक एक्सपर्ट्स के लिए रोजगार के अवसरों की अब कोई कमी नहीं है। गवर्नमेंट सेक्टर के साथ-साथ प्राइवेट संस्थानों में भी नौकरी की भरपूर संभावनाएं मौजूद हैं। खास बात यह है कि इन दिनों इस प्रोफेशन के प्रति युवाओं में बेहद क्रेज देखा जा रहा है।

योग्यता
फोरेंसिक साइंस में एंट्री के लिए साइंस बैकग्राउंड का होना जरूरी है। साइंस सब्जेक्ट से 10+2 कर करने के बाद
फोरेंसिक साइंस में ग्रेजुएशन किया जा सकता है। ग्रेजुएशन के बाद फोरेंसिक साइंस और क्रिमिनोलॉजी में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में भी एंट्री मिल सकता है। फोरेंसिक साइंस से मास्टर डिग्री कोर्स करने के लिए स्नातक में फिजिक्स, केमिस्ट्री, जूलोजी, बॉटनी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, बी.फार्मा, बीडीएस  और अप्लायड साइंस में से किसी एक में 60 प्रतिशत अंक होना जरूरी है। इसके अलावा, फोरेंसिक स्पेशलिस्ट (जो मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम करते हैं) बनने के लिए एमबीबीएस की डिग्री जरूरी है। इसके बाद फोरेंसिक साइंस में एमडी भी कर सकते हैं।

अवसर
फोरेंसिक एक्सपर्ट के लिए गवर्नमेंट और प्राइवेट ऑर्गनाइजेशन में जॉब की अच्छी संभावनाएं हैं। यदि गवर्नमेंट एजेंसी की बात करें, तो फोरेंसिक साइंटिस्ट के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआई), स्टेट पुलिस फोर्स के क्राइम सेल तथा सेन्ट्रल गवर्नमेंट व स्टेट गवर्नमेंट के फोरेंसिक लैब में करियर बनाने का भरपूर अवसर उपलब्ध है। केवल यही नहीं, रीजनल और मोबाइल लैब्स की संख्या भी बढ़ती जा रही है। वैसे, कुछ लैब में फोरेंसिक से जुड़े स्टूडेंट्स को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर भी रखा जाने लगा है। गवर्नमेंट व स्टेट फोरेंसिक लैब, प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी आदि में काम करने का भरपूर मौका है। इसके अलावा, फोरेंसिक टीचर के रूप में एवं प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी आदि में काम करने का भरपूर अवसर है। ऐसे में इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए रोजगार की फिलहाल कोई समस्या नहीं है।

कमाई
गवर्नमेंट ऑर्गनाइजेशन में फोरेंसिक एक्सपर्ट को तकरीबन आठ से 10 हजार रुपये प्रति माह शुरू में सैलॅरी मिल जाती है। परंतु , प्राइवेट एजेंसी में फोरेंसिक एक्सपर्ट की सैलॅरी आकर्षक होती है।

कोर्स
देश में प्रमुख शिक्षण संस्थानों में फोरेंसिक साइंस से जुड़े कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं :
 • डिप्लोमा इन फोरेंसिक साइंस ऐंड क्रिमिनोलॉजी 
 • बीएससी इन फोरेंसिक साइंस
 • पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन क्रिमिनोलॉजी ऐंड पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन
 • एमएससी इन फोरेंसिक साइंस
 • एमएससी इन क्रिमिनोलॉजी ऐंड फोरेंसिक साइंस
 • एमएससी इन साइबर फोरेंसिक्स ऐंड इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी
 • एमए क्रिमिनोलॉजी ऐंड क्रिमिनल जस्टिस

इन क्षेत्रों  में स्पेशलाइजेशन भी किया जा सकता है : क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन, फोरेंसिक  पैथोलॉजी/ मेडिसिन, फोरेंसिक एंथ्रोपालॉजी, फोरेंसिक डेंटिस्ट्री, क्लिनिकल फोरेंसिक मेडिसिन, फोरेंसिक एंटोमोलॉजी, फोरेंसिक सेरालॉजी, फोरेंसिक केमिस्ट, फोरेंसिक इंजीनियर, फोरेंसिक आर्टिस्ट व स्कल्पचर, टॉक्सिकोलॉजी।

संस्थान
 1. इंस्टीटयूट ऑफ फोरेंसिक साइंस ऐंड क्रिमिनोलॉजी, बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी
 2. डिपार्टमेंट ऑफ फोरेंसिक साइंस, पंजाब यूनिवर्सिटी
 3. दिल्ली यूनिवर्सिटी
 4. डॉ. भीमराव अम्बेदकर यूनिवर्सिटी, आगरा
 5. लोक नायक जयप्रकाश नारायण नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी ऐंड  फोरेंसिक साइंस, दिल्ली
 6. गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली

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