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कार्टोग्राफर के रूप में एक्साइटिंग एवं क्रिएटिव कैरियर

 प्रोफेशनल्स जिन्हें मैप या चार्ट बनाने का आर्ट आता है, वे कार्टोग्राफर या मैप मेकर के नाम से जाने जाते हैं। एक कार्टोग्राफर साइंटिफिक, टेक्नोलॉजिकल और आर्टिस्टिक तरीके से मैप बनाता है.

प्रोफेशनल्स जिन्हें मैप या चार्ट बनाने का आर्ट आता है, वे कार्टोग्राफर या मैप मेकर के नाम से जाने जाते हैं। एक कार्टोग्राफर साइंटिफिक, टेक्नोलॉजिकल और आर्टिस्टिक तरीके से मैप बनाता है। इसके लिए वह सर्वे, एरियल फोटोग्राफ, सैटेलाइट इमेज की मदद लेता है। कुछ क्रिएटिव और एक्साइटिंग करना चाहते हैं, तो बतौर कार्टोग्राफर करियर बना सकते हैं।

कॉम्बिनेशन ऑफ स्किल्स

एक कार्टोग्राफर को ज्योग्राफी और एनवॉयरनमेंट की बेसिक नॉलेज होनी चाहिए। जिन लोगों में डिजाइनिंग का सेंस होता है, वे किसी फोटोग्राफ और ड्रॉइंग को बारीकी से समझ कर मैप क्रिएट कर सकते हैं। कार्टोग्राफी के फील्ड में आने के लिए मैथमेटिकल स्किल्स और रिसर्च वर्क भी आना चाहिए। उनमें विजुअलाइजेशन, पेशेंस, हार्डवर्क और काम को लेकर डेडिकेशन जैसी क्वॉलिटीज भी होनी चाहिए।

फोकस ऑन क्लाइंट डिमांड

कार्टोग्राफर अपने क्लाइंट की डिमांड के हिसाब से मैप बनाता है। ये मिलिट्री, ज्योग्राफिकल, हिस्टॉरिकल, एजुकेशनल, पॉलिटिकल या टूरिस्ट्स का रोड मैप हो सकता है। इसके अलावा, ये मैप्स डिजिटल और ग्राफिक, दोनों फॉर्म में हो सकते हैं।

टेक्निकल नॉलेज

वैसे तो मैप बनाने की आर्ट तकरीबन 7 हजार साल से भी ज्यादा पुरानी है। पहले मैप बनाने वाले ज्यादातर वक्त फील्ड में बिताते थे और फिर हाथ से मैप बनाते थे। लेकिन अब यह काम कंप्यूटर के जरिए किया जाता है। इसलिए कंप्यूटर स्किल्स के अलावा ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम और डिजिटल मैपिंग टेक्निक की जानकारी रखनी होगी।

कोर्स और एलिजिबिलिटी

कार्टाेग्राफर बनना चाहते हैं, तो इससे रिलेटेड डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करके इस फील्ड में एंट्री करें। कार्टोग्राफी में बैचलर डिग्री के अलावा ज्योग्राफी, जियोलॉजी, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, अर्थ साइंस और फिजिकल साइंस के ग्रेजुएट भी इसमें करियर बना सकते हैं। अगर ज्योमेट्री, मैकेनिकल ड्रॉइंग और ड्राफ्टिंग की नॉलेज हो, तो और भी अच्छा रहेगा।

जॉब प्रॉस्पेक्ट्स


मैप का इस्तेमाल एक इंडिविजुअल से लेकर इंडस्ट्रियल पर्पज तक के लिए किया जाने लगा है। इसलिए प्लानर्स, यूटिलिटी कंपनियों, स्टेट एजेंसीज, कंस्ट्रक्शन कंपनियों,सर्वेयर्स, आर्किटेक्ट्स सभी को कार्टोग्राफर की जरूरत पडती है। इस तरह वेदर फोरकास्टिंग, ट्रैवल ऐंड टूरिज्म, ज्योलॉजिकल, मिनिरल एक्सप्लोरेशन, मिलिट्री डिपार्टमेंट, पब्लिशिंग हाउसेज में जॉब के अच्छे चांसेज हैं। इसमें शुरुआती दौर में ही 15 से 20 हजार रुपये आसानी से कमाए जा सकते है। हालांकि यह ऑर्गेनाइजेशन या कंपनी पर डिपेंड करता है। विदेश में एक्सपीरियंस्ड कार्टोग्राफर 5-10 लाख रुपये मंथली भी कमा लेता है।

वेब लिंक्स

इन वेबसाइट्स से संस्थानों की जानकारी ले सकते हैं।

- www.unom.ac.in

- www.jmi.ac.in

- www.iirs.gov.in


- इंस्टीट्यूट ऑफ ज्योइन्फॉर्मेटिक्स ऐंड रिमोट सेंसिंग, कोलकाता

टेक्निकल नॉलेज का गेम


पिछले पांच-छह साल से लगातार कार्टोग्राफी की फील्ड में ग्रोथ दिखाई दे रही है। डिमांड के अनुसार ही इस फील्ड में ट्रेंड प्रोफेशनल्स के लिए स्कोप भी बढा है, लेकिन यह केवल उन्हीं के लिए है, जो अपने सब्जेक्ट्स के साथ-साथ इसमें यूज होने वाली नई टेक्नोलॉजी में भी पूरी तरह परफेक्ट हैं। जिन स्टूडेंट्स के अंदर पेशेंस है, कमिटमेंट है, उनके लिए यहां बहुत कुछ करने के लिए है। क्वॉलिटी ऑफ प्रेजेंटेशन और वर्क परफेक्शन के बिना इस फील्ड में आगे बढना इंपॉसिबल है।

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