Post

फिजियोथेरॅपिस्ट

 चिकित्सा के क्षेत्र में फिजियोथेरॅपिस्ट की मांग खूब है। वे इंसान को फिजिकल एक्सरसाइज के जरिए शारीरिक परेशानी से मुक्ति दिलाते हैं। फिजियोथेरॅपिस्ट बनने के लिए कई बातों पर ध्यान देना जरूरी है।

चिकित्सा के क्षेत्र में फिजियोथेरॅपिस्ट की मांग खूब है। वे इंसान को फिजिकल एक्सरसाइज के जरिए शारीरिक परेशानी से मुक्ति दिलाते हैं। फिजियोथेरॅपिस्ट बनने के लिए कई बातों पर ध्यान देना जरूरी है।

योग्यता
साइंस स्ट्रीम के स्टूडेंट्स इस क्षेत्र में करियर की संभावनाएं तलाश सकते हैं। इसके लिए बारहवीं पास होना जरूरी है। इसके साथ ही बारहवीं में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान और अंग्रेजी में कम से कम 50 प्रतिशत अंक जरूर हों।
इंस्टीट्यूट में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा होती है। बीपीटी यानी बैचलर ऑफ फिजियोथेरॅपी कोर्स में एडमिशन के लिए कॉमन एडमिशन टेस्ट (सीईटी) होता है। इसमें प्राप्त अंकों के आधार पर ही इंस्टीट्यूट में एडमिशन होते हैं।

व्यक्तिगत गुण
एक फिजियोथेरॅपिस्ट को बातचीत करने की कला में माहिर होना आवश्यक है, क्योंकि उसका काम आम लोगों से जुड़ा है। इसके अतिरिक्त, उसे धैर्यशील, लंबे समय तक काम करने, अच्छी याद्दाश्त और लोगों को समझने की कला भी आनी चाहिए।

अवसर
हेल्थकेयर संबंधी क्षेत्रों में जॉब की संभावनाएं तेजी से बढ़ रही हैं और आने वाले समय में इस क्षेत्र में और भी अवसर उपलब्ध होंगे। फिजियोथेरॅपी का कोर्स भी हेल्थकेयर से जुडा है। इस कारण इस क्षेत्र में करियर की अपार संभावनाएं हैं। कोई भी व्यक्ति पहली बार में ऑपरेशन करवाना नहीं चाहता, ऐसी स्थिति में फिजियोथेरॅपिस्ट अहम भूमिका अदा करते हैं। एक फिजियोथेरॅपिस्ट म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन और मेडिकल इंस्टीट्यूट में काम कर सकता है। अस्पताल के अंदर आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट, मानसिक और शारीरिक रूप से अस्वस्थ बच्चों के स्कूल और हेल्थ इंस्टीट्यूट में उनकी मांग हमेशा बनी रहती है। इसके अलावा, फिजियोथेरॅपिस्ट अपना प्राइवेट क्लिनिक भी खोल सकते हैं। इनकी मांग सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि यूएसए, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी खूब हैं।

कमाई
किसी सरकारी अस्पताल में एक फिजियोथेरॅपिस्ट शुरुआत में 7000 रुपये से 10000 रुपये प्रतिमाह तक कमा सकता है। कुछ वर्षो के अनुभव के बाद प्रतिष्ठित प्राइवेट अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहे फिजियोथेरॅपिस्ट की कमाई 20,000 से 40,000 हजार रुपये प्रतिमाह तक हो सकती है। फिजियोथेरॅपिस्ट की कमाई इंस्टीट्यूट और अस्पताल के आधार पर ही तय होती है। कुछ अस्पतालों में फिजियोथेरॅपिस्ट को पैसे उसके द्वारा देखे गए रोगियों के आधार पर प्राप्त होते हैं। ज्यादातर फिजियोथेरॅपिस्ट पांच साल के अनुभव के बाद खुद की प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। इसके बाद हर सिटिंग पर कम से कम 250 से 400 रुपये तक कमा सकते हैं।

कोर्स
इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए बीपीटी यानी बैचलर ऑफ फिजियोथैरॅपी कोर्स किया जा सकता है। यह साढ़े चार वर्ष के अवधि का कोर्स है। इसके आखिरी छह महीने में छात्र को किसी अस्पताल से इंटर्नशिप करना होता है। इसके अंतर्गत छात्रों को मानव शरीर की संरचना के बारे में बताया जाता है। यदि आगे की पढ़ाई करना चाहें, तो एमपीटी भी कर सकते हैं।

संस्थान
 1. इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकली हैंडीकैप्ड, नई दिल्ली
 2. अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
 3. इंटिग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ
 4. साई कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस ऐंड टेक्नोलॉज, कानपुर
 5. नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ फिजियोथेरॅपी ऐंड कम्युनिकेशन डिसऑर्ड्स, पटना
 6. कॉलेज ऑफ फिजियोथेरॅपी फॉर वुमन, पंजाब
 7. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिहेबिलिटेशन ट्रेनिंग ऐंड रिसर्च, उड़ीसा
 8. नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द आर्थोपेडिकली हैंडीकैप्ड, कोलकाता
 9. पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च, चंडीगढ़
 10. एसएसबी कॉलेज ऑफ फिजियोथेरॅपी, अहमदाबाद
 11. अमर ज्योति कॉलेज ऑफ फिजियोथेरॅपी,  दिल्ली
 12. आईपीईसी एजुकेशन कैंपस, गाजियाबाद, यूपी

Post a Comment

0 Comments