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बायोटेक्नोलॉजी

 बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग प्लांट्स और एनिमल्स के संवर्धन, फूड प्रोडक्ट्स आदि की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। एंटिबॉयोटिक्स और इंसुलिन जैसी दवाओं के निर्माण में भी इसकी मदद ली जा रही है। मेडिकल साइंस में बायोटेक्नोलॉजी का फायदा फार्माकॉजिनॉमिक्स, मेडिसिन के उत्पादन, अनुवांशिक परीक्षण और जीन थेरेपी के लिए किया जाता है।

बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग प्लांट्स और एनिमल्स के संवर्धन, फूड प्रोडक्ट्स आदि की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। एंटिबॉयोटिक्स और इंसुलिन जैसी दवाओं के निर्माण में भी इसकी मदद ली जा रही है। मेडिकल साइंस में बायोटेक्नोलॉजी का फायदा फार्माकॉजिनॉमिक्स, मेडिसिन के उत्पादन, अनुवांशिक परीक्षण और जीन थेरेपी के लिए किया जाता है। भारत में 300 से अधिक बायोटेक्नोलॉजी कंपनियां हैं। भारत बायोटेक प्रॉडक्ट्स के लिए पसंदीदा स्पॉट तो है ही साथ ही फॉर्मास्युटिकल, डाइग्नोसिस, रिसर्च ऐंड डेवलॅपमेंट, ड्रग डिस्कवरी, बायोइन्फॉर्मेटिक, क्लिनिकल ट्रायल्स आदि के लिए भी हॉट डेस्टिनेशन के रूप में देखा जा रहा है। एक सर्वेक्षण में बताया गया है कि एशिया में बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में रिसर्च और डेवलॅपमेंट की अपार संभावनाएं हैं। जैविक ईधन की मांग बढ़ने से भी बायोटेक्नोलॉजी का महत्व बढ़ा है। अन्य क्षेत्रों की तरह भारत इस क्षेत्र में भी अगुआ बनने की राह पर है। जिस प्रकार बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग व्यापक क्षेत्रों में किया जा रहा है, उसी प्रकार इसमें करियर बनाने की भी व्यापक संभावनाएं भी हैं।

कार्य
बायोटेक्नोलॉजिस्ट लिविंग ऑर्गनिज्म और प्रॉडक्ट को मोडिफाई कर इसका उपयोग ह्यूमन हेल्थ और ह्यूमन एनवॉयर्नमेंट के लिए करते हैं। वे तकनीक की मदद से बीजों को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रखने, पौधों को बीमारियों से बचाने, फसलों के उत्पादन और पौष्टिकता में वृद्धि के लिए भी कार्य करते हैं।

कोर्स
देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में बायोटेक्नोलॉजी में बैचलर और पीजी स्तर के कोर्स उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में रिसर्च की सुविधा भी उपलब्ध है। इस कोर्स में एडमिशन लेने के बाद स्टूडेंट्स को सबसे पहले इस फील्ड की विशेषताओं के बारे में बताया जाता है, ताकि इस संबंध में उनकी समझ विस्तृत हो सके। कोर्स के दौरान प्रैक्टिकल पर विशेष ध्यान दिया जाता है। थ्योरी कोर्स पूरा होने के बाद प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए स्टूडेंट्स को हेल्थ सेंटर, बायोलॉजिकल रिसर्च फर्म, एग्रिकल्चर और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भेजा जाता है।
कोर्स करने के लिए संस्थान का चयन करते समय यह अवश्य पता कर लेना चाहिए कि जिस संस्थान या कॉलेज में एडमिशन लेने जा रहे हैं, वह मान्यता प्राप्त है कि नहीं ! यदि वह संबंधित संस्थान या बोर्ड से मान्यता प्राप्त है, तो उसकी फैकल्टी कैसी है? वहां के टीचर्स कैसे हैं और प्रैक्टिकल वर्क के लिए किस तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं?

योग्यता
बीएससी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से बायोलॉजी के साथ साइंस में बारहवीं पास होना जरूरी है।


अवसर
बायोटेक्नोलॉजी का क्षेत्र अभी विकास की राह पर है। फिलहाल यह क्षेत्र करीब 35 फीसदी सालाना की दर से बढ़  रहा है। अर्नेस्ट ऐंड यंग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत एशिया पैसिफिक रीजन में टॉप फाइव इमर्जिंग बायोटेक लीडर में से एक है। नैस्कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, 2010 तक भारत का यह क्षेत्र पांच अरब डॉलर का आंकडा छू सकता है। 2012 तक इसमें बीस लाख क्वालिफाइड की जरूरत पड़ेगी।  बायोटेक्नोलॉजी के विभिन्न क्षेत्र में जॉब के अवसर उपलब्ध होते हैं। जैसे- प्लांट और एग्रिकल्चर से जुडे क्षेत्र, हेल्थ केयर डाइग्नोस्टिक, इंडस्ट्रियल बायोटेक्नोलॉजी,एनवॉयर्नमेंटल प्रोटेक्शन ऐंड बायोडाइवर्सिटी कंजर्वेशन,टीचिंग ऐंड ट्रेनिंग आदि। कोर्स करने के बाद फार्मा इंडस्ट्री, फूड इंडस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित लैब, एग्रिकल्चर फर्म और इससे संबंधित कंपनी में साइंटिस्ट, एनालिस्ट, एग्जीक्यूटिव और रिसर्चर के रूप में काम मिल सकता है।

कमाई
शुरुआत में सैलॅरी करीब 15 हजार हो सकती है। यदि मल्टीनेशनल कंपनी को ज्वॉइन करते हैं, तो यह 25 हजार रुपये से भी अधिक हो सकती है। वैसे, इस क्षेत्र में सैलॅरी कंपनी और वर्क एक्सपीरियंस पर भी निर्भर है।

संस्थान
 1. जामिया मिल्लिया इस्लामिया, फैकल्टी ऑफ नेचुरल साइंसेज, नई दिल्ली
 2. इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ ऐंड हाइजीन, नई दिल्ली
 3. शारदा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, नई दिल्ली
 4. एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बॉयोटेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
 5. इंस्टीट्यूट ऑफ अप्लाइड मेडिसिन ऐंड रिसर्च, यूपी
 6. इलाहाबाद एग्रिकल्चर इंस्टीट्यूट, इलाहाबाद
 7. कॉलेज ऑफ अप्लाइड एजुकेशन ऐंड हेल्थ साइंसेज, गंगोत्री
 8. इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज, साहिबाबाद
 9. जे.सी. बोस इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज, बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी
 10. जयपुरिया इंस्टीट्यूट, गाजियाबाद
 11. अनुग्रह नारायण कॉलेज, बोरिंग रोड, पटना
 12. डॉ. जाकिर हुसैन इंस्टीट्यूट, पटना
 13. बिहार नेशनल कॉलेज, पटना यूनिवर्सिटी
 14. फैकल्टी ऑफ साइंस, पटना यूनिवर्सिटी
 15. गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी, अमृतसर
 16. पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला

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