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खेल में करियर

 खेल अब सिर्फ खेल नहीं रह गया है। यह एक बड़ा उद्दम एवं व्यवसाय बन गया है। पिछले कुछ सालों में इस क्षेत्र ने काफी तरक्की की है तथा यह काफी विविध भी हुआ है। आम लोगों की खेलों में बढ़ती रूचि ने इसके सफलतापूर्वक आयोजन की चुनौतियों को उत्पन्न किया है।

खेल अब सिर्फ खेल नहीं रह गया है। यह एक बड़ा उद्दम एवं व्यवसाय बन गया है। पिछले कुछ सालों में इस क्षेत्र ने काफी तरक्की की है तथा यह काफी विविध भी हुआ है। आम लोगों की खेलों में बढ़ती रूचि ने इसके सफलतापूर्वक आयोजन की चुनौतियों को उत्पन्न किया है। फलस्वरुप विभिन्न प्रकार के विशेषज्ञों की जरूरत पैदा हुई है। अतः खिलाड़ी बनकर ही नहीं, अन्य तरीकों से भी स्पोर्ट्स से जुड़ा जा सकता है। वर्तमान में स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में करियर के अनेक विकल्प मौजूद हैं। खेल में करियर के महत्त्वपूर्ण क्षेत्र निम्नलिखित हैं:

1. स्पोर्ट्स साइकोलॉजी कसंल्टेंट
स्पोर्ट्स साइकोलॉजी कंसल्टेंट का मुख्य काम खिलाड़ी को प्रोत्साहित करके उसके परफॉर्मेंस  को बेहतर बनाना होता है। इतना ही नहीं, वह कोच, खिलाड़ी व टीम के लिए भी काम करता है। खिलाड़ियों के बीच एकता पैदा करने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

2. स्पोर्ट्स मेडिसिन
खिलाड़ियों को चोट लगना स्वाभाविक है और चोट लगने के बाद उसका इलाज जरूरी होता है। यही कारण है कि अब स्पोर्ट्स मेडिसिन के क्षेत्र को अलग से तवज्जो दी जाने लगी है, जिसके चलते यह प्रोफेशन भी काफी पॉपुलर हो रहा है।

3. खेल पत्रकारिता
अगर कई खेलों में रुचि है और लिखना अच्छा लगता है, तो खेल पत्रकारिता के क्षेत्र में करियर की संभावनाएं तलाश सकते हैं। इस बहाने न सिर्फ महत्वपूर्ण खिलाड़ियों से मिलने का मौका मिलेगा, बल्कि संपर्क भी औरों से बेहतर होगा।

4. स्पोर्ट्स मैनेजमेंट
खेल और एंटरटेनमेंट जगत का सम्बन्ध बहुत ही गहन है। वर्तमान में  खेलों में भी भरपूर मसाला देखने को मिलता है। क्रिकेटर्स की नीलामी और आईपीएल की टी-20 ट्रॉफी जैसे खेलों के आयोजन ने स्पोर्ट्स मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर खोले हैं। टूर्नामेंट या खेल से जुड़ा कोई इवेंट कराना हो, तो स्पोर्ट्स मैनेजर की सेवाएं आवश्यक होती हैं।

5. स्पोर्ट्स टीचर
आज खेलों को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रत्येक स्कूल में स्पोर्ट्स टीचर रखे जा रहे हैं। इतना ही नहीं, इस तरह के विशेषज्ञ तैयार करने के लिए स्पेशलाइज्ड कोर्स भी कराए जा रहे हैं। पहले सिर्फ एक ही टीचर विभिन्न खेलों के विषय में पढ़ाया करता था, परंतु अब विशेषज्ञ टीचर की मांग की जाने लगी है। ऐसे में बतौर स्पोर्ट्स टीचर भविष्य बनाया जा सकता  हैं। आगामी वर्षों में इनकी डिमांड और भी अधिक बढ़ने की संभावना है।

6. स्पोर्ट्स मार्केटिंग
जब से स्पोर्ट्स के साथ एंटरटेनमेंट जुडा है, इसकी मार्केटिंग की भी बात होने लगी है। अब तो खिलाड़ी खुद की मार्केटिंग के लिए, खुद के ब्रांड को बेचने के लिए बाकायदा मार्केटिंग मैनेजरों की नियुक्ति तक करने लगे हैं। सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, महेन्द्र सिंह धोनी आदि से एड कंपनियां सीधे संपर्क नहीं कर सकतीं। इसके अतिरिक्त स्पोर्ट्स कंपनियों के लिए विज्ञापन जुटाना, टिकटों की बिक्री का जिम्मा स्पोर्ट्स मार्केटिंग मैनेजर का होता है। स्पोर्ट्स गुड्स, स्पोर्ट्स वियर आदि बनाने वाली कंपनियां भी मार्केटिंग मैनेजर नियुक्त करती हैं।

7. सेलिब्रिटी मैनेजर या पीआरओ
ट्रैक रिकॉर्ड है, अच्छी पीआर स्किल्स और फास्ट मूविंग स्लेयर्स के लिए हर शहर में उपलब्ध रहने की योग्यता है, तो सेलिब्रिटी मैनेजमेंट के क्षेत्र में करियर बनाया जा सकता है। यहां सेलिब्रिटीज की गति- विधियों को मैनेज करना होता है।

8. फिटनेस एक्सपर्ट
स्पोर्ट्स पर्सन को हेल्थ क्लब व फिटनेस सेंटर में बतौर कोच नौकरी पर रखा जाता है। इसके अलावा स्पोर्ट्स साइकिएट्रिस्ट, स्पोर्ट्स साइकोथेरॅपिस्ट, ऑफिसर, स्टेडियम मैनेजर भी बन सकते हैं।

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