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प्लांट पैथोलॉजी

 प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में पेड़-पौधों में होने वाली बीमारियों के कारण फसलों के नष्ट होने के प्रमाण हैं। यह समस्या उस समय से हैं, जब से सृष्टिï का निर्माण हुआ है। वर्तमान में तेजी से बिगड़ते पर्यावरण से पेड़-पौधों को भारी हानि पहुंच रही है। ब्रिटिश सोसाइटी फॉर प्लांट पैथोलॉजी के अनुसार, इस बदलाव के कारण प्लांट से संबंधित रोगों में तेजी से इजाफा हुआ है। यही कारण है कि इससे संबंधित प्रोफेशनल्स की इन दिनों काफी जरूरत है। यदि आपकी रुचि इस क्षेत्र में है, तो इससे संबंधित कोर्स करके बेहतर करियर बना सकते हैं। 

प्लांट पैथोलॉजी

पौधों के डॉक्टर
पेड़-पौधों को रोगमुक्त रखने का काम एक प्लांट पैथोलॉजिस्ट ही कर सकता है। अमेरिकन पैथोलॉजी सोसाइटी के अनुसार प्लांट पैथोलॉजी के जानकारों की काफी डिमांड है।

कई प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में पेड़-पौधों में होने वाली बीमारियों के कारण फसलों के नष्टï होने के प्रमाण हैं। यह समस्या उस समय से हैं, जब से सृष्टिï का निर्माण हुआ है। वर्तमान में तेजी से बिगड़ते पर्यावरण से पेड़-पौधों को भारी हानि पहुंच रही है। ब्रिटिश सोसाइटी फॉर प्लांट पैथोलॉजी के अनुसार, इस बदलाव के कारण प्लांट से संबंधित रोगों में तेजी से इजाफा हुआ है। यही कारण है कि इससे संबंधित प्रोफेशनल्स की इन दिनों काफी जरूरत है। यदि आपकी रुचि इस क्षेत्र में है, तो इससे संबंधित कोर्स करके बेहतर करियर बना सकते हैं। 

प्लांट पैथोलॉजी
प्लांट पैथोलॉजी कृषि विज्ञान की वह विशेष शाखा है, जिसमें पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाने वाले कवक, बैक्टीरिया, वायरस, कीट और अन्य सूक्ष्म जीवों आदि के बारे में अध्ययन के साथ-साथ इनके उपचार के तरीकों की जानकारी दी जाती है। यह विज्ञान की वह शाखा है, जिसका सीधा संबंध माइक्रोप्लाज्मा, कवक विज्ञान, जीवाणु विज्ञान आदि से भी है। प्लांट पैथोलॉजी मुख्य रूप से सामाजिक, पर्यावरणीय और तकनीकी परिवर्तनों से गहराई तक प्रभावित है। यह पौधों और सूक्षम जीवों के मध्य परस्पर अंतरक्रिया के सिद्घांतों का प्रयोग करती है, ताकि पौधों के स्वास्थ्य और उत्पादकता में वृद्घि हो सके।

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