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मैनेजमेंट हवा में

 इंडियन एविएशन विश्व की नौवीं सबसे बडी इंडस्ट्री है.

इंडियन एविएशन विश्व की नौवीं सबसे बडी इंडस्ट्री है। हर साल तकरीबन 12 करोड 10 लाख स्थानीय और 4 करोड 10 लाख विदेशी यात्री इसकी सेवाएं लेते हैं। अनुमान है कि साल 2020 तक भारतीय यात्रियों की संख्या 33 करोड 60 लाख और विदेशी यात्रियों की संख्या 8 करोड 50 लाख हो जाएगी। तब भारत दुनिया के तीसरे सबसे बडे एविएशन मार्केट के रूप में भी सामने आएगा। ऐसे में इस इंडस्ट्री के साथ एक मैनेजर के रूप में जुडकर काम करने के काफी अवसर मौजूद होंगे।

जॉब ग्रोथ

इंडियन एविएशन इंडस्ट्री तकरीबन 25 प्रतिशत सालाना की दर से ग्रोथ कर रही है। एक अनुमान के मुताबिक, साल 2017 तक इस इंडस्ट्री में दो लाख से अधिक नई जॉब्स सामने आएंगी, जिसमें एक बडा हिस्सा मैनेजमेंट से संबंधित होगा।

कोर्स और एलिजिबिलिटी

एविएशन मैनेजमेंट फील्ड में एंट्री के लिए डिप्लोमा इन केबिन क्रू ऐंड इन फ्लाइट सर्विस मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन एयर कार्गो मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन इंटरनेशनल एयरलाइंस ऐंड ट्रैवल मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन एयर फेयर ऐंड टिकटिंग मैनेजमेंट, एमबीए एयरपोर्ट मैनेजमेंट, एमबीए एविएशन बिजनेस मैनेजमेंट आदि कोर्स कर सकते हैं। एमबीए कोर्स के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और अधिकतर डिप्लोमा कोर्सेज के लिए सीनियर सेकंडरी पास होना जरूरी है। कई इंस्टीट्यूट्स में एंट्रेंस एग्जाम के जरिए एडमिशन होता है।

इंपॉर्र्टेट स्किल्स

एविएशन मैनेजमेंट का कोर्स करने वाले स्टूडेंट की विल पावर मजबूत होना जरूरी है। साथ ही, अच्छी कम्युनिकेशन स्किल और कम्युनिकेशन के सभी नए तरीकों की जानकारी होनी चाहिए। फ्लाइट और ग्राउंड सर्विस दोनों मैनेजमेंट को सीखने की ललक जिन लोगों में हैं, वे इस फील्ड में काफी आगे बढ सकते हैं।

ऑप्शंस

एविएशन मैनेजमेंट का कोर्स कम्प्लीट करने के बाद स्टूडेंट एयरपोर्ट मैनेजर, एयरपोर्ट सर्विस सुपरवाइजर, इन फ्लाइट इंस्ट्रक्टर, इन फ्लाइट मैनेजर, रिजर्वेशन ऐंड टिकटिंग एजेंट, गेस्ट सर्विस मैनेजर, ड्यूटी मैनेजर, सिक्योरिटी सुपरवाइजर, बेस मैनेजर आदि के रूप में काम कर सकते हैं। इस फील्ड में शुरुआत में ही लगभग तीन से चार लाख रुपये सालाना सैलरी मिलने लगती है।

इंस्टीट्यूट्स


-इंस्टीट्यूट ऑफ लॉजिस्टिक ऐंड एविएशन मैनेजमेंट, नई दिल्ली 222.द्बद्यड्डद्वद्बठ्ठस्त्रद्बड्ड.श्रह्मद्द

-इंडियन एविएशन एकेडमी, मुंबई www.indianaviationacademy.com

-यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम ऐंड एनर्जी स्टडीज, देहरादून www.upes.ac.in    

-रीजनल कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट, भुवनेश्वर www.rcm.ac.in?

जॉब प्रॉब्लम नहीं

इंडियन एविएशन इंडस्ट्री को अपनी गुणवत्ता बनाए रखने और एयरपोर्ट से जुडे काम ठीक से चलाने के लिए ट्रेनी एविएशन मैनेजर्स की जरूरत होती है। इस तरह का कोर्स करने के लिए यह सही समय है, क्योंकि आने वाले कई वर्र्षो तक इनके लिए जॉब्स की कोई कमी नहीं रहेगी।

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