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कंप्यूटर एकाउंटिंग: भारत में इसके ग्रोथ स्कोप के बारे में यहां जानिये

 कंप्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल के कारण आजकल पूरे विश्व में एकाउंटिंग की फील्ड में भी कंप्यूटर का भरपूर इस्तेमाल होने लगा है.

पूरी दुनिया में कंप्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल के कारण अब हर जगह एकाउंटिंग के सभी कार्य कंप्यूटर सॉफ्टवेयर्स के जरिए ही किए जाते हैं. इसलिए, कंप्यूटर एकाउंटेंसी का कोर्स और करियर 21 वीं सदी में सबसे पसंदीदा कोर्स और करियर ऑप्शन बन गया है. पहले एकाउंट का कार्य अक्सर कॉमर्स बैकग्राउंड वाले लोग किया करते थें लेकिन अब, 12 वीं या ग्रेजुएशन के बाद CIA (सर्टिफाइड इंडस्ट्रियल अकाउंटेंट) प्लस का एडवांस कोर्स करके एकाउंटेंट का करियर शुरू किया जा सकता है. आजकल अधिकतर ऑफिसेस में एकाउंटिंग का कामकाज पहले जैसे बहीखाते और लेजर के द्वारा नहीं होता, बल्कि अब यह एडवांस्ड कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से होता है. कंप्यूटर एकाउंटिंग एक IT आधारित कोर्स है. अब आप केवल 10 महीने का कोर्स करके एकाउंटेंसी में मास्टर बन सकते हैं. कंप्यूटर एकाउंटेंसी में बिजनेस एकाउंटिंग, बिजनेस कम्युनिकेशन, एडवांस एकाउंट्स, एडवांस एमएस एक्सेल, टैक्सेज, आइएफआरएस, फाइनेंशियल मैनेजमेंट और इनकम टैक्स प्लानिंग की प्रैक्टिकल और जॉब ओरिएंटेड ट्रेनिंग प्रदान की जाती है.

भारत में कंप्यूटर एकाउंटिंग का ग्रोथ स्कोप

कंप्यूटर एकाउंटिंग आज के दौर का बहुत डिमांडिंग फील्ड है. उदारीकरण के इस दौर में देश में निजी कंपनियों के विस्तार और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आगमन के कारण कंप्यूटर एकाउंटेंसी के एक्सप‌र्ट्स की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. कंप्यूटर एकाउंटिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें उम्मीदवार का करियर ग्राफ तेजी से बढ़ता है. यूँ तो ज्यादातर कॉमर्स के स्टूडेंट्स ही कंप्यूटर एकाउंटिंग के क्षेत्र में जाना चाहते हैं, लेकिन दूसरे स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए भी इसके रास्ते खुले हुए हैं तथा वे अपनी रूचि के अनुसार अपनी किस्मत इस फील्ड में आजमा सकते हैं. कंप्यूटर एकाउंटिंग सिस्टम मैनेजमेंट से जुड़े निर्णय लेने के लिए फायनेंशियल डाटा को इकठ्ठा करने, रिकॉर्ड करने, डिज़ाइन की गई प्रक्रियाओं के तहत दिए गए डाटा को क्लासिफाई तथा कंट्रोल करने वाली प्रक्रियाओं का एक संग्रह है.

एकाउंटिंग में कंप्यूटर का यह है महत्त्वपूर्ण योगदान  

एकाउंटिंग ट्रांजैक्शन का रिकॉड रखने के लिए पहले बुक्स ऑफ एकाउंट्स जैसे जर्नल,कैशबुक,स्पेशल परपज बुक्स तथा लेजर और अन्य चीजों को मेंटेन करना पड़ता था. लेकिन कंप्यूटर की मदद से ये सारे काम बहुत आसान हो गए हैं. अब ये सारे काम कम्प्यूटराइज्ड एकाउंटिंग के तहत किये जाते हैं.1980 तक भारत में एकाउंटिंग से जुड़े सभी काम मैनुअली ही होते थें लेकिन कंप्यूटर के बढ़ते चलन तथा इसके द्वारा की जाने वाली फ़ास्ट और विश्वसनीय काउंटिंग की वजह से यह एकाउंटिंग की एक सख्त जरुरत वाली चीज बन गया.

किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी या बोर्ड से 12 वीं कक्षा पास उम्मीदवार इस कोर्स को कर सकते हैं.

एकाउंटिंग के सभी उपर्युक्त कार्यों को करने के लिए कम्प्यूटराइज्ड एकाउंटिंग सिस्टम में कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है.कंप्यूटर डिजिटल रिसिप्ट्स और इनवायस से डाटा इकट्ठा करते हैं. अपनी विशाल मेमोरी स्पेस के कारण, वे भविष्य में उपयोग करने के लिए एकत्र किए गए डाटा को संग्रहीत करते हैं और अंततः संग्रहीत डाटा को सही और प्रभावी रूप से विभिन्न कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर की मदद से उसे मूल्यवान रिपोर्टों में परिवर्तित करते हैं.

कंप्यूटर एकाउंटिंग से मिलने वाले लाभ

  • इसमें कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है.
  • कंप्यूटर की मदद से एकाउंटिंग डाटा इंटरप्रिटेशन के बाद सटीक और कुशल परिणाम देता है.
  • इसके जरिये बहुत बड़ी मात्रा में एकाउंटिंग के डाटा संग्रहीत किये जा सकते हैं. इससे पिछले 10 वर्षों के डाटा को एकाउंटिंग डाटाबेस में संग्रहीत किया जा सकता है.
  • कंप्यूटर एकाउंटिंग सिस्टम गुणवत्तापूर्ण सटीक लेखांकन रिपोर्ट बनाती है.
  • यह बहुत बड़ी मात्रा में एकाउंटिंग डाटा की व्याख्या करने में सक्षम है.
  • इसके जरिये जर्नल एंट्रीज को लेजर एकाउंट में आसानी से परिवर्तित किया जा सकता है.
  • कंप्यूटर की मदद से एकाउंटिंग प्रोसेस का समय काफी कम हो जाता है.
  • कंप्यूटर-बेस्ड एकाउंटिंग को अपनाकर कंपनी की जरूरतों और परिवर्तनों के अनुरूप अपडेटेड रहना संभव है.

भारत में कंप्यूटर एकाउंटिंग की आवश्यकता

वस्तुतः कम्यूटर एकाउंटिंग बहुत जटिल प्रक्रिया नहीं है. ऑर्गनाइजेशन के एकाउंटिंग सिस्टम और फायनांस से जुड़े विषयों के सही संचालन के लिए कंप्यूटर एकाउंटिंग की सख्त जरुरत पड़ती है. कंप्यूटर एकाउंटिंग को किसी भी ऑफिस में प्रोमोट करने के लिए निम्नांकित चीजों की आवश्यकता होती है 

  • एक प्रभावी एकाउंटिंग पॉलिसी किसी भी संगठन के वित्तीय कार्यों और और उसकी नैतिकता को निर्धारित करती है.
  • संतोषजनक इंटरनेट कनेक्शन के साथ (या बिना) कंप्यूटर सिस्टम
  • एक सुव्यवस्थित एकाउंटिंग डाटाबेस
  • अच्छी तरह से ट्रेंड, स्किल्ड और सक्षम एकाउंटेंट जिसके पास कंप्यूटर का पर्याप्त ज्ञान हो.
  • एक उपयुक्त एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर जो कंप्यूटर विनिर्देश के साथ-साथ संगठन की जरूरतों के अनुकूल हो.
  • एक अच्छी तरह से स्थापित और संगठित एकाउंटिंग स्ट्रक्चर और ऑपरेटिंग स्ट्रेटेजी
  • टेक्नीकल गड़बड़ी होने पर वैकल्पिक एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर की व्यवस्था

भारत में कंप्यूटर एकाउंटिंग का लगातार बढ़ता महत्व

कंप्यूटर एकाउंटिंग आज के समय की आवश्यकता है और घरेलू और वैश्विक उद्योगों द्वारा इसे अपनाया जा रहा है. इसकी हाई डिमांड को ध्यान में रखते हुए, निम्नलिखित कारणों से प्रत्येक संगठन इसको पूरा करने की कोशिश करते हैं -

  • यह डाटा को बहुत तीव्र गति से संसाधित करता है और बहुत अधिक व्यावसायिक समय बचाता है.
  • कंप्यूटर एकाउंटिंग से व्यापार में बड़ी संख्या में लेनदेन करना संभव है.
  • कंप्यूटर एकाउंटिंग अपनी सटीकता और गति के कारण बहुत जल्द कोई भी वित्तीय रिपोर्ट प्रदान कर सकता है.
  • कंप्यूटर एकाउंटिंग की यह प्रणाली मैनपावर के प्रयास को कम करती है.
  • कंप्यूटर एकाउंटिंग में कागजी कार्रवाई कम मात्रा में होती है.
  • कंप्यूटर एकाउंटिंग से चोरी और धोखाधड़ी से सुरक्षा की जा सकती है.
  • लंबी अवधि के लिए एकाउंटिंग को ऑनलाइन (क्लाउड सुविधा) संग्रहीत किया जा सकता है. यह सिस्टम स्पेस को कम करता है, रैम को गति देता है और प्रदर्शन को बढ़ाता है.

भारत में कंप्यूटर एकाउंटिंग के प्रमुख जॉब प्रोफाइल्स/ करियर ऑप्शन्स

यह लिस्ट निम्नलिखित है:

  • चार्टर्ड एकाउंटेंट
  • एकाउंटेंट/ सीनियर एकाउंटेंट
  • ऑडिटर/ ऑडिट ऑफिसर्स
  • एकाउंट्स एग्जीक्यूटिव/ सीनियर एकाउंट्स एग्जीक्यूटिव
  • एकाउंट्स असिस्टेंट/ एकाउंटिंग क्लर्क
  • कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट
  • टैक्स कंसल्टेंट्स
  • कैशियर्स
  • कमर्शियल असिस्टेंट
  • बिजनेस एग्जीक्यूटिव
  • एकाउंटिंग मैनेजर/ फाइनेंस मैनेजर/ फाइनेंस ऑफिसर
  • फाइनेंशियल एडवाइज़र/ फाइनेंशियल एग्जीक्यूटिव
  • डायरेक्टर – फाइनेंस
  • स्टॉक ब्रोकर
  • एकाउंट्स एंड GST स्पेशलिस्ट
  • सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट
  • चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर
  • कंपनी सेक्रेटरी 

कंप्यूटर एकाउंटिंग के ये हैं कुछ ड्राबैक्स

  • इससे मानव रोजगार पर प्रभाव पड़ता है. एक कंप्यूटर कई लोगों के रोजगारमुक्त करता है.
  • कंप्यूटर को लगाने के लिए अतिरिक्त व्यय करना पड़ता है.
  • एकाउंटिंग कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिए स्किल्ड होने की मज़बूरी
  • यह प्रक्रिया पूरी तरह से सिस्टमबेस्ड है. इसलिए सिस्टम की विफलता पर व्यावसायिक हानि होने की संभावना रहती है.
  • गलत तरीके से फीड किये गए डाटा को एडिट करना एक बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है.

कंप्यूटर एकाउंटिंग के लिए मुख्यतः तीन प्रकार के सॉफ्टवेयर होते हैं. स्प्रेडशीट की तरह कंप्यूटर इनबिल्ट सॉफ्टवेयर, मार्केट में उपलब्ध कॉमर्सियल एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर तथा किसी भी ऑर्गनाइजेशन द्वारा अपने वित्तीय गतिविधियों के लिए बनाया गया स्पेशलाइज्ड सॉफ्टवेयर.

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