बिना किसी अस्त्र-शस्त्र की मदद से दुश्मन को घायल करना या परास्त कर देने की कला मार्शल आर्ट है। मार्शल आर्ट में स्टूडेंट्स को दांव-पेंच, स्टाइल तथा आघात पहुंचाने की कला सिखाई जाती है। अपराधियों से दो-दो हाथ करने के लिए इन दिनों मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गौरतलब रहे कि आत्मरक्षा अथवा शौकिया तौर पर अपनाया जाने वाला मार्शल आर्ट रोजगार का भी एक बेहतर विकल्प साबित हो रहा है।
बिना किसी अस्त्र-शस्त्र की मदद से दुश्मन को घायल करना या परास्त कर देने की कला मार्शल आर्ट है। मार्शल आर्ट में स्टूडेंट्स को दांव-पेंच, स्टाइल तथा आघात पहुंचाने की कला सिखाई जाती है। अपराधियों से दो-दो हाथ करने के लिए इन दिनों मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गौरतलब रहे कि आत्मरक्षा अथवा शौकिया तौर पर अपनाया जाने वाला मार्शल आर्ट रोजगार का भी एक बेहतर विकल्प साबित हो रहा है। सेना, पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों आदि में भी उन उम्मीदवारों को प्राथमिकता मिलती है, जिनके पास मार्शल आर्ट का हुनर होता है। विभिन्न क्षेत्रों में जिस तरह मार्शल आर्ट के ट्रेंड प्रोफेशनलों की मांग इन दिनों बढ़ रही है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र में युवाओं के लिए अवसर ही अवसर हैं।
परिचय
मार्शल आर्ट में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ब्लैक बेल्ट दिया जाता है। ब्लैक बेल्ट प्राप्त स्टूडेंट्स के लिए लिखित परीक्षा होती है, जो स्टूडेंट्स इसमें सफल होते हैं, उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाता है। जूड़ो-कराटे के प्रथम चरण से लेकर ब्लैक बेल्ट तक के स्तर तक पहुंचने के लिए लगभग 3 से 4 वर्ष लग जाते हैं।
योग्यता
मार्शल आर्ट सीखने के लिए उम्र सीमा नहीं है। हालांकि 10 से 25 वर्ष तक के युवा आसानी से इसे सीख सकते हैं। मार्शल आर्ट उनके लिए बेहतर है, जो मानसिक और शारीरिक रूप से फिट हैं। इसके साथ ही इस क्षेत्र में बेहतर करने के लिए कड़ी मेहनत, जोश आदि गुणों का होना आवश्यक है।
अवसर
मार्शल आर्ट में प्रशिक्षित युवा बतौर मार्शल आर्टिस्ट सरकारी नौकरी हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियों में भी प्रशिक्षित युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं। वीआईपी और कार्पोरेट कंपनियां भी इन्हें व्यक्तिगत रूप से हॉयर करती हैं। युवा चाहें तो जिम या फिटनेस सेंटर के अलावा विद्यालयों या कॉलेजों में भी बतौर इंस्ट्रक्टर अपना भविष्य संवार सकते हैं। अपना प्रशिक्षण संस्थान खोलकर भी कमाई की जा सकती है। बॉलीवुड की फिल्मों में भी फाइट सीक्वेंस में मार्शल आर्ट को शामिल करने का ट्रेंड जोर पकड़ रहा है, जिसके लिए मार्शल आर्टिस्ट की सेवाएं ली जाती हैं।
कमाई
मार्शल आर्टिस्ट बनकर करियर के प्रारंभिक दौर में 12 हजार रुपये प्रतिमाह तक अर्जित किए जा सकते हैं। कुछ वर्षों के अनुभव के बाद बेहतर सैलॅरी पाई जा सकती है।
संस्थान
वर्तमान में लगभग हर शहर में जूड़ो, कराटे और ताईक्वांडो का प्रशिक्षण देने वाले संस्थान खुल गए हैं। इस संबंध में विशेषज्ञों का मानना है कि संस्थान का चयन सावधानी के साथ करें। उसी संस्थान को चुनें, जहां पर प्रशिक्षक मार्शल आर्ट की तकनीक का कुशल जानकार हो, साथ ही स्टूडेंट्स के स्वास्थ्य तथा सुरक्षा की भी व्यवस्था हो।
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