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वीडियो एडिटिंग एक्सपर्ट

 ऐसे लोग जो रचनात्मक प्रवृति के हैं और जिन्हें मनोरंजन एंड मीडिया उद्योग में काम करना पसंद है, उनके लिए वीडियो एडिटिंग में करियर एक शानदार विकल्प साबित हो सकता है. पोस्ट-प्रोडक्सन प्रोसेस में वीडियो एडिटिंग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इन दिनों एडिटिंग की लेटेस्ट टेक्नोलोजी होने की वजह से नॉन लीनियर एडिटिंग की डिमांड लगातार बढ़ रही है, क्योंकि किसी भी फिल्म या टीवी प्रोग्राम की कल्पना वीडियो एडिटर्स के बिना संभव नहीं है।

ऐसे लोग जो रचनात्मक प्रवृति के हैं और जिन्हें मनोरंजन एंड मीडिया उद्योग में काम करना पसंद है, उनके लिए वीडियो एडिटिंग में करियर एक शानदार विकल्प साबित हो सकता है. पोस्ट-प्रोडक्सन प्रोसेस में वीडियो एडिटिंग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इन दिनों एडिटिंग की लेटेस्ट टेक्नोलोजी होने की वजह से नॉन लीनियर एडिटिंग की डिमांड लगातार बढ़ रही है, क्योंकि किसी भी फिल्म या टीवी प्रोग्राम की कल्पना वीडियो एडिटर्स के बिना संभव नहीं है। वेबसाईट में वीडियो स्ट्रीमिंग और मूवी क्लिपिंग के आ जाने से वीडियो एडिटिंग में करियर बहुत ही लाभप्रद हो गया है। यदि वीडियो एडिटिंग से संबंधित कोर्स कर लिया जाये, तो मनोरंजन और मीडिया उद्योग में एक अच्छी नौकरी की संभावना बढ़ जाती है।

योग्यता
इस कोर्स में दाखिला लेने के लिए यूं तो 12वीं के बाद ही रास्ते खुल जाते हैं, लेकिन डिग्री और डिप्लोमा के लिए किसी भी सब्जेक्ट में ग्रेजुएट होना जरूरी है। इसमें शॉर्ट टर्म कोर्स भी उपलब्ध हैं। अगर किसी चैनल में नौकरी पाना चाहते हैं, तो ग्रेजुएट होना जरूरी है।

व्यक्तिगत गुण
एक अच्छा विडियो एडिटर बनने  के लिए उसे स्वप्रेरित, दृढ़ और कार्य के प्रति समर्पित होना चाहिए। कल्पनाशीलता और तकनीकी समझ को निरंतर उन्नत करने में रूचि के साथ-साथ एक सफल विडियो एडिटर में पैनी नज़र, आलोचनात्मक सोच का होना जरूरी है। दूसरों को ध्यान से सुनने और टीम में काम करने का गुण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

अवसर
एक अनुमान के मुताबिक, भविष्य में 50 हजार प्रशिक्षित एडिटर्स की डिमांड होगी। जिसे एडिटिंग  सॉफ्टवेयर में महारत हासिल है, उसके लिए अवसर ही अवसर हैं। वीडियो एडिटिंग का कोर्स पूरा करने के बाद न्यूज-एंटरटेनमेंट चैनल्स, प्रोडक्शन हाउस, वेब डिजाइनिंग कंपनी, म्यूजिक वर्ल्ड, ग्लैमर वर्ल्ड (फीचर एवं विज्ञापन फिल्में) और बीपीओ आदि में काम कर सकते हैं। इस क्षेत्र में फ्रीलांस के रूप में काम करने का भी काफी विकल्प है। इसके अलावा पोस्ट प्रोडक्शन स्टूडियो, टेलीविजन कंपनियों आदि में शॉर्ट टर्म कांट्रैक्ट पर भी काम किया जा सकता है।

फीस
नॉन लीनियर एडिटिंग कोर्स की फीस अलग-अलग इंस्टीट्यूट में अलग-अलग है। शॉर्ट टर्म कोर्स की फीस 30-35 हजार रुपये तक है, वहीं डिप्लोमा के लिए 50 हजार रुपये लग सकते हैं। डिग्री और मास्टर डिग्री की न्यूनतम फीस 50 हजार से लेकर अधिकतम डेढ़ से दो लाख रुपये तक है।

कोर्स
सर्टिफिकेट कोर्स इन नॉन लीनियर एडिटिंग, डिप्लोमा इन वीडियो एडिटिंग ऐंड साउंड रिकॉर्डिंग तथा डिप्लोमा इन पोस्ट प्रोडक्शन वीडियो एडिटिंग-तीन तरह के कोर्स होते हैं, जो तीन महीने से लेकर तीन साल तक के हैं।

संस्थान
 1. आईआईएमसी, नई दिल्ली
 2. वाईएमसीए, दिल्ली
 3. एडिटवर्क्स स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन, नोएडा
 4. श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली
 5. एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म ऐंड टीवी, नोएडा
 6. बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन (बीआईएफटी), पटना
 7. माखनलाल चतुर्वेदी इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, भोपाल
 8. फिल्म ऐंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे
 9. सत्यजीत रे फिल्म ऐंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, कोलकाता
 10. एनआरएआई स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन, दिल्ली

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