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सॉफ्टवेयर टेस्टिंग में करियर

 सॉफ्टवेयर टेस्टर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की तरह ही एक अलग प्रोफेशन है। वह सॉफ्टवेयर तैयार होने के बाद इसकी गुणवत्ता, तकनीकी क्षमता और उसकी स्टैबिलिटी को परखने का काम करता है। अनुमान लगाया जा रहा है कि ग्लोबल सॉफ्टवेयर टेस्टिंग मार्केट वर्ष 2013 तक 56 अरब डॉलर का हो जाएगा।  इसमें से एक बड़ा हिस्सा भारत से आउटसोर्स किए जाने का अनुमान है। इसी बढ़ते मार्केट की वजह से सॉफ्टवेयर टेस्टिंग का करियर एक उम्दा क्षेत्र के रूप में उभर रहा है और इसमें काफी स्कोप देखा जा रहा है।

सॉफ्टवेयर टेस्टर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की तरह ही एक अलग प्रोफेशन है। वह सॉफ्टवेयर तैयार होने के बाद इसकी गुणवत्ता, तकनीकी क्षमता और उसकी स्टैबिलिटी को परखने का काम करता है। अनुमान लगाया जा रहा है कि ग्लोबल सॉफ्टवेयर टेस्टिंग मार्केट वर्ष 2013 तक 56 अरब डॉलर का हो जाएगा।  इसमें से एक बड़ा हिस्सा भारत से आउटसोर्स किए जाने का अनुमान है। इसी बढ़ते मार्केट की वजह से सॉफ्टवेयर टेस्टिंग का करियर एक उम्दा क्षेत्र के रूप में उभर रहा है और इसमें काफी स्कोप देखा जा रहा है।

कोर्स एवं योग्यता
कंप्यूटर एजुकेशन देने वाले देश में प्रमुख संस्थान सॉफ्टवेयर टेस्टिंग में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स मुहैया कराते हैं। इसके अलावा, इंटरनेशनल सॉफ्टवेयर टेस्टिंग क्वालिफिकेशन बोर्ड द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त कोर्स उपलब्ध है, जो देश के साथ-साथ विदेश में नौकरी दिलाने में सहायक होता है। आमतौर पर सॉफ्टवेयर टेस्टिंग कोर्स में एडमिशन के लिए कई संस्थान बीएससी, बीसीए, एमएससी, बीई, बीटेक, एमई, एमटेक जैसी डिग्री की डिमांड करती है।

व्यक्तिगत गुण
सॉफ्टवेयर टेस्टर को टेक्नोलॉजी के साथ-साथ बिजनेस की भी अच्छी समझ होनी चाहिए। ऐसा होने पर ही टेस्टर बेहतर और बारीकी से अपना काम कर सकता है। टेस्टर के लिए सभी आवश्यकताओं का ठीक तरह से आकलन करना जरूरी होता है। इसके बाद टेस्टिंग की कार्ययोजना तैयार करना, उनका क्रियान्वयन करना, दोष व खतरे को तलाशना, उनकी रिपोर्ट तैयार करना टेस्टर की ही जिम्मेवारी होती है। इतना ही नहीं, एप्लिकेशन से जुड़े संभावित जोखिमों के बारे में आगाह करना भी टेस्टर का ही काम होता है।

अवसर
नैसकॉम के मुताबिक, वित्त वर्ष 2009-10 में सूचना-प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों में 30 से 40 हजार लोगों को नौकरियां मिल सकती हैं। मैकिंजे ऐंड कंपनी द्वारा वर्ष 2020 तक की संभावनाओं पर जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा तेजी, टैलेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर की आपूर्ति के दम पर भारतीय आईटी इंडस्ट्री का निर्यात कारोबार 2020 तक 178 अरब डॉलर का हो जाएगा। घरेलू कारोबार की हिस्सेदारी 2020 तक 50 अरब डॉलर का हो जाएगा। भारत की कई आईटी सॉफ्टवेयर कम्पनियां नई भर्ती कर रही हैं। टीसीएस, विप्रो, सत्यम, इन्फोसिस, कॉग्निजंट आदि प्रमुख हैं, जहां एक बेहतर करियर की उम्मीद की जा सकती है।

संस्थान
 1. अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
 2. एसक्यूटीएल इंटीग्रेटेड सोल्यूशंस प्रा.लि, पुणे
 3. पीक्यूआर सॉफ्टवेयर
 4. त्यागराज कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, मदुरै
 5. डाटाप्रो कंप्यूटर प्रा.लि, विशाखापत्तनम
 6. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सॉफ्टवेयर टेस्टिंग, कोयंबटूर
 7. क्रेसटेक

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