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इंटर्नशिप देता है सिखने एवं अनुभव लेने का एक साथ अवसर

 जब एक कॉलेज स्टूडेंट किसी ऑर्गेनाइजेशन या कंपनी में इंटर्नशिप शुरू करता है, तो पहली बार उसे बिजनेस व‌र्ल्ड या प्रैक्टिकल वर्क के बारे में जानने का मौका मिलता है.

जब एक कॉलेज स्टूडेंट किसी ऑर्गेनाइजेशन या कंपनी में इंटर्नशिप शुरू करता है, तो पहली बार उसे बिजनेस व‌र्ल्ड या प्रैक्टिकल वर्क के बारे में जानने का मौका मिलता है। ऑफिस का प्रोफेशनल माहौल कई बार स्टूडेंट्स के लिए चैलेंजिंग हो जाता है, लेकिन कुछ खास तैयारी और अच्छे इंटर्नशिप एटिकेट्स से आप कंपनी और उसके एंप्लॉइज के साथ एक मजबूत प्रोफेशनल रिलेशनशिप बना सकते हैं। मुमकिन है कि आगे चलकर इसका फायदा भी आपको जॉब के रूप में मिले।

सोशल स्किल्स

इंटर्नशिप के दौरान एक इंटर्न के लिए अच्छी सोशल स्किल्स काफी काम आती हैं। ऑफिस के कलीग्स के साथ दोस्ताना व्यवहार करें। दूसरे लोगों को ऑब्जर्व करें कि वे ऑफिस में एक-दूसरे से कैसे बात करते हैं और मिलते हैं। ऑफिस में काम के दौरान अपना सेलफोन बंद ही रखें या पर्सनल कॉल्स बहुत जरूरी होने पर ही करें। अगर काम के सिलसिले में फोन पर बात करनी हो, तो प्रोफेशनल टोन रखें। ई-मेल कर रहे हों, तो ग्रामर और स्पेलिंग का पूरा ध्यान रखें। कभी किसी को पर्सनल ई-मेल न भेजें। इसके अलावा, दूसरे लोगों के साथ एक प्रोफेशनल डिस्टेंस मेनटेन करना अच्छा रहेगा। इससे एक मैसेज जाएगा कि आप सीखने आए हैं, पर्सनल रिलेशन बनाने नहीं।

फॉलो करें चेन कमांड

एक इंटर्न के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि ऑर्गेनाइजेशन का फॉर्मल और इनफॉर्मल रिपोर्टिग स्ट्रक्चर क्या है, साथ ही इंटर्नशिप पीरियड के दौरान उन्हें किसे रिपोर्ट करना होगा, यह जानना बेहद जरूरी है। इसके लिए पहले दिन ही वहां के एचआर मैनेजर से मिलकर इंटर्नशिप की डिटेल्स पता कर लें कि आपको किसके अंडर में इंटर्नशिप करनी होगी, ताकि किसी एक सीनियर के गाइडेंस में काम करने और सीखने का मौका मिल सके। आपको ऑफिस के चेन ऑफ कमांड का भी ध्यान रखना होगा। बिना काम के हर किसी के पास जाने से बचना होगा।

रोल ऑफ अटेंडेंस

इंटर्नशिप करने वाले फ्रेशर्स को कोशिश करनी चाहिए कि वह एबसेंट न हो। इस दौरान टाइमिंग एटिकेट्स का ध्यान जरूरी रखें। इससे आप सीनियर्स और मैनेजमेंट को इंप्रेस कर पाएंगे। उन्हें लगेगा कि आप काम को लेकर गंभीर हैं। इसके बावजूद किसी कारण अगर छुट्टी लेनी पड जाए, तो अपनी कमांडिंग अथॉरिटी को इंफॉर्म जरूर कर दें। इंफॉर्म किए बिना कभी छुट्टी न लें। प्रोफेशनल एटिकेट्स को फॉलो करें।

रेस्पेक्ट करें


इंटर्नशिप के दौरान स्टूडेंट्स को अच्छा परफॉर्म करना होता है। इससे आगे के लिए अपॉच्र्युनिटीज बनती हैं, लेकिन ये तभी हो सकता है, जब एक इंटर्न सिर्फ अपने काम से मतलब रखे। अगर आप ऑफिस में प्रोजेक्ट या वर्क रिलेटेड इश्यूज पर ही बात करेंगे और गॉसिप से बचेंगे, तो आपकी अच्छी इमेज बनेगी। इसी तरह ऑफिस में काम करने वाले हर शख्स की रेस्पेक्ट करना जरूरी है, क्योंकि वे वहां के वर्क कल्चर और माहौल को आपसे बेहतर जानते हैं।

फ‌र्स्ट इंप्रेशन इज लास्ट इंप्रेशन


एक स्टूडेंट जब इंटर्नशिप के लिए किसी कंपनी में जाता है, तो उसका मकसद सीखना होता है। इसलिए कोशिश यही होनी चाहिए कि जो असाइनमेंट मिले, उसे एक्सेप्ट करें। इसके साथ ही आपको अपना इंट्रोडक्शन देना आना चाहिए। फ्रेंडली बिहेवियर और चेहरे पर स्माइल रहेगी, तो किसी भी कंपनी में फ‌र्स्ट इंप्रेशन जमाना आसान होगा। इससे प्वॉइंट्स मिलेंगे सो अलग। इसी तरह आपका ड्रेसिंग सेंस भी प्रोफेशनल होना चाहिए।

एटिकेट्स का रखें ख्याल

जॉब के लिए कॉम्पिटिशन टफ हो रहा है, ऐसे में स्टूडेंट्स को मिलने वाली इंटर्नशिप का रोल और भी अहम हो गया है। इंटर्नशिप में अच्छी परफॉर्मेस से जॉब के दरवाजे खुलते हैं। इसलिए स्टूडेंट्स को यह ध्यान रखना चाहिए कि उसके परफार्र्मेस का नतीजा तो इंटर्नशिप खत्म होने पर आएगा, लेकिन एप्टीट्यूड और नॉन-वर्बल कम्युनिकेशन का रिजल्ट, तो शुरू के दो-तीन दिनों में ही मिल जाएगा। आप अगर सही ड्रेस सेंस के साथ कंपनी में एंट्री करेंगे, प्रॉपर एटिकेट्स के साथ लोगों से मिलेंगे, उनके क्वैश्चंस का आंसर देंगे, तो वहां के लोग भी आपको पॉजिटिव ही लेंगे।

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