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होटल इंडस्ट्री

 होटल इंडस्ट्री का सीधा रिश्ता पर्यटन से है और हर देश पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है। इसीलिए होटल इंडस्ट्री भी तेजी से बढ़ रही है। होटल इंडस्ट्री में प्रवेश के रास्ते बारहवीं के बाद खुल जाते हैं। किसी भी संकाय से बारहवीं पास स्टूडेंटस होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा या डिग्री हासिल कर सकते हैं, लेकिन अगर ग्रेजुएशन के बाद होटल व्यवसाय में करियर बनाना है, तो एमएससी इन होटल मैनेजमेंट और पीजी डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट की डिग्री हासिल कर करियर को ऊंचाई प्रदान किया जा सकता है।

होटल इंडस्ट्री का सीधा रिश्ता पर्यटन से है और हर देश पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है। इसीलिए होटल इंडस्ट्री भी तेजी से बढ़ रही है। होटल इंडस्ट्री में प्रवेश के रास्ते बारहवीं के बाद खुल जाते हैं। किसी भी संकाय से बारहवीं पास स्टूडेंटस होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा या डिग्री हासिल कर सकते हैं, लेकिन अगर ग्रेजुएशन के बाद होटल व्यवसाय में करियर बनाना है, तो एमएससी इन होटल मैनेजमेंट और पीजी डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट की डिग्री हासिल कर करियर को ऊंचाई प्रदान किया जा सकता है। होटल मैनेजमेंट की काफी मांग होने से इसे सबसे बेहतरीन प्रोफेशनल कोर्स में शुमार किया जाने लगा है।

कोर्स
होटल मैनेजमेंट में दो तरह के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। बारहवीं के बाद बीए इन होटल मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट, बैचलर डिग्री इन होटल मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन होटल ऐंड कैटरिंग मैनेजमेंट, बैचलर डिग्री इन हास्पिटैलिटी साइंस, बीएससी इन होटल मैनेजमेंट ऐंड कैटरिंग साइंस उपलब्ध हैं। इन कोर्सेज की अवधि 6 महीने से लेकर 3 साल तक है। कुछ कॉलेजों से पीजी डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट, एमएससी इन होटल मैनेजमेंट और एमए इन होटल मैनेजमेंट कर सकते हैं। ये कोर्स 2 साल की अवधि के होते हैं। नई दिल्ली, मुबंई और बेंगलुरु स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग टेक्नोलॉजी एवं अप्लाइड न्यूट्रीशन संस्थान में विभिन्न स्पेशलाइज्ड कोर्सेज भी हैं। इन कोर्सेज की अवधि छह महीने से एक साल के बीच होती है। इन कोर्सेज के नाम हैं-फूड प्रोडक्शन मैनेजमेंट, डाएटिक्स ऐंड न्यूट्रीशन, हाउस कीपिंग, फ्रंट ऑफिस ऐंड टूरिज्म मैनेजमेंट आदि। वर्तमान में एमएससी इन होटल मैनेजमेंट का कोर्स करके डायरेक्ट मैनेजर बना जा सकता है। इसके लिए एंट्रेंस टेस्ट पास करना होता है। अधिकतर संस्थान ऑल इंडिया एडमिशन टेस्ट और इंटरव्यू द्वारा स्टूडेंट्स का चयन करते हैं।

फीस
सरकारी संस्थानों में फीस कम है, लेकिन प्राइवेट संस्थानों से अगर होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा करना चाहते हैं, तो फीस 50  हजार से एक लाख रुपये तक लगती है, वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री के लिए डेढ़ से 2 लाख तक फीस है।

अवसर
एसोचैम की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2010 में होटल इंडस्ट्री की स्थिति अच्छी है। नौकरी की सुविधा के लिए प्रत्येक कॉलेज में एक प्लेसमेंट सेल होती है। कोर्स करने के बाद कुछ सरकारी और निजी क्षेत्रों में रोजगार ही रोजगार हैं। लेकिन कहां और किस जगह नौकरी मिलती है, यह छात्रों की क्षमता और इंस्टीट्यूट के स्तर पर निर्भर करती है। कोर्स करने के बाद छात्रों को पंचतारा होटल, रेस्टोरेंट, एयरलाइंस के फूड सर्विस, हॉस्पिटल, आर्म्ड फोर्सेज, कॉर्पोरेट कैंटीन, मॉल्स, मल्टीप्लेक्स, रेलवे, शिपिंग में तो रोजगार के अवसर हैं ही, फास्ट फूड क्षेत्रों में भी रोजगार मिल सकता है। खुद का व्यवसाय भी शुरू किया जा सकता है।

वेतन
सर्टिफिकेट कोर्स या डिप्लोमाधारी को शुरुआती वेतन 10 हजार से 15 हजार रुपये जरूर मिलते हैं। अनुभव के बाद इससे भी अधिक पैसे मिलते हैं।

संस्थान
 1. इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, कैटरिंग टेक्नोलॉजी ऐंड अप्लायड न्यूट्रीशन, लाइब्रेरी एवेन्यू, नई दिल्ली
 2. दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट ऐंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
 3. ओबराय सेंटर ऑफ लर्निंग ऐंड डेवलपमेंट, नई दिल्ली
 4. एफएचआरएआई, ग्रेटर नोएडा
 5. एलबीआईआईएचएम, दिल्ली
 6. सीएचएमएस, ग्रेटर नोएडा
 7. ताज ग्रुप होटल्स, ट्रेनिंग मैनेजर, द ताज महल होटल, नई दिल्ली
 8. हैरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ होटल ऐंड टूरिज्म, आगरा
 9. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, यूपी
 10. इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, लखनऊ और पटना
 11. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ऐंड मैनेजमेंट, रांची
 12. इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, भोपाल
 13. डॉ. अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, चंडीगढ़

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