दरअसल, इंटर्नशिप स्टूडेंट्स के कॉलेज के दिनों के दौरान पेशेवर अनुभव का एक अच्छा उदाहरण है और यह कॉलेज एजुकेशन पूरी होने के बाद स्टूडेंट्स को पेशेवर और कॉर्पोरेट दुनिया के लिए तैयार करती है. इसलिए, आप स्टूडेंट्स के लिए इंटर्नशिप के महत्व और वास्तविक लाभों को नकार नहीं सकते हैं.
इंटर्नशिप अब हमारे देश के कॉलेज और यूनिवर्सिटी एजुकेशन सिस्टम में इतनी ज्यादा जरुरी और लोकप्रिय हो चुकी है कि अपने कॉलेज के दिनों में अधिकतर स्टूडेंट्स 1 से अधिक इंटर्नशिप्स करने की पूरी कोशिश करते हैं. हमारे देश में लाखों स्टूडेंट्स हरेक साल विभिन्न कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज़ में एडमिशन लेते हैं और फिर अपने एकेडेमिक सेशन के दौरान ही 1 माह, 3 माह, 6 माह या फिर पूरे 1 साल की इंटर्नशिप करते हैं. ये इंटर्नशिप्स पेड या अनपेड होती है. लेकिन हर हाल में स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप करने का फायदा जरुर मिलता है. दरअसल, इंटर्नशिप स्टूडेंट्स के कॉलेज के दिनों के दौरान पेशेवर अनुभव का एक अच्छा उदाहरण है और यह कॉलेज एजुकेशन पूरी होने के बाद स्टूडेंट्स को पेशेवर और कॉर्पोरेट दुनिया के लिए तैयार करती है. इसलिए, आप स्टूडेंट्स के लिए इंटर्नशिप के महत्व और वास्तविक लाभों को नकार नहीं सकते हैं. आमतौर पर स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप से मिलने वाले कई किस्म के फायदों को हम निम्नलिखित पॉइंट्स में सूचीबद्ध कर सके हैं जैसेकि:
इंटर्नशिप से मिलते हैं स्टूडेंट्स को कुछ यूं फायदे
देश-दुनिया में आजकल इंटर्नशिप का चलन है जो एजुकेशनल सिस्टम का अभिन्न हिस्सा बन चुका है. अपने एकेडेमिक सेशन के दौरान ही संबद्ध इंटर्नशिप पूरी कर लेने पर देश-विदेश में स्टूडेंट्स को अनके किस्म के एजुकेशनल, स्किल बेस्ड और प्रोफेशनल फील्ड से जुड़े फायदे मिलते हैं जैसेकि:
- इंटर्नशिप से रिसर्च वर्क को मिलता है बढ़ावा
कॉलेज के दिनों में ही अपनी इंटर्नशिप करने वाले स्टूडेंट्स जब अपनी करियर लाइन से संबंधित कॉर्पोरेट वर्ल्ड और प्रोफेशनल फ़ील्ड्स में आने वाली दिक्कतों का सामना करते हैं तो फिर वे उन दिक्कतों को दूर करने के लिए रिसर्च का सहारा ले सकते हैं. अपनी इंटर्नशिप के दौरान विभिन्न मुद्दों को सॉल्व करने के लिए भी स्टूडेंट्स अपने पीअर ग्रुप्स और प्रोफेसर्स से परामर्श करके समुचित रिसर्च के द्वारा कोई उपयोगी समाधान तलाश सकते हैं. यहां तक कि स्टूडेंट्स को अपनी इंटर्नशिप के दौरान कई बार कुछ ऐसे टॉपिक्स या सोशल, पोलिटिकल या इकनोमिक इश्यूज़ मिल जाते हैं जिन पर स्टूडेंट्स अपनी हायर स्टडीज़ के दौरान आगे आने वाले वर्षों में रिसर्च कर सकते हैं.
इंटर्नशिप: एक विस्तृत और महत्वपूर्ण चर्चा
- इंटर्नशिप से बढ़ती है रोज़गार हासिल करने की क्षमता
जब स्टूडेंट्स अपने एकेडेमिक सेशन्स में 1 या अधिक इंटर्नशिप्स कामयाबी पूर्वक पूरी कर लेते हैं तो फाइनल इयर में प्लेसमेंट सीजन के दौरान ऐसे स्टूडेंट्स को हायरिंग कंपनियां अच्छे सैलरी पैकेज पर जॉब्स ऑफर करती हैं. इसका सबसे प्रमुख कारण यह है कि ऐसे स्टूडेंट्स को अपने कॉलेज के दिनों में ही प्रोफेशनल एनवायरनमेंट का अच्छा-खासा एक्सपीरियंस हो जाता है. बहुत बार तो टैलेंटेड इंटर्न्स को उनकी इंटर्नशिप पूरी होते ही ठीक वही कंपनी रेगुलर जॉब ऑफर कर देती है जहां से इंटर्न्स ने अपनी इंटर्नशिप सफलतापूर्वक पूरी की हो.
- इंटर्नशिप पूरी करने के बाद रिज्यूम बनता है वजनदार
यह सच है कि अगर स्टूडेंट्स अपनी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन और करियर लाइन के मुताबिक 1 या उससे अधिक इंटर्नशिप्स सफलतापूर्वक पूरी कर लेते हैं तो ऐसे स्टूडेंट्स का रिज्यूम काफी असरदार बन जाता है और इंटरव्यूअर्स तथा एम्पलॉयर्स अपनी कंपनी या दफ्तर में ऐसे ही कैंडिडेट्स को जॉब ऑफर करना पसंद करते हैं जिन्हें अपनी करियर लाइन का प्रोफेशनल एक्सपीरियंस और कॉर्पोरेट माहौल में काम करने का अनुभव हो क्योंकि ऐसे कैंडिडेट्स अपने जॉब प्रोफाइल के काम को जल्दी और अच्छी तरह समझ लेते हैं और किसी एक्सपीरियंस्ड पेशेवर की तरह अपना सारा काम निपटाते हैं.
- इंटर्नशिप से बनता है इंटर्न्स का करैक्टर स्ट्रोंग
जब अपने कॉलेज के दिनों में ही स्टूडेंट्स विभिन्न नॉन-गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन्स (NGOs), प्राइवेट/ कॉर्पोरेट कंपनियों या मल्टीनेशनल कंपनियों (MNCs) में कुछ महीने की इंटर्नशिप ट्रेनिंग लेते हैं तो उन्हें वहां के वर्किंग एनवायरनमेंट और ऑफिस-कल्चर की अच्छी जानकारी और समझ हासिल हो जाती है जिससे वे हर तरह की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करने का स्किल सीख लेते हैं. इसी तरह, अनपेडी इंटर्नशिप ट्रेनिंग में भी पूरी मेहनत और लगन से काम करने की वजह से स्टूडेंट्स निस्वार्थ भावना से मेहनत करना सीख लेते हैं और विभिन्न NGOs के लिए काम करने पर वे मानवता और सहनशीलता के गुण सीख लेते हैं. इन्हीं कारणों से यह कहा जा सकता है कि इंटर्नशिप से स्टूडेंट्स का करैक्टर स्ट्रोंग बनता है.
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- स्टूडेंट्स अपने लिए सबसे सूटेबल करियर और जॉब लाइन की जानकारी हासिल कर लेते हैं
अक्सर कॉलेज के दिनों में स्टूडेंट्स अपने 3 एकेडेमिक सेशन्स के दौरान 1 से अधिक इंटर्नशिप्स पूरी कर लेते हैं जिस वजह से उन्हें यह अच्छी तरह से समझ में आ जाता है कि कौन-सा करियर और जॉब प्रोफाइल उनके लिए सबसे ज्यादा सूटेबल है. ऐसे में, अपनी विभिन्न इंटर्नशिप्स पूरी करने के बाद स्टूडेंट्स अपने लिए सबसे ज्यादा सूटेबल करियर चुनने में सक्षम हो जाते हैं. अपनी इंटर्नशिप ट्रेनिंग सफलतापूर्वक पूरी करने के बाद स्टूडेंट्स को अपने प्रैक्टिकल एग्जाम्स और प्रोजेक्ट वर्क भी समुचित तरीके से पूरे करने में मदद मिलती है.
ऑनलाइन इंटर्नशिप से स्टूडेंट्स को मिलते हैं ये फायदे
अगर हम भारत में इंटर्नशिप के बारे में विचार करें तो पाते हैं कि आज भी हमारे देश में कॉलेज स्टूडेंट्स ट्रेडिशनल इंटर्नशिप को ऑनलाइन इंटर्नशिप के बजाए ज्यादा पसंद करते हैं. यद्यपि, ग्राफिक डिजाइनिंग, सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग, वेब डेवलपर्स और कंटेंट राइटिंग जैसे कई कोर्सेज हैं जहां स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन इंटर्नशिप ज्यादा फायदेमंद रहता है. अगर किसी सही कोर्स के लिए ऑनलाइन इंटर्नशिप की जाये तो फिर वह ऑनलाइन इंटर्नशिप पूरी होने के बाद स्टूडेंट्स के रिज्यूम काफी असरदार बन जाता है. आज के इस डिजिटल और इंटरनेट दौर में स्टूडेंट्स को ऑनलाइन इंटर्नशिप करने के कुछ महत्वपूर्ण फायदे होते हैं जैसेकि:
• स्टूडेंट्स कर सकते हैं अपनी इच्छा के अनुसार काम
ऑनलाइन इंटर्नशिप्स स्टूडेंट्स को उनकी इच्छा से काम करने की सुविधा देती हैं. बेशक ऑनलाइन इंटर्नशिप में भी किसी काम को समाप्त करने की निश्चित समय सीमा निर्धारित होती है. लेकिन स्टूडेंट्स अपनी सुविधा और प्राथमिकताओं के मुताबिक अपना काम पूरा कर सकते हैं.
• विभिन्न देशों के लोगों के साथ मिलकर काम करने का स्किल होता है विकसित
ऑनलाइन इंटर्नशिप्स स्टूडेंट्स को पूरी दुनिया में विभिन्न देशों के लोगों के साथ मिलकर काम करने के काफी बढ़िया मौके मुहैया करवाती हैं. बेशक, किसी ऑनलाइन इंटर्नशिप में स्टूडेंट्स अपने आसपास के किसी निश्चित क्षेत्र में काम करने तक सीमित नहीं रहते हैं. ऑनलाइन इंटर्नशिप के दौरान इस तरह के मौके मिलने की वजह से स्टूडेंट्स अपनी ग्लोबल एप्रोच विकसित कर सकते हैं जिससे स्टूडेंट्स को विभिन्न देशों और विभिन्न कल्चरल बैकग्राउंड वाले लोगों के साथ मिलकर काम करना बखूबी आ जाता है.
• स्टूडेंट्स अपनी पार्ट टाइम जॉब और ऑनलाइन इंटर्नशिप कर सकते हैं एक-साथ
इन दिनों देश के विभिन्न कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज़ में पढ़ने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स किसी बड़े ब्रांड में इंटर्नशिप करने के बजाय कोई पार्ट टाइम जॉब करना ज्यादा पसंद करते हैं. दरअसल, आजकल भी कई बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप्स आमतौर पर अनपेड होती हैं. इसलिए जिन स्टूडेंट्स की इकनोमिक कंडीशन ज्यादा अच्छी नहीं होती है, वे स्टूडेंट्स कोई पार्ट टाइम जॉब करना चाहते हैं ताकि उनका रोजमर्रा का खर्च निकलता रहे. ऐसे स्टूडेंट्स के लिए वर्चुअल या ऑनलाइन इंटर्नशिप्स एक वरदान साबित हो सकती हैं. ऐसे स्टूडेंट्स आसानी से अपनी पार्ट टाइम जॉब के साथ ऑनलाइन इंटर्नशिप भी पूरी कर सकते हैं और अपनी इंटर्नशिप से वर्क एक्सपीरियंस प्राप्त करके बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं.
इंटर्नशिप : अनुभव प्राप्त करने और सीखने का सर्वोत्तम अवसर
इंटर्नशिप से स्टूडेंट्स को मिलने वाले कुछ अन्य महत्वपूर्ण फायदे
यहां हम कुछ ऐसे फायदों का पॉइंट्स में जिक्र कर रहे हैं जो स्टूडेंट्स को अपनी इंटर्नशिप ट्रेनिंग पूरी करने पर सहज ही मिल जाते हैं जैसेकि:
- इंटर्नशिप ट्रेनिंग से बढ़ता है स्टूडेंट्स का सोशल और प्रोफेशनल नेटवर्क.
- पार्टटाइम जॉब हासिल करने में भी इंटर्नशिप ट्रेनिंग पूरी करने से मिलता है फायदा.
- स्टूडेंट्स अपने काम में प्रैक्टिकल एप्रोच को इस्तेमाल करना बखूबी सीख जाते हैं.
- इंटर्नशिप ट्रेनिंग से स्टूडेंट्स की सब्जेक्ट नॉलेज और एजुकेशनल स्किल्स भी बढ़ जाते हैं.
- स्टूडेंट्स अपनी इंटर्नशिप ट्रेनिंग के दौरान टीमवर्क और लीडरशिप स्किल्स सीखते हैं.
- स्टूडेंट्स का आत्मविश्वास और समझ कई गुणा बढ़ जाते हैं.
- स्टूडेंट्स को अपने ‘इंटर्न-ऑफिस/ कंपनी’ से महत्वपूर्ण रिफरेन्सेस भी मिल जाती हैं.
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