कैटरिंग एक ऐसा सदाबहार पेशा है जिसका महत्त्व हम अपने जीवन में नकार नहीं सकते हैं. अगर आपको खाने-पीने के काम में दिलचस्पी है तो आप बड़े शौक से यह पेशा अपना सकते हैं. इस आर्टिकल में हम भारत में कैटरिंग की फील्ड में आपके लिए करियर स्कोप की चर्चा कर रहे हैं.
आजकल पूरी दुनिया में कैटरिंग का काम एक इंडस्ट्री में तब्दील हो चुका है. अब इस प्रोफेशन में इनकम अच्छी होने लगी है तथा इन पेशेवरों को रिस्पेक्ट भी मिलती है. एक अनुमान के मुताबिक भारतीय होटल इंडस्ट्री का सालाना 15 फीसदी विकास हो रहा है. मार्केट की ऐसी परिस्थितियों की वजह से होटल इंडस्ट्री का कारोबार आजकल फ़ल-फ़ूल रहा है. वैसे तो कैटरिंग के काम के तहत कस्टमर्स के लिए ‘रेडी टू ईट’ के आधार पर भोजन की व्यवस्था की जाती है. आपके घर या दफ्तर में चाहे कोई भी फंक्शन हो, कैटरर्स आपके लिए खाने-पीने का बेहतेरीन इंतजाम करते हैं. अगर किसी कैटरर की सर्विस लोगों को पसंद आती है तो ऐसे कैटरर के पास किसी शादी, पार्टी, जन्मदिन के उत्सव या अन्य किसी भी समारोह में भोजन की व्यवस्था करने के काफी ऑर्डर्स आने लगते हैं. लेकिन इस पेशे में आपको बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि अगर लोगों को आपके फ़ूड आइटम्स या अरेंजमेंट्स पसंद नहीं आते तो वे आपको भविष्य में कैटरिंग के ऑर्डर्स नहीं देंगे. अगर किसी कस्टमर का आप पर से एक बार भरोसा टूट जाए तो आप उस कस्टमर को हमेशा के लिए खो सकते हैं. इतना ही नहीं वह कस्टमर अन्य जान-पहचान के लोगों को भी अपने अनुभव जरुर बतायेगा जिससे आपके कारोबार को नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए, कैटरिंग के कारोबार को शुरू करने के लिए आपको खाना बनाने में दिलचस्पी होने के साथ-साथ बेहतरीन तरीके से खाना बनाना भी जरुर आना चाहिए और इसके लिए आप भारत की विभिन्न यूनिवर्सिटीज़ या इंस्टीट्यूशन्स से कैटरिंग में कोई सूटेबल कोर्स जरुर कर लें. इस आर्टिकल में आपके लिए कैटरिंग के कोर्सेज की जानकारी देने के साथ ही भारत में कैटरिंग की फील्ड में करियर स्कोप की भी चर्चा की जा रही है.
कैटरिंग से मिलता है पर्सनल एक्सपोज़र
कैटरिंग के कारोबार में सफल होने के लिए आपके अपने क्लाइंट्स के साथ रिलेशन्स काफी अच्छे होने चाहिए. इस काम की यह विशेषता है कि इसमें आपको पर्सनल एक्सपोज़र मिलता है और जो लोग आप के काम से खुश हो जाते हैं वे अन्य लोगों को भी आपकी सेवाएं लेने के लिए जरुर कहेंगे और तब एक कैटरर के तौर पर आपका प्रचार होता चला जाएगा. आजकल देश के सभी छोटे-बड़े होटलों को कैटरिंग टेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट्स की जरुरत पड़ती है. इसके अतिरिक्त यदि व्यक्ति अपना काम करना चाहे तो टिफिन सेवा का काम भी शुरू कर सकते हैं. कैटरिंग के कारोबार के तहत आपको प्राइवेट पार्टियों, होस्टलों, ऑफिस या लोगों के घर पर नाश्ते, भोजन की सुविधाएं देनी होती हैं. कैटरिंग स्वरोजगार का एक बहुत अच्छा विकल्प है. कैटरिंग में अच्छे खाने से लेकर अच्छी सर्विस तक को शामिल किया जाता है. कस्टमर का संतोष इस इंडस्ट्री के लिए सफलता का मंत्र है.
कैटरिंग है सेल्फ-एम्पलॉयमेंट का बढ़िया विकल्प
शुरू में कैटरिंग का काम किसी के साथ जुड़कर करने के कुछ समय के बाद आप खुद भी अपना कैटरिंग का कारोबार शुरू कर सकते हैं क्योंकि कैटरिंग सेल्फ-एम्पलॉयमेंट का बेहतरीन विकल्प है. अगर आप खुद का काम शुरू करना चाहते हैं तो घर या दुकान कहीं से भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं. इस काम को छोटे लेवल पर शुरू करने के लिए केवल 2-3 लोगन से ही काम चल सकता है, वहीं बड़े लेवल पर इस कारोबार के लिए कई लोगों की आवश्यकता पड़ेगी. दरअसल, बड़े लेवल पर कैटरिंग के कारोबार के लिए ज्यादा लागत और बड़ी जगह की जरूरत भी पड़ती है. इसलिए हमेशा बजट को ध्यान में रखकर ही यह कारोबार शुरू करें. शुरू में केवल एक-दो लोग मिलकर ही यह कारोबार कर सकते हैं और मुनाफा बढ़ने के साथ अपना कारोबार बढ़ा सकते हैं.
कैटरिंग ट्रेनिंग का महत्त्व
ऐसे इंस्टीट्यूशन्स की कोई कमी नहीं है जो कैटरिंग की ट्रेनिंग उपलब्ध कराते हैं. इन कोर्सों की अवधि इंस्टीट्यूशन्स पर निर्भर करती है. यहां इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि अच्छे संस्थान से लिया गया प्रशिक्षण बेहतर रोजगार दिलाने में हमेशा कारगर सिद्ध होता है.
नेशनल काउंसिल ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी (एनसीएचएमसीटी) में प्रत्येक वर्ष स्टूडेंट्स नेशनल होटल मैनेजमेंट ज्वॉइंट एंट्रेंस एग्जाम के लिए अप्लाई कर सकते हैं. भारत में एनसीएचएमसीटी से मान्यता प्राप्त कई इंस्टीट्यूट्स होटल होस्पिटैलिटी एंड होटल एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े विभिन्न कोर्सेज में एडमिशन इस नेशनल लेवल के एंट्रेंस एग्जाम के जरिए लेते हैं. होटल मैनेजमेंट व कैटरिंग की फील्ड में करियर बनाने के इच्छुक यंगस्टर्स इस मौके का पूरा फायदा उठा सकते हैं.
12वीं पास कैंडिडेट्स इस एग्जाम के लिए अप्लाई कर सकते हैं. अधिकतम आयु सीमा 22 वर्ष है. एससी/एसटी कैटेगरी के कैंडिडेट्स को आयु में 3 वर्ष की छूट प्राप्त होती है. इस 3 घंटे के एंट्रेंस एग्जाम में मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन्स होते हैं जो होटल मैनेजमेंट तथा कैटरिंग फील्ड से जुड़े एप्टीट्यूड, इंग्लिश, करेंट अफेयर, रीजनिंग, न्यूमेरिकल एबिलिटी व साइंटिफिक एप्टीट्यूड से संबंधित होते हैं.
भारत में कैटरिंग कोर्स करवाने वाले प्रमुख इंस्टीट्यूशन्स
- सप्तगिरि कॉलेज ऑफ होटल मैनेजमेंट, मंगलौर
- गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग, देहरादून व अल्मोड़ा
- इस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग टेक्नोलॉजी एंड एप्लाइड न्यूट्रीशन, मेरठ
- आरएन शेट्टी कॉलेज ऑफ होटल मैनेजमेंट और कैटरिंग, हुबली
- इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट, कैटरिंग एंड न्यूट्रीशन, पूसा, नई दिल्ली/ मुंबई
- इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट, कलकत्ता
- इंस्टीट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट, जोधपुर
यंग इंडियन्स के लिए फ़ूड साइंस में ये हैं दमदार कोर्सेज और करियर्स
भारत में कैटरिंग में जॉब स्कोप
भारत में अगर हम कैटरिंग की फील्ड में उपलब्ध जॉब ऑप्शन्स की बात करें तो इस फील्ड में आशाजनक संभावनाएं हैं. कैटरिंग के हुनर के माध्यम से एयर लाइन कैटरिंग एवं केबिन सर्विस, हॅास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन एंड कैटरिंग, होटल और टूरिज्म एसोसिएशन्स, रेलवे, बैंक, सैन्य बल, शिपिंग कॅारपोरेशन को भी अपनी सेवायें प्रदान की जा सकती हैं. लेकिन, कैटरिंग में ट्रेनिंग लेने वाले अधिकतर लोग होटलों या रेस्टोरेंट्स में काम करना ज्यादा पसंद करते हैं.
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