भारत के कृषि आधारित इकोनॉमी में डेयरी का एक विशेष महत्व है। वर्तमान में अमेरिका के बाद भारत दूध उत्पादन में दूसरे पायदान पर पहुँच गया है। डेयरी टेक्नोलॉजी से जुडे प्रोफेशनल का काम दूध उत्पादन, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, स्टोरेज, ट्रांसपोर्ट, डिस्ट्रीब्यूशन आदि से जुड़ा होता है।
भारत के कृषि आधारित इकोनॉमी में डेयरी का एक विशेष महत्व है। वर्तमान में अमेरिका के बाद भारत दूध उत्पादन में दूसरे पायदान पर पहुँच गया है। डेयरी टेक्नोलॉजी से जुडे प्रोफेशनल का काम दूध उत्पादन, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, स्टोरेज, ट्रांसपोर्ट, डिस्ट्रीब्यूशन आदि से जुड़ा होता है। तेजी से दूध उत्पादन के क्षेत्र में भारत की तरक्की से ऐसे लोगों की डिमांड लगातार बढ़ रही है, जो डेयरी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ट्रेंड हैं।
कोर्स और योग्यता
डेयरी टेक्नोलॉजी से जुड़े विभिन्न कोर्स में स्टूडेंट्स 12वीं साइंस के बाद एडमिशन ले सकते हैं। ग्रेजुएशन करने के बाद मास्टर डिग्री प्रोग्राम में एडमिशन लेने का रास्ता भी खुल जाता है। यहां स्टूडेंट्स डेयरी माइक्रो बायोलॉजी, डेयरी केमिस्ट्री, डेयरी टेक्नोलॉजी, डेयरी इंजीनियरिंग, एनिमल जेनेटिक्स ऐंड ब्रीडिंग, बॉयोकेमिस्ट्री, डेयरी इकोनॉमिक्स, एनिमल बायोटेक्नोलॉजी और इससे जुडे अन्य क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। इस क्षेत्र में कुछ इंस्टीट्यूट ऐसे भी हैं, जहां ट्रेनिंग प्रोग्राम उपलब्ध है। इसमें नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल, एमसी कॉलेज ऑफ डेयरी साइंस के अलावा कुछ अन्य यूनिवर्सिटी भी ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑफर करती हैं। डेयरी साइंस टेक्नोलॉजी में चार वर्षीय बैचलर डिग्री के अलावा डेयरी साइंस इंस्टीट्यूट मुंबई से डेयरी टेक्नोलॉजी/हस्बैंड्री में दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया जा सकता है। भारत में 17 संस्थान डेयरी साइंस और डेयरी टेक्नोलॉजी में मास्टर डिग्री तथा 6 यूनिवर्सिटी पीएचडी की डिग्री प्रदान करती हैं। कर्नाल और आनंद स्थित डेयरी साइंस कॉलेज द्वारा क्वालिटी कंट्रोल में डिग्री तथा इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, खड़गपुर द्वारा एग्रिकल्चरल एंड फ़ूड इंजीनियरिंग में बी.टेक आनर्स के तहत डेयरी इंजीनियरिंग, डेयरी एंड फ़ूड इंजीनियरिंग में एम.टेक और डेयरी इंजीनियरिंग एंड डेयरी टेक्नोलॉजी में पीएचडी की उपाधि दी जाती है। डेयरी टेक्नोलॉजी/वेटेरिनरी साइंस/एग्रीकल्चर आदि से ग्रेजुएट स्टूडेंट्स इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद और लखनऊ में एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम में एडमिशन ले सकते हैं।
अवसर
वर्तमान में भारत में तकरीबन 400 से अधिक डेयरी प्लांट्स हैं, जो विभिन्न तरह के डेयरी प्रोडक्ट्स का उत्पादन करते हैं। इस तरह के प्लांट को सफलतापूर्वक चलाने के लिए ट्रेंड प्रोफेशनल की मांग दिन-ब-दिन बढ़ रही है। डेयरी प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के रफ्तार पकड़ने से डेयरी इक्विपमेंट इंडस्ट्री का भी तेजी से विकास हो रहा है। इस समय तकरीबन 170 से अधिक डेयरी इक्विपमेंट कंपनियां देश में हैं। यदि इस फील्ड में आठ से दस वर्ष तक कार्य करने का अनुभव है, तो कंसल्टेंट के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा, टीचिंग और रिसर्च में भी अच्छी संभावनाएं हैं। अनुभव हासिल करने के बाद, दूध, आइसक्रीम आदि का कारोबार भी शुरू किया जा सकता है।
सैलरी पैकेज
शुरुआती दौर में डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट की सैलरी आठ से 12 हजार रुपये प्रतिमाह होती है। यदि दो से तीन साल का अनुभव है, तो अच्छी सैलरी मिलने लगती है।
संस्थान
1. यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस, कर्नाटक
2. कॉलेज ऑफ डेयरी टेक्नोलॉजी, नागपुर
3. जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर
4. केरल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी
5. राजस्थान एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी
6. इलाहाबाद एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट
7. नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टिट्यूट (एनडीआरआई), करनाल
8. आचार्य एनजी रंगा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, तिरुपति
9. आंध्र प्रदेश एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
10. डेयरी साइंस इंस्टिट्यूट, मुंबई
11. वेस्ट बंगाल ऑफ़ एनीमल एंड फिशरी साइंसेस
12. शेठ एमसी कॉलेज ऑफ़ डेयरी साइंस, आनंद
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