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इंटरनेट जॉकी

 इंटरनेट की पॉपुलारिटी बढ़ने के साथ लोग अपनी पसंद के गाने या म्यूजिक के लिए टीवी या रेडियो पर ही निर्भर नहीं रह गए हैं। इन्टरनेट के माध्यम से श्रोता या दर्शक की पहुँच दुनिया भर के प्रोग्राम तक होती है। ऐसे में वीडियो और रेडियो जॉकी की तरह ही इन्टरनेट जॉकी की भी जरूरत पड़ने लगी है। इस प्रकार इन्टरनेट जॉकी एक ऐसा प्रोफेशनल होता है जो इन्टरनेट पर म्यूजिक शो का प्रबंध करता है।

इंटरनेट की पॉपुलारिटी बढ़ने के साथ लोग अपनी पसंद के गाने या म्यूजिक के लिए टीवी या रेडियो पर ही निर्भर नहीं रह गए हैं। इन्टरनेट के माध्यम से श्रोता या दर्शक की पहुँच दुनिया भर के प्रोग्राम तक होती है। ऐसे में वीडियो और रेडियो जॉकी की तरह ही इन्टरनेट जॉकी की भी जरूरत पड़ने लगी है। इस प्रकार इन्टरनेट जॉकी एक ऐसा प्रोफेशनल होता है जो इन्टरनेट पर म्यूजिक शो का प्रबंध करता है। विदेशों में इंटरनेट जॉकी को वर्चुअल डीजे या इंटरनेट डीजे कहा जाता है। वर्चुअल डीजे जिस इवेंट में जाता है, उस पर वह  इंटरनेट पर सीधा लोगों से जुडा रहता है। इंटरनेट जॉकी का कॉन्सेप्ट सन् 2007 में वीवा म्यूजिक डॉट कॉम के जरिए प्रचलन में आया, जिसके डीजे थे करन। फिर सिफी मैक्स डॉट कॉम, म्यूजिक करी डॉट कॉम, याहू, एमएसएन और गूगल ने भी देश के युवाओं के लिए रोजगार का नया रास्ता खोल दिया। निश्चित तौर पर ब्रॉडबैंड धारकों की संख्या बढ़ने के साथ ही लाइव शो के पोर्टलों की संख्या में वृद्धि होगी, अतः इन्टरनेट जॉकी की मांग बढ़ना लाजिमी है।

कार्य
इंटरनेट जॉकी एक प्रकार का फ्रीलांस जॉब है। प्रतिदिन की खबरों के लिए एक घंटे की शूट और गॉसिप्स के लिए सप्ताह में एक दिन बाहर जाकर शूटिंग करनी होती है। इंटरनेट जॉकी ऑफिशियल मेल या आईडी के जरिए अपने क्लाइंट से संपर्क करता है। इस माध्यम से वह क्लाइंट की पसंद का गाना अपलोड करना, किसी सेलिब्रिटी का इंटरव्यू या खास इवेंट देखने की फरमाइश को पूरी करता है। हिंदी, अंग्रेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में भी इंटरनेट जॉकी की खूब डिमांड है।

योग्यता
50 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास एक कामयाब इंटरनेट जॉकी बन सकता है। इंटरनेट जॉकी बनने के लिए कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के साथ ऑनलाइन तकनीक की जानकारी जरूरी है। अंग्रेजी और हिंदी भाषा की अच्छी समझ के साथ संगीत में रुचि भी आवश्यक है।

चयन प्रक्रिया
इंटरनेट जॉकी बनने के लिए दो तरह की चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। पहले दौर में सामान्य ज्ञान और दूसरे में स्क्रीन टेस्ट लिया जाता है, जिसमें थीम कैंडीडेट को खुद तय करना होता है, लेकिन इसे रोचक ढंग से लिखना और उसे लय के साथ पढ़ना भी जरूरी होता है। कंप्यूटर की बेसिक जानकारी के साथ इंटरनेट और प्रमुख वेबसाइट्स की भी जानकारी हो, हर तरह की खबरों पर उसकी पारखी नजर हो, बिंदास अंदाज में हिंदी व अंग्रेजी मिक्स कर कैसे बोला जाए, यह बेहद अहम है।

कमाई
ट्रेनिंग के बाद इंटरनेट जॉकी का शुरुआती वेतन 10 से 15 हजार प्रतिमाह होता है और अनुभव के साथ-साथ यह आमदनी बढ़ती जाती है। एक से अधिक भाषा का ज्ञान रखने वाले इंटरनेट जॉकी का सैलरी पैकेज ज्यादा अच्छा होता है।

कोर्स
विभिन्न संस्थानों में संबंधित डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स उपलब्ध हैं। इस कोर्स की अवधि तीन महीने से लेकर एक साल तक की है। वर्तमान में एकेडमी ऑफ ब्रॉडकास्टिंग के करीब 40 सेंटर्स में इंटरनेट जॉकी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

संस्थान
 1. जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस, मुंबई
 2. मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, अहमदाबाद
 3. दिल्ली फिल्म इंस्टीट्यूट
 4. एकेडमी ऑफ ब्रॉडकास्टिंग, चंडीगढ़
 5. एकेडमी ऑफ रेडियो मैनेजमेंट, नई दिल्ली
 6. आचार्य प्रफुल्ल चंद्र कॉलेज, 24 परगना
 7. एशियन एकेडमी आफ फिल्म ऐंड टेलीविजन, नोएडा
 8. दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर

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