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अकाउंटिंग

 बढ़ती आर्थिक एवं वाणिज्यिक गतिविधि तथा हिसाब-किताब को ठीक रखने की जरूरत ने प्रत्येक स्थान पर अकाउंटिंग की जरूरत को अनिवार्य बना दिया है। अकाउंटिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जिसकी जरूरत हर छोटी-बड़ी और सरकारी तथा गैर सरकारी कंपनी को होती है।

बढ़ती आर्थिक एवं वाणिज्यिक गतिविधि तथा हिसाब-किताब को ठीक रखने की जरूरत ने प्रत्येक स्थान पर अकाउंटिंग की जरूरत को अनिवार्य बना दिया है। अकाउंटिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जिसकी जरूरत हर छोटी-बड़ी और सरकारी तथा गैर सरकारी कंपनी को होती है। बिना इस विभाग के किसी भी कंपनी में वित्तीय लेन-देन, स्टाफ की सैलॅरी का मेंटिनेंस, बही-खातों की समुचित देख-रेख, बैलेंस शीट बनाना, विभिन्न करों का हिसाब-किताब आदि से संबंधित काम नहीं हो सकते। इसके लिए कंपनियां अकाउंटिंग एक्सपर्ट्स को या तो नियमित सैलॅरी पर रखती हैं या फिर समय-समय पर उन्हें हायर करती रहती हैं। दरअसल, अकाउंटिंग का कोर्स करने के बाद जहां एक ओर बीकॉम, एमकॉम व कम्प्यूटर अकाउंटिंग से सम्बंधित युवा विभिन्न कंपनियों में तुरंत जॉब पा सकते हैं, वहीं दूसरी ओर सीए, सीएस या आईसीडब्ल्यूएआई का कोर्स करने वाले युवा इस फील्ड में कंसल्टेंसी या जॉब करके करियर की बुलंदियां छू सकते हैं। अकाउंटिंग के प्रमुख कोर्स और उनकी खासियत निम्नलिखित हैं:

1. कॉस्ट ऐंड मैनेजमेंट अकाउंटिंग
कॉस्ट ऐंड मैनेजमेंट अकाउंटिंग का कोर्स करने वाले प्रोफेशनल्स हर तरह की चुनौती का सामना करने तथा ऑपरेशंस को कॉस्ट इफेक्टिव बनाने में माहिर होते हैं। ऐसी विशेषज्ञता वाले लोग इन्वेस्टमेंट प्लानिंग, प्रॉफिट प्लानिंग, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट तथा इससे संबंधित मैनेजरियल निर्णय लेने जैसे महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। इससे संबंधित कोर्स भारत सरकार की केवल एक संस्था आईसीडब्ल्यूएआई संचालित करती है।

कोर्स: आईसीडब्ल्यूएआई के द्वारा तीन तरह के कोर्स संचालित किए जाते हैं-फाउंडेशन कोर्स, इंटरमीडिएट कोर्स और फाइनल कोर्स। फाउंडेशन कोर्स के लिए कम से कम 17 वर्ष की आयु का और किसी भी स्ट्रीम से बारहवीं पास या बारहवीं की परीक्षा दे चुका युवा आवेदन कर सकता है। इसकी परीक्षा वर्ष में दो बार जून और दिसंबर माह में होती है। इन दोनों में से जिस परीक्षा में भाग लेना हो, उससे कम से कम छह माह पहले नामांकन कराना पड़ता है। आईसीडब्ल्यूएआई के इंटरमीडिएट कोर्स में ऐसे स्टूडेंट एडमिशन ले सकते हैं, जिन्होंने या तो फाउंडेशन कोर्स उत्तीर्ण कर लिया हो या फिर जो किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट (म्यूजिक, डांस, फोटोग्राफी व पेंटिंग के अतिरिक्त दूसरे विषय में) हों। इसके लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। इसमें भी परीक्षा वाले टर्म से कम से कम छह माह पहले प्रवेश लेना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि आईसीडब्ल्यूएआई द्वारा संचालित फाइनल कोर्स में वही छात्र प्रवेश ले सकते हैं, जिन्होंने पहले ही इस संस्था से इंटरमीडिएट कोर्स कर रखा है।

• अवसर: आईसीडब्ल्यूएआई से कोर्स करने के बाद मैन्युफैक्चरिंग व मल्टीनेशनल कंपनी या सर्विस सेक्टर में आसानी से काम हासिल किया जा सकता है। ऐसी कंपनियों में अपनी योग्यता और प्रतिभा के बल पर कॉस्ट कंट्रोलर, मार्केटिंग मैनेजर, चीफ अकाउंटेंट, फाइनेंशियल कंट्रोलर, मैनेजिंग डायरेक्टर, चेयरमैन, सीईओ जैसे पद तक पहुंचा जा सकता है।


2. कंपनी सेक्रेटरी
कॉमर्स में रुचि रखने वाले स्टूडेंट्स कंपनी सेक्रेटरी यानी सीएस कोर्स करके एमडी, चेयरमैन, डायरेक्टर आदि के साथ न केवल बोर्ड रूम की बैठकों में शामिल हो सकते हैं, बल्कि आकर्षक कमाई भी कर सकते हैं। इसके लिए भारत सरकार की वैधानिक संस्था द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया द्वारा संचालित फाउंडेशन, एग्जीक्यूटिव और प्रोफेशनल कोर्स करने की जरूरत होती है। इसके बाद कंपनी सेक्रेटरी जैसे प्रतिष्ठित पद पर देश-दुनिया की तमाम कंपनियों में काम कर सकते हैं या फिर स्वतंत्र रूप से कंसल्टेंसी भी दे सकते हैं। आठ माह के फाउंडेशन कोर्स में कॉमर्स के अलावा, आर्ट्स व साइंस से बारहवीं पास स्टूडेंट्स भी प्रवेश ले सकते हैं। एग्जीक्यूटिव कोर्स में सीएस या कॉमर्स में डिग्री या मास्टर डिग्री रखने वाले, फाइन आर्ट्स छोड़कर किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएट, आईसीडब्ल्यूएआई की फाइनल परीक्षा उत्तीर्ण या इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की परीक्षा पास करने वाले सीधे प्रवेश ले सकते हैं। नामांकन के लिए संपर्क का पता है: आईसीएसआई हाउस, 22, इंस्टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, नई दिल्ली

3. सीए
देश में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की खूब डिमांड है। यदि इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा संचालित फाइनल कोर्स कम्प्लीट कर लिया जाए, तो अकाउंटिंग, ऑडिटिंग, कॉर्पोरेट फाइनेंस, प्रोजेक्ट इवैल्यूएशन, कंपनी व बिजनेज लॉ, टैक्सेशन एवं कॉर्पोरेट गवर्नेंस के क्षेत्रों में टॉप जॉब या प्रैक्टिस करने का मौका मिल सकता है। इसके लिए बारहवीं के बाद साल में दो बार होने वाले सीपीटी यानी कॉमन प्रोफेशिएंसी टेस्ट में सम्मिलित होकर नामांकन कराया जा सकता है। सीपीटी उत्तीर्ण होने के बाद तीन माह की आर्टिकलशिप ट्रेनिंग और सौ घंटे की आईटीटी ट्रेनिंग लेनी होती है और फिर पीसीई यानी प्रोफेशनल कॉम्पिटेंस एग्जाम में शामिल होना पड़ता है। आठ माह की ऑडिट ट्रेनिंग छह माह की आर्टिकल ट्रेनिंग के बराबर होती है। पीसीई के बाद फाइनल एग्जाम देना होता है। इसे उत्तीर्ण करने के बाद सीए के रूप में जॉब या स्वयं का प्रैक्टिस किया जा सकता है। जॉब करते हुए न्यूनतम औसत सैलॅरी सालाना छह लाख रुपये हासिल कर सकते हैं। कोर्स करने के लिए निम्नलिखित पते पर संपर्क किया जा सकता है: द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, आईसीएआई भवन, इंद्रप्रस्थ मार्ग, नई दिल्ली

4. कम्प्यूटर अकाउंटेंसी
जब पूरी दुनिया में आईटी की धूम है, यानी हर काम कम्प्यूटर की मदद से किए जा रहे हैं। ऐसे में अकाउंटिंग क्षेत्र भला इससे अछूता कैसे रह सकता है। यही कारण है कि अब कार्यालयों में पहले की तरह मोटे-मोटे बही-खाते नहीं दिखते, क्योंकि इनकी जगह ले ली है कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर्स ने। इस सुविधा की बदौलत अब घंटों कलम-कागज और कैलकुलेटर लेकर अकाउंटेंट को संख्याओं से जूझना नहीं पड़ता, बल्कि अब विशेष रूप से बनाए गए टैली जैसे सॉफ्टवेयर की बदौलत मुश्किल से मुश्किल कैलकुलेशंस भी पलक झपकते ही हो जाते हैं और वह भी पूरी शुद्धता के साथ। यदि कोई चाहे, तो विभिन्न संस्थानों द्वारा चलाए जाने वाले ऐसे कोर्स में महज बारहवीं के बाद ही एडमिशन ले सकता है। ऐसे कोर्स एक से डेढ़ वर्ष की अवधि के होते हैं।

• कोर्स विवरण: कम्प्यूटर अकाउंटेंसी कोर्स के तहत कॉमर्स, बैंकिंग, टैक्सेशन, टैक्स लॉ आदि की बुनियादी जानकारी प्रदान करने के बाद कम्प्यूटर एप्लिकेशन, फाइनेंशियल अकाउंटिंग, एडवांस प्रैक्टिकल अकाउंट्स, टैक्सेशन, एक्साइज ऐंड सर्विस टैक्स, पे-रोल, इन्वेस्टमेंट, बैंकिंग एवं फाइनेंस से संबंधित हर तरह की व्यावहारिक जानकारी दी जाती है। खास बात यह है कि कोर्स पूरा करने के बाद अकाउंटेंट के रूप में न्यूनतम आठ से दस हजार रुपये सैलॅरी की जॉब आराम से मिल सकती है।

• संस्थान
कम्प्यूटर अकाउंटेंसी, इंडस्ट्रियल अकाउंटेंसी, मैनेजरियल अकाउंटिंग, सर्टिफाइड प्रोफेशनल अकाउंटेंट आदि में कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थानों के नाम इस प्रकार हैं :
    • आई 360 स्टाफिंग ऐंड ट्रेनिंग सॉल्यूशंस,  नई दिल्ली
    • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंस अकाउंट्स, जनकपुरी, नई दिल्ली
    • आईसीएफई, लक्ष्मी नगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर, दिल्ली

5. सर्टिफिकेट इन अकाउंटिंग टेक्निशियंस
अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स की लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए आईसीडब्ल्यूएआई ने एक और उपयोगी कोर्स सर्टिफिकेट इन अकाउंटिंग टेक्निशियंस यानी कैट आरंभ किया है। एक वर्ष की अवधि वाले इस कोर्स में परीक्षाओं के अलावा, कम्प्यूटर प्रशिक्षण, व्यावहारिक प्रशिक्षण तथा ओरिएंटेशन ट्रेनिंग भी सिलेबस का हिस्सा है। वैसे इस कोर्स में भी दो स्तर हैं-पहला, प्रवेश स्तर पर फाउंडेशन कोर्स और दूसरा विशेषज्ञता स्तर पर कॉम्पिटेंसी कोर्स, जिनमें अकाउंटिंग संबंधी हर तरह के तकनीकी कौशल के बारे में बताया जाता है। खास बात यह है कि यह कोर्स अंग्रेजी के अलावा, हिन्दी माध्यम में भी किया जा सकता है। इसके लिए भी साल में दो बार परीक्षा ली जाती है। दिसंबर माह की परीक्षा के लिए उसी वर्ष 26 जून तक तथा जून माह की परीक्षा के लिए पूर्व वर्ष के 18 दिसंबर तक नामांकन कराया जा सकता है। आईसीडब्ल्यूएआई द्वारा संचालित कोर्स के बारे में और अधिक जानकारी तथा नामांकन के लिए निम्नलिखित पते पर संपर्क कर सकते हैं : 
    • आईसीडब्ल्यूएआई भवन, 3, इंस्टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, नई दिल्ली 
    • आईसीडब्ल्यूएआई, 12, सदर स्ट्रीट, कोलकाता

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