लोगों में बढ़ती जागरूकता से इंश्योरेंस कराने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। साथ ही ग्रामीण इलाकों में इंश्योरेंस के प्रवेश से बीमा के क्षेत्र में करियर के नए रास्ते भी खुले हैं। इंश्योरेंस सेक्टर में तेजी से पेशेवर लोगों की मांग और उस अनुपात में उनकी कमी को देखते हुए इसमें रोजगार की व्यापक संभावनाएं हैं।
लोगों में बढ़ती जागरूकता से इंश्योरेंस कराने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। साथ ही ग्रामीण इलाकों में इंश्योरेंस के प्रवेश से बीमा के क्षेत्र में करियर के नए रास्ते भी खुले हैं। इंश्योरेंस सेक्टर में तेजी से पेशेवर लोगों की मांग और उस अनुपात में उनकी कमी को देखते हुए इसमें रोजगार की व्यापक संभावनाएं हैं। इस सेक्टर में पेशेवर लोगों की कमी की बात को रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन की अध्यक्षता में बीमा क्षेत्र पर गठित समिति ने भी स्वीकार किया है। रिपोर्ट के अनुसार घरेलू बीमा कंपनी को पेशेवर लोगों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। बीमा कंपनियों में सबसे ज्यादा कमी एक्चुरिअल और ट्रेजरी मैनेजमेंट पेशेवरों की है।
इंश्योरेंस सेक्टर में पेशेवर लोगों की कमी को देखते हुए कुछ कंपनियां शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौता कर रही हैं। निजी इंश्योरेंस कंपनी मैक्स न्यूयार्क लाइफ ने सिम्बायोसिस इंस्टीटयूट ऑफ डिस्टेंस लर्निंग के साथ समझौता किया है। इसके अलावा, कंपनी ने पीजी डिप्लोमा कोर्स के लिए मुम्बई के स्कूल ऑफ कॉमर्स ऑफ एनएमआईएमएस यूनिवर्सिटी और पंजाब कॉलेज ऑफ टेक्निकल एजुकेशन के साथ गठजोड किया है। एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ ने भी कुछ इसी तरह के कोर्स के लिए मनीपाल अकादमी के साथ हाथ मिलाया है। वर्ष 2008 में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने 10 महीने के एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम के लिए आईआईएम कोलकाता से समझौता किया है, जबकि मेटलाइफ ने भी कुशल पेशेवरों को तैयार करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय से हाथ मिलाया है। शैक्षणिक संस्थानों ने कंपनियों के साथ मिलकर पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के कोर्स शुरू किए हैं। जिनकी अवधि तीन महीने से लेकर एक साल तक की है।
योग्यता
12वीं के बाद इंश्योरेंस के क्षेत्र में करियर बनाया जा सकता है। इसके बाद बीए (इंश्योरेंस) में एडमिशन ले सकते हैं या फिर एजेंट के रूप में करियर की शुरुआत कर सकते हैं। जिसने साइंस सब्जेक्ट से 12वीं पास किया है, वह बीएससी एक्चुरिअॅल साइंस में एंट्री ले सकता है।
अवसर
नई-नई कंपनियों के इंश्योरेंस के क्षेत्र में कदम रखने की वजह से इस फील्ड में करियर की भरपूर संभावनाएं दिख रही हैं। खासकर इन दिनों एक्चुरिज और ट्रेजरी मैनेजमेंट के क्षेत्र से जुड़े पेशेवर लोगों की मार्केट में अधिक डिमांड है, क्योंकि इनकी मांग दूसरे क्षेत्रों में भी खूब है। इसके अलावा, मार्केटिंग और सेल्स में भी लोगों की अधिक मांग है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी अपनी कामकाजी क्षमता को बढ़ाने के लिए मार्च, 2011 तक 11 लाख एजेंटों की भर्ती करेगा। रिलायंस लाइफ 90 हजार एजेंट और 2500 मैनेजरों को भर्ती करने की प्रक्रिया में है। आने वाले दिनों में बीमा कंपनियों में तीन लाख फाइनेंशियल प्लानिंग एडवाइजर और तीस हजार मैनेजर की भर्तियां भी हो सकती हैं। इंश्योरेंस सेक्टर में असिस्टेंट एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, इंश्योरेंस सर्वेयर, रिस्क मैनेजर, अंडररायटर, एक्चुरिज, इंश्योरेंस कंसल्टेंट, एजेंट आदि के रूप में करियर बनाया जा सकता हैं।
कमाई
इंश्योरेंस सेक्टर में शुरुआती सैलॅरी आठ से 10 हजार रुपये हो सकती है। सेल्स मैनेजर के रूप में काम करने वालों की सैलॅरी 20-25 हजार रुपये के बीच होती है। इसके अलावा, कई तरह के अलाउंस भी मिलते हैं। अनुभव हासिल करने के बाद प्रति माह 30 से 35 हजार रुपये आसानी से कमा सकते हैं। वैसे, सक्रिय एजेंट महीने में 12-15 हजार रुपये आसानी से कमा लेते हैं।
कोर्स
इंश्योरेंस में डिप्लोमा, सर्टिफिकेट से लेकर डिग्री और मास्टर डिग्री कोर्स तक उपलब्ध हैं। कोर्स की अवधि अलग-अलग है। कुछ कॉलेज बीए (इंश्योरेंस) कोर्स ऑफर कर रहे हैं, जिसकी अवधि तीन वर्ष है। वैसे, सर्टिफाइड रिस्क ऐंड इंश्योरेंस मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा भी कर सकते हैं। इस कोर्स की अवधि अमूमन तीन साल की होती है। यदि इंश्योरेंस ऐंड रिस्क मैनेजमेंट में डिप्लोमा करना चाहते हैं, तो इसकी अवधि एक वर्ष की है। वैसे, डिस्टेंस लर्निंग के माध्यम से भी इंश्योरेंस से जुड़े कोर्स कर सकते हैं। एजेंट बनने के लिए इंश्योरेंस एजेंट का कोर्स भी किया जा सकता है, इसकी अवधि 100-150 घंटे की होती है।
संस्थान
1. नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जोधपुर (एमबीए इंश्योरेंस)
2. एमिटी स्कूल ऑफ इंश्योरेंस ऐंड एक्चुरिअॅल साइंस, नई दिल्ली (पीजी डिप्लोमा इन इंश्योरेंस मैनेजमेंट आदि)
3. आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी, हैदराबाद (एमबीए इंश्योरेंस)
4. द इंस्टीटयूट ऑफ इंश्योरेंस ऐंड रिस्क मैनेजमेंट (पीजी डिप्लोमा कोर्स इन इंश्योरेंस, जनरल इंश्योरेंस ऐंड रिस्क मैनेजमेंट)
5. भारतीय विद्या भवन केंद्र (पीजी डिप्लोमा कोर्स इन इंश्योरेंस ऐंड रिस्क मैनेजमेंट, पार्ट-टाइम)
6. इंस्टीटयूट ऑफ सर्टिफाइड रिस्क ऐंड इंश्योरेंस मैनेजर्स (रिस्क ऐंड इंश्योरेंस मैनेजमेंट प्रोग्राम)
7. यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली, नई दिल्ली
8. सिंबायोसिस सेंटर ऑफ डिस्टेंस लर्निग, पुणे
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