राजनीति विज्ञान एक सामाजिक विज्ञान है, जो राजनीति के सिद्धांत और व्यवहार तथा राजनीतिक व्यवस्था और व्यवहार के विवेचन एवं विश्लेषण से जुड़ा हुआ है। इस विषय के कई उपभाग हैं जैसे-राजनीतिक सिद्धांत, लोक नीति, राष्ट्रीय राजनीति, अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध, तुलनात्मक राजनीति आदि। इससे पता चलता है कि यह विषय व्यापक क्षेत्र को कवर करता है तथा इस विषय का अध्ययन करने के बाद विविध क्षेत्रों में एवं विभिन्न भूमिकाओं में कार्य करने का अवसर मिल सकता है।
राजनीति विज्ञान एक सामाजिक विज्ञान है, जो राजनीति के सिद्धांत और व्यवहार तथा राजनीतिक व्यवस्था और व्यवहार के विवेचन एवं विश्लेषण से जुड़ा हुआ है। इस विषय के कई उपभाग हैं जैसे-राजनीतिक सिद्धांत, लोक नीति, राष्ट्रीय राजनीति, अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध, तुलनात्मक राजनीति आदि। इससे पता चलता है कि यह विषय व्यापक क्षेत्र को कवर करता है तथा इस विषय का अध्ययन करने के बाद विविध क्षेत्रों में एवं विभिन्न भूमिकाओं में कार्य करने का अवसर मिल सकता है। कुछ प्रमुख क्षेत्र निम्नलिखित हैं, जिनमें राजनीति विज्ञान पढ़ने के बाद नौकरी की तलाश की जा सकती है।
सिविल सेवा
राजनीति विज्ञान सिविल सेवा और राज्य सिविल परीक्षाओं में एक ऑप्शनल विषय के रूप में काफी लोकप्रिय हैं। पढ़ने में सुविधाजनक होने, आसानी से पाठ्य सामग्री और कोचिंग की सुविधा उपलब्ध होने के कारण कम परिश्रम में अच्छा अंक प्राप्त किया जा सकता है। सामान्य अध्ययन (जनरल स्टडी) प्री एवं मुख्य परीक्षा के 25 फीसदी प्रश्न राजनीतिशास्त्र से जुड़े होते हैं। इसके अलावा,राजनीति विज्ञान देश-विदेश की घटनाओं के विश्लेषण के साथ ही निबंध लेखन को भी आसान बनाता है।
कानून
पॉलिटिकल साइंस का बैकग्राउंड लॉ करने के लिए अच्छा माना जाता है। एलएलबी करके कानून के क्षेत्र में स्थान बना सकते हैं।
समाज सेवा
राजनीति विज्ञान का अध्ययन समाज के विभिन्न अवएव, राजनीति, संगठन आदि को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है और इस प्रकार यह समाज सेवा और राजनीति के क्षेत्र में कार्य करने के लिए बहुत ही सहयोगी साबित हो सकता है। यह एक ऐसा विषय है, जो समाज सेवा के लिए प्रेरित करता है। समाज सेवा के जरिए जन प्रतिनिधि बना जा सकता है और लोकतंत्र को मजबूत करने में एक सशक्त भूमिका अदा किया जा सकता है। राजनीति विज्ञान विषय में ग्रेजुएट होने पर एक बेहतर वक्ता तथा जनप्रतिनिधि बनने में सुविधा होती है।
राजनीतिक विश्लेषक
राजनीति विज्ञान में पीजी की डिग्री हासिल करने एवं राजनीतिक दर्शन, अंतरराष्ट्रीय संबंध, संविधान में दिलचस्पी रखने वाला राजनीतिक विश्लेषक बन सकता है। दूतावासों और स्वयंसेवी संगठनों में भी बेहतर अवसर हो सकते हैं। उच्च शिक्षा हासिल करके चुनाव विश्लेषक भी बना जा सकता है। इसके अलावा एमफिल या पीएचडी करने और किसी प्रोजेक्ट का अनुभव हासिल करने के बाद स्वतंत्र रूप से किसी सामाजिक विषय पर प्रोजेक्ट अपने हाथ में ले सकते हैं। कई राजनीतिक अनुसन्धान एवं विश्लेषण संसथान में प्रतिष्ठित पदों पर कार्य करने का अवसर मिल सकता है।
उच्च शिक्षा में संभावनाएं
यदि राजनीति विज्ञान से बीए ऑनर्स करने के बाद बीएड करते हैं, तो किसी सरकारी या गैर सरकारी संस्थानों में इस विषय के शिक्षक बन सकते हैं। वहीं एमए करने के बाद नेट व पीएचडी करके किसी भी कॉलेज में लेक्चरर या प्रोफेसर भी बन सकते हैं।
पत्रकारिता
राजनीति विज्ञान का ज्ञान देश-विदेश की घटनाओं का विश्लेषण एवं समीक्षा करने में सक्षम बनाता है। मास कम्युनिकेशन और पत्रकारिता का कोर्स करके प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में नौकरी की तलाश की जा सकती है।
और भी हैं विकल्प
राजनीति विज्ञान से ऑनर्स करने के बाद बैंक, न्यायिक सेवा, भारतीय प्रशासनिक सेवा, विदेश सेवा, मानवाधिकार, वकालत, एमबीए, रिसर्च इंस्टीट्यूट, वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, पब्लिक रिलेशन आदि में भी नौकरी की तलाश की जा सकती है।
संस्थान
देश-विदेश के लगभग सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान विषय की पढ़ाई की जा सकती है। अपनी सुविधा और रूचि के मुताबिक कॉलेज/यूनिवर्सिटी का चयन किया जा सकता है।
0 Comments