बोलने और सुनने संबंधी विकारों के अध्ययन को ऑडियोलॉजी (श्रवण विज्ञान) कहते हैं। इसके अंतर्गत वाक और श्रवण क्षमता की कमियों को जानने व समझने का प्रयास किया जाता है। इस विषय के एक्सपर्ट्स ऑडियोलॉजिस्ट कहलाते हैं।
बोलने और सुनने संबंधी विकारों के अध्ययन को ऑडियोलॉजी (श्रवण विज्ञान) कहते हैं। इसके अंतर्गत वाक और श्रवण क्षमता की कमियों को जानने व समझने का प्रयास किया जाता है। इस विषय के एक्सपर्ट्स ऑडियोलॉजिस्ट कहलाते हैं। विभिन्न कारणों से पूरी दुनिया में श्रवणहीनता में वृद्धि हो रही है। ऐसे में इसके इलाज के लिए प्रोफेशनल ऑडियोलॉजिस्ट की काफी जरूरत है। सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल, चाइल्ड डेवलपमेंट सेंटर्स, रिहैबिलिटेशन सेंटर्स जैसी जगहों पर ऑडियोलॉजिस्ट की काफी डिमांड है। एसोचैम और दूसरे सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भविष्य में एक लाख से भी ज्यादा ऑडियोलॉजिस्ट की जरूरत पड़ेगी।
कार्य
ऑडियोलॉजिस्ट किसी भी व्यक्ति के बोलने और सुनने में आ रही दिक्कतों के कारणों का पता लगाता है और उसे दूर करने का प्रयास करता है। इसकी जांच तीन तरह से होती है। ऑडियोमेट्री टेस्ट, इम्पेडेंस टेस्ट (अवरोध जांच) और बेरा टेस्ट। कितने पॉवर और कौन सा (अनालाग या डिजिटल) हियरिंग ऐड मरीज के लिए फिट रहेगा, इस बात का निर्णय एक ऑडियोलॉजिस्ट करता है। वह एक थेरेपिस्ट की भूमिका भी निभाता है। मरीज को तरह-तरह से (इशारों से या संगीत की धुन पर) बोलने के लिए प्रेरित भी करता है।
योग्यता
इस क्षेत्र में डिग्री या डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश के लिए 12वीं (जीव विज्ञान अनिवार्य विषय) पास होना जरूरी है। डिग्री लेवल पर छात्रों को तीन साल का अध्ययन करना पड़ता है। इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा से भी गुजरना पड़ता है।
व्यक्तिगत गुण
सबसे पहले उसे विषय की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा नित नई-नई तकनीक के साथ-साथ विज्ञान में हो रहे फेरबदल की भी पल-पल की जानकारी जरूरी है। ऑडियोलॉजी ईएनटी (ईयर, नोज एंड थ्रोट) डिपार्टमेंट का ही एक हिस्सा होता है, अतः उसमें एक टीम की तरह काम करने की क्वालिटी होनी चाहिए।
अवसर
ऑडियोलॉजिस्ट के लिए सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल, चाइल्ड डेवलपमेंट सेंटर्स, प्री स्कूल, काउंसिलिंग सेंटर्स, फिजिकल मेडिसिन ऐंड रिहैबिलिटेशन सेंटर्स, एनजीओ आदि में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इसके अलावा ऑडियोलॉजी ऐंड स्पीच थेरेपी से संबंधित कोर्स करने के बाद खुद का क्लीनिक खोल कर प्रैक्टिस कर सकते हैं। इसमें आमदनी भी खूब होती है। इससे संबंधित पाठ्यक्रम करने के बाद विदेश में भी रोजगार के पर्याप्त अवसर हैं।
कोर्स
- बैचलर ऑफ स्पेशल एजुकेशन (हियरिंग इम्पेयरमेंट)
- बीएससी इन स्पीच ऐंड हियरिंग
- बीएससी इन ऑडियोलॉजी (स्पीच ऐंड लैंग्वेज)
- एमएससी (स्पीच पैथोलॉजी ऐंड ऑडियोलॉजी)
सर्टिफिकेट कोर्स: ऑडियोलॉजी ऐंड स्पीच थेरेपी में तीन साल की डिग्री हासिल करने के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर सकते हैं। जो डिग्री और डिप्लोमा हासिल नहीं कर सकते, वे 6 महीने का सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं। इस कोर्स के तहत एनाटोमी, काउसिलिंग, हियरिंग डिसऑर्डर, न्यूरोलॉजी ड न्यूरो साइकोलॉजी, साइकोलॉजी, स्टैटिस्टिक्स जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।
कमाई
ऑडियोलॉजिस्ट का वेतन 15 हजार से शुरू होता है। लेकिन अनुभव के बढ़ने के साथ वेतन काफी ज्यादा मिलने लगता है।
संस्थान
1. ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली
2. आईपी यूनिवर्सिटी,दिल्ली
3. अली यावरजंग नेशनल इंस्टीट्यूट फार द हियरिंग हैंडिकैप्ड, मुंबई
4. ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच ऐंड हियरिंग, मैसूर यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु
5. पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च, चंडीगढ़
6. जे एम इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच ऐंड हियरिंग, इंद्रपुरी, केशरीनगर, पटना (बिहार)
7. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन, पटना
8. इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच ऐंड हियरिंग, बेंगलुरु
9. उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
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