फोटोग्राफी संचार का ऐसा माध्यम है, जिसमें भाषा की आवश्यकता नहीं होती है। तस्वीरों के माध्यम से ही घटना का वर्णन हो जाता है। इसका प्रभाव भी सबसे ज्यादा होता है। यही कारण है कि कम्युनिकेशन के विभिन्न माध्यमों में विजुअल्स को सबसे प्रभावी माना जाता है। मीडिया में फोटो जर्नलिज्म की उपयोगिता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है और आगे भी बढ़ती रहेगी। यदि किसी में कल्पनाशीलता है और घटना के महत्व को तुरंत समझ सकते हैं, तो उसके लिए फोटो जर्नलिज्म का कोर्स करना बेहतर हो सकता है।
फोटोग्राफी संचार का ऐसा माध्यम है, जिसमें भाषा की आवश्यकता नहीं होती है। तस्वीरों के माध्यम से ही घटना का वर्णन हो जाता है। इसका प्रभाव भी सबसे ज्यादा होता है। यही कारण है कि कम्युनिकेशन के विभिन्न माध्यमों में विजुअल्स को सबसे प्रभावी माना जाता है। मीडिया में फोटो जर्नलिज्म की उपयोगिता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है और आगे भी बढ़ती रहेगी। यदि किसी में कल्पनाशीलता है और घटना के महत्व को तुरंत समझ सकते हैं, तो उसके लिए फोटो जर्नलिज्म का कोर्स करना बेहतर हो सकता है।
कार्य
कोई विशेष घटना, प्राकृतिक आपदा, युद्ध, ग्लैमर न्यूज, कठिन से कठिन परिस्थितियों में घटनास्थल की पूरी कहानी अपने कैमरे में कैद कर लाखों करोड़ों लोगों तक तस्वीरों को पहुंचाना ही फोटो जर्नलिस्ट का कार्य है।
कोर्सेज व योग्यता
आज से कुछ वर्ष पहले तक कोर्स करना जरूरी नहीं समझा जाता था, लेकिन अब एक फोटो जर्नलिस्ट के तौर पर काम करने के लिए कोई कोर्स करना या औपचारिक रूप से ट्रेनिंग लेना फायदेमंद माना जाता है। कुछ संस्थान फोटो जर्नलिज्म में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कराते हैं या मास मीडिया के अंतर्गत फोटो जर्नलिज्म से संबंधित विषय पढ़ाते हैं। मुख्यत: यह कोर्स जर्नलिज्म व मास कम्युनिकेशन प्रोग्राम के अंतर्गत कराया जाता है। इस कोर्स में प्रवेश के लिए किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री आवश्यक है। ज्यादातर संस्थान स्टूडेंट्स का चयन लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर ही करते हैं। इसके अलावा किसी प्रोफेशनल फोटो जर्नलिस्ट से ट्रेनिंग भी ली जा सकती है।
व्यक्तिगत गुण
इसमें सफल होने के लिए जरूरी है कि तुलनात्मक रूप से नजर पारखी हो तथा कल्पनाशक्ति मजबूत हो। इसके अलावा कठिन परिस्थितियों में भी हमेशा बेहतर करने की कला हो। नित नई-नई तकनीक के साथ-साथ विज्ञान में हो रहे फेरबदल की भी पल-पल की जानकारी जरूरी है।
अवसर
फोटो की भूमिका प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों में है। कुशल व प्रशिक्षित फोटो जर्नलिस्ट की पहले से ही जरूरत है और आगे भी बनी रहेगी। इस कारण इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। फोटो जर्नलिस्ट लोकल व राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों, चैनलों, मैगजीनों आदि में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
कमाई
समाचार पत्रों, चैनलों, पत्रिकाओं आदि में जो लोग फोटो जर्नलिस्ट का काम करना चाहते हैं, उनके वेतन पद और संस्थान के आधार पर तय होते हैं। इन संस्थानों में फ्री लांसर के तौर पर भी कार्य कर सकते हैं। फ्री लांसिंग के काम में आमदनी की कोई सीमा नहीं होती।
संस्थान
1. ऐजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर, जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
2. भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी), नई दिल्ली
3. जागरण इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट ऐंड मास कम्युनिकेशन, नोएडा
4. इंटरनेशनल इंस्टीटयूट ऑफ मास मीडिया, नई दिल्ली
5. एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म ऐंड टीवी, नोएडा
6. दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी, गोरखपुर
7. पंडित रविशंकर शुक्ला यूनिवर्सिटी, रायपुर
8. लाइट ऐंड लाइफ एकेडमी, ऊटी, तमिलनाडु
9. नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मीडिया स्टडीज, गांधीनगर
10. स्कूल ऑफ ब्रॉडकॉस्टिंग ऐंड कम्युनिकेशन, मुंबई
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