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युवाओं के लिए भारत में कंसल्टेंट का करियर भी है बेहतरीन ऑप्शन

कंसल्टेंसी सर्विस का किसी भी मनुष्य के जीवन और करियर पर लंबे समय तक प्रभाव रहता है. भारतीय युवा जीवन के सभी क्षेत्रों से जुड़े लोगों की सहायता के लिए कंसल्टेंसी में अपना करियर शुरू कर सकते हैं. कंसल्टेंसी में करियर बनाने से पेशेवरों को आकर्षक सैलरी पैकेज भी मिलता है.  

जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं तो एक बात अपने अनुभव से महसूस करने लगते हैं कि बहुत बार हमें अपनी प्रॉब्लम्स का कोई सूटेबल समाधान नहीं मिल पाता है और तब हम अपने पेरेंट्स, गार्जियन, फ्रेंड्स या टीचर्स की एडवाइस पर पूरा भरोसा करते हैं. लेकिन भारत सहित पूरी दुनिया में यंगस्टर्स आजकल अपनी सभी प्रोफेशनल या व्यक्तिगत प्रॉब्लम्स को कारगर तरीके से सुलझाने के लिए प्रोफेशनल कंसल्टेंट्स के पास जाते हैं. ये कंसलटेंट अपने विषय या फील्ड के ऐसे विशेषज्ञ होते हैं जो अपने क्लाइंट्स की विशिष्ट या सामान्य प्रॉब्लम्स के मुताबिक उन्हें समुचित एडवाइस देते हैं और इस एडवाइस से संबद्ध क्लाइंट्स को वास्तव में फायदा मिलता है. अगर आप भी बचपन से अपने दोस्तों को उपयोगी सलाह देकर उनकी विभिन्न समस्याओं को निपटाते आये हैं और आपको अन्य लोगों को एडवाइस देना अच्छा लगता है तो आप एक कंसलटेंट के तौर पर अपना करियर शुरू कर सकते हैं. अच्छी बात तो यह है कि इस फील्ड में आपको काफी सम्मान मिलने के साथ ही आकर्षक सैलरी पैकेज भी मिलता है. आइये इस आर्टिकल में कंसलटेंट के करियर के बारे में सारी जरुरी जानकारी पढ़ें:

कंसलटेंट का काम

देश-दुनिया में कंसलटेंट के तौर पर काम करने वाला व्यक्ति संबद्ध फील्ड में एक्सपर्ट होता है जो अपने क्लाइंट्स या क्लाइंट इंस्टीट्यूशन्स को उनकी जरूरतों के मुताबिक और विभिन्न समस्याओं से निपटने के लिए समुचित और उपयोगी प्रोफेशनल एडवाइस देता है.

कंसलटेंट के पेशे के लिए आवश्यक स्किल सेट

अगर आप भारत में कंसलटेंट का पेशा अपनाना चाहते हैं तो आपके पास निम्नलिखित बेसिक स्किल सेट जरुर होना चाहिए ताकि आप अपने क्लाइंट्स को अच्छी और उपयोगी सर्विसेज दे सकें:

  • आपको अपनी फील्ड की बेहतरीन जानकारी होने के साथ-साथ लेटेस्ट अपडेट्स के बारे में भी जरुर पता होना चाहिए.
  • क्लाइंट्स की जरूरतों के मुताबिक आप अपनी जानकारी को अप्लाई करना भी जानते हों.
  • इस पेशे के लिए कम्युनिकेशन स्किल्स ‘रीढ़ की हड्डी’ का काम करते हैं.
  • आपको अपने क्लाइंट्स की जरूरत के मुताबिक विभिन्न प्रॉब्लम्स को अच्छी तरह समझने में सक्षम होना चाहिए.
  • आपका आकर्षक व्यक्तित्व होने के साथ-साथ आपको अपने कॉम्पीटिटर्स से दो कदम आगे रहने का स्किल भी सीखना होगा.
  • आपके पास अपनी फील्ड में जितना अधिक वर्क एक्सपीरियंस होगा, उतनी ही परफेक्शन आपके काम में होगी.
  • आपका एनालिटिकल माइंड और प्रॉब्लम सॉल्विंग एटीट्यूड होना चाहिए.
  • आपके पेशे में प्रॉपर टाइम मैनेजमेंट भी काफी अहम है.

कंसल्टेंट के पेशे के लिए एलिजिबिलिटी और एजुकेशनल क्वालिफिकेशन

हमारे देश में कंसलटेंट के पेशे के लिए कैंडिडेट ने संबद्ध फील्ड जैसेकि एकाउंट्स, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, मैनेजमेंट, फाइनेंस, आईटी, साइकोलॉजी, इकोनॉमिक्स या लॉ में बैचलर और पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की हो और उन्हें अपनी फील्ड में कुछ वर्क एक्सपीरियंस भी जरुर होना चाहिए.

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भारत में कंसल्टेंसी की फील्ड से संबंधित प्रमुख जॉब प्रोफाइल/ करियर ऑप्शन्स

वैसे तो जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हमें कई बार एक्सपर्ट एडवाइस की जरूरत पड़ती है लेकिन, अगर हम अपने करियर गोल, प्रोफेशन या कारोबार की बात करें तो हम निम्नलिखित फ़ील्ड्स के तहत किसी भी कंसलटेंट की जॉब प्रोफाइल/ करियर ऑप्शन को शामिल कर सकते हैं:

  • लीगल कंसलटेंट – ये पेशेवर अपनी कंपनी या क्लाइंट्स को लीगल मैटर्स पर महत्त्वपूर्ण एडवाइस देते हैं.
  • स्ट्रेटेजी कंसलटेंट – अपने क्लाइंट्स को उनकी कारोबार से संबंधित स्ट्रेटेजीज़ के बारे में महत्त्वपूर्ण राय देते हैं.
  • बिजनेस/ ऑपरेशन्स कंसलटेंट – ये पेशेवर हमें संबद्ध कारोबार के बारे में समुचित सलाह देते हैं.
  • फाइनेंशल कंसलटेंट – ये पेशेवर अपने क्लाइंट्स के फाइनेंशल इश्यूज़ में पॉजिटिव इम्प्रूवमेंट के लिए अपनी एडवाइस देते हैं.
  • एकाउंटिंग कंसलटेंट – अपने क्लाइंट या संबद्ध कंपनी के एकाउंट्स से संबद्ध मामलों की देखरेख करते हैं.
  • सेल्स कंसलटेंट – इनका काम अधिकतम सेल्स से संबद्ध कंपनी या क्लाइंट को लगातार मुनाफ़ा दिलवाना होता है.
  • मार्केटिंग कंसलटेंट – ये पेशेवर सेल्स एंड परचेज़ सहित अपने क्लाइंट्स के लिए समस्त मार्केटिंग कामकाज की सुचारू व्यवस्था के लिए अपनी एडवाइस देते हैं.
  • आईटी एंड टेक्नोलॉजी कंसलटेंट – प्रत्येक संस्थान की जरूरत के मुताबिक विभिन्न टेक्नोलॉजिकल इश्यूज़ में जरुरी एडवाइस देते हैं.
  • पब्लिक रिलेशन्स कंसलटेंट – इनका काम क्लाइंट्स या अन्य संबद्ध लोगों के साथ सार्थक संपर्क कायम करना होता है.
  • सॉफ्टवेयर कंसलटेंट – ये पेशेवर अपनी फर्म या कंपनी के सॉफ्टवेयर सिस्टम के बारे में सभी जरुरी एडवाइसेस देते हैं.
  • ह्यूमन रिसोर्सेज कंसलटेंट – ये पेशेवर अपनी कंपनी में ह्यूमन रिसोर्सेज से जुड़े मैटर्स देखते हैं.
  • एनवायरनमेंट कंसलटेंट – ये पेशेवर एनवायरनमेंट की रक्षा और संरक्षण के लिए अपने क्लाइंट्स और संबद्ध कंपनी को एनवायरनमेंट से संबंधित महत्त्वपूर्ण एडवाइस देते हैं.

भारत में रिन्यूएबल एनर्जी में हैं कई आकर्षक करियर ऑप्शन्स

  • रिस्क एंड कंप्लायंस कंसलटेंट – ये पेशेवर किसी भी कारोबार से जुड़े जोखिम और खतरों के बारे में अपने क्लाइंट्स को सभी जरुरी सलाह और सहायता उपलब्ध करवाते हैं.
  • इंडिपेंडेंट कंसलटेंट – ये पेशेवर मार्केटिंग, कोचिंग, करियर कोचिंग, इमेज बिल्डिंग, फाइनेंस या सोशल मीडिया से जुड़ी अपनी फील्ड में कंसल्टेंसी फर्म चलाते हैं.

कंसलटेंट को मिलने वाला सैलरी पैकेज

अगर हम भारत में किसी कंसलटेंट को मिलने वाले सैलरी पैकेज की चर्चा करें तो एंट्री लेवल पर ये पेशेवर एवरेज 4 – 5 लाख रुपये सालाना कमाते हैं. कुछ वर्षों के अनुभव के बाद आमतौर पर इन पेशेवरों को 10 – 12 लाख रूपये सालाना का सैलरी पैकेज बड़े आराम से मिल जाता है. किसी बड़ी कंपनी में सीनियर कंसलटेंट को उसकी क्वालिफिकेशन और वर्क एक्सपीरियंस के मुताबिक एवरेज 2 – 3 लाख रूपये मासिक सैलरी पैकेज भी मिलता है. अगर आप अपनी कंसल्टेंसी फर्म शुरू करें और अपनी वर्क फील्ड में आपकी खास इमेज बन जाए तो आपकी अधिकतम सैलरी को एवरेज में नहीं बताया जा सकता है.   

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