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BPO में करियर: यंग इंडियन्स सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी पढ़ें यहां

BPO अर्थात बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग एक ऐसी वर्क फील्ड है, जिसने लाखों लोगों को जॉब्स मुहैया करवाई हैं और इस इस फील्ड में काफी आशाजनक संभावनाएं हैं.

आइये जानें कि आखिर यह BPO क्या है?

BPO अर्थात बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग के माध्यम से किसी BPO कंपनी में थर्ड-पार्टी प्रोवाइडर को  नॉन-प्राइमरी बिजनेस एक्टिविटीज उपलब्ध करवाई जाती हैं. देश-दुनिया की कुछ प्रमुख BPO सर्विसेज में ह्यूमन रिसोर्स (एचआर), एकाउंटिंग और कस्टमर/ काल सेंटर रिलेशन्स और पे-रोल सर्विसेज शामिल हैं. दुनिया भर में BPO को इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एनेबल्ड सर्विसेज (ITES) के नाम से भी जाना जाता है. 

इस फील्ड में 12वीं पास करके स्टूडेंट्स शानदार करियर शुरू कर सकते हैं. हमारे देश में ज्यादा समयावधि के लिए भी BPO इंडस्ट्री में जॉब की बहुत आशाजनक संभावनाएं नजर आ रही हैं. BPO के कारोबार के संबंध में हमारे देश के बारे में नैस्काम की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में टॉप 7 मेट्रो सिटीज के साथ-साथ 50 ऐसे शहर हैं, जो IT-BPO के फ्यूचर हब बन सकते हैं. IT-BPO के इन नए केंद्रों में भारत के रांची, रायपुर, जयपुर, लखनऊ, नागपुर, अहमदाबाद, इलाहाबाद, पटना, शिमला, वाराणसी, श्रीनगर, लुधियाना, गोवा और सूरत जैसे शहर शामिल हैं.  

BPO जॉब्स का यंग इंडियन्स के भावी करियर में महत्त्व

केवल हमारे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी यंगस्टर्स के लिए अपने कंप्यूटर और कम्युनिकेशन स्किल्स को निखारने के लिए BPO जॉब्स एक बेहतरीन जरिया हैं. किसी BPO में कुछ समय तक जॉब करने से निश्चित रूप से आपको भविष्य में अपनी करियर फील्ड में फायदा मिलता है.   

BPO जॉब: बेहतरीन करियर ऑप्शन

दुनिया-भर में जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है, ठीक वैसे-वैसे ही आउटसोर्सिंग मार्केट भी प्रगतिशील है. आजकल हमारे देश और विदेशों में लाखों यंगस्टर्स BPO कंपनियों में काम कर रहे हैं. किसी BPO कंपनी में काम करते हुए आप अपने स्किल्स को लगातार सुधार सकते हैं और ज्यादा पॉजिटिव, प्रोडक्टिव और क्रिएटिव बन सकते हैं क्योंकि आपको तरह-तरह के लोगों से विभिन्न मसलों के सिलसिले में रोज़ाना व्यवहार करना पड़ता है और आप विभिन्न इश्यूज को सुलझाने के स्किल्स कम उम्र में ही सीख लेते हैं.

BPO जॉब के लिए जरुरी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन

इस क्षेत्र में अपना करियर शुरू करने के लिए 12वीं पास होने के साथ कैंडिडेट्स के पास बढ़िया कम्युनिकेशन स्किल होनी चाहिए. इंटरनेशनल लेवल पर इस फील्ड में सफलता के लिए सबसे जरूरी है - धाराप्रवाह इंग्लिश बोलने की स्किल.  इसके लिए तमाम इंस्टीट्यूट दो से तीन महीने का ट्रेनिंग प्रोग्राम भी कंडक्ट करते हैं.  वैसे हिंदी बोलने वालों के लिए भी डोमेस्टिक कॉल सेंटर्स में करियर के अच्छे अवसर हैं.

BPO जॉब्स के लिए एज लिमिट

भारत में किसी BPO में जॉब करने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है और अधिकतम 58 – 60 वर्ष तक भी कोई व्यक्ति किसी BPO कंपनी में जॉब ज्वाइन कर सकता है.

BPO जॉब इंटरव्यू में आपसे पूछे जा सकते हैं ये प्रश्न

  • मुझे अपने बारे में कुछ बताइये?
  • BPO क्या है और यह कैसे काम करता है?
  • क्या आप नाईट-शिफ्ट में काम कर सकते हैं?
  • ऑफशोर आउटसोर्सिंग क्या है?
  • इनबाउंड और आउटबाउंड कॉल सेंटर्स के बीच क्या अंतर है?
  • अगले 5 वर्ष में आप खुद को कहां देखते हैं?
  • आपको क्यों लगता है कि BPO आपके लिए एक सही करियर ऑप्शन है?
  • फ़ोन पर कस्टमर्स को अपनी बात समझाना आपके लिए मुश्किल काम तो नहीं है?

BPO जॉब्स के लिए जरुरी वर्किंग स्किल्स

  • फुल नॉलेज ऑफ़ वर्क फील्ड और कस्टमर्स’ क्वेरीज.
  • अपनी फील्ड की व्यापक जानकारी होनी चाहिए.
  • प्रेशर में शांतिपूर्वक काम करते रहने की क्षमता.
  • बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स.
  • बातचीत का अंदाज़ दोस्ताना हो.
  • काम में स्पीड के साथ – साथ फ्लेक्सिबिलिटी हो.
  • ऑर्गेनाइजेशन और अपने काम के संबंध में पॉजिटिव रवैया होना चाहिए.

भारत में BPO जॉब्स में उपलब्ध हैं ये करियर ऑप्शन्स

भारत में आजकल BPO सेक्टर में करियर के बहुत सारे ऑप्शन्स उपलब्ध हैं. अपनी रुचि और योग्यता के मुताबिक आप निम्नलिखित में से किसी एक करियर ऑप्शन को चुन सकते हैं:  

  • कस्टमर सपोर्ट सर्विस -कस्टमर सपोर्ट सर्विस में कार्य कर रहे पेशेवर कस्टमर से जुड़ी चीजों और उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों आदि का जवाब देते हैं.  यह काम कई चैनलों के माध्यम से  होता है जैसेकि, टेलीफोन कॉलिंग, ई-मेल आदि.  
  • टेक्निकल सपोर्ट सर्विस -इस फील्ड के  पेशेवर टेक्निकल सपोर्ट, जैसे-ओईएम कस्टमर सॉल्युशन, कंप्यूटर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर मैन्युफैक्चरिंग आदि के लिए टेक्निकल सपोर्ट मुहैया कराते हैं.  
  • टेलीमार्केटिंग सर्विस -टेलिमार्केटिंग और टेलिसेल्स आउटसोर्सिंग सर्विस की फील्ड में काम करने वाले लोग टारगेट कस्टमर से बातचीत कर प्रोडक्ट की सेलिंग की दिशा में काम करते हैं.
  • आईटी सर्विस -इस सर्विस से जुड़े  लोग तकनीकी समस्या (डेक्सटॉप, नोटबुक, कनेक्टिविटी, आईटी ऑपरेशन इश्यू आदि) को सुलझाने का काम करते हैं.  
  • डाटा एंट्री/ प्रोसेसिंग सर्विस -ये पेशेवर बिजनेस ट्रांजिक्शन डाटा एंट्री (सेल्स, परचेज, पेरोल), ई-बुक की डाटा एंट्री, डाटा कलेक्शन, पेपर/ बुक से डाटा एंट्री आदि जैसे काम करते हैं.  इसके अलावा डाटा को अलग-अलग फॉर्मेट में बदलना होता है जैसेकि, पेज मेकर से पीडीएफ, एमएस वर्ड से एचटीएमएल, टेक्स्ट से वर्ड फॉर्मेट आदि.  
  • अन्य फ़ील्ड्स -अकाउंटिंग सर्विस, प्रोसेसिंग सर्विस, इंटरनेट, ऑनलाइन, वेब रिसर्च में भी इस फील्ड से संबद्ध जॉब के काफी अवसर हैं.  

इंडियन यंग स्टर्स के लिए BPO जॉब्स में उपलब्ध हैं बेहतरीन करियर ऑफर्स

हमारे देश में कुछ समय पहले तक BPO जॉब्स को पार्टटाइम के रूप में ही अपनाया जाता था, लेकिन अच्छी सैलरी और आगे बढ़ने के चांसेस की वजह से BPO जॉब्स को फुलटाइम करियर के रूप में भी अपनाया जा रहा है. इंटरनेशनल कॉल सेंटर्स ही नहीं, बल्कि घरेलू कॉल सेंटर्स भी आजकल लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मुहैया करवा रहे हैं.  बड़ी कंपनियों में जेनपेक्ट, एजिस, विप्रो BPO, एचसीएल BPO, इंफोसिस, टीसीएस आदि इस फील्ड में हर साल रोजगार के काफी अवसर पेश करती हैं.

यंग इंडियन्स फेस करते हैं BPO जॉब में ये प्रमुख चुनौतियां

  • रोल कॉन्फ्लिक्ट अर्थात एक-साथ कई जॉब प्रोफाइल्स का काम संभालना.
  • परफॉरमेंस एक्सपेक्टेशन्स और इवैल्यूएशन्स के बीच विसंगति.
  • जॉब प्रोफाइल अस्पष्ट होना.
  • उपयुक्त रिसोर्सेज की कमी.
  • जरूरत से ज्यादा निगरानी.
  • अत्यधिक वर्कलोड.
  • सोशल सपोर्ट में कमी.
  • कंट्रोल में कमी.

BPO में कस्टमर सर्विस भी होती है कुछ खास

किसी BPO में कस्टमर सर्विस के तहत विभिन्न प्रोडक्ट्स या सर्विसेज के संबंध में कस्टमर सेटिसफेक्शन शामिल होता है. आमतौर पर, कस्टमर सर्विस किसी कस्टमर के साथ ट्रांस्जेक्शन के दौरान अर्थात किसी प्रोडक्ट की सेल या किसी आइटम के रिटर्न के समय देखी जा सकती है. 

कस्टमर सर्विस में सुधार लाने के खास टिप्स

  • अपने कस्टमर सर्विस स्किल्स को निखारें.
  • प्रत्येक टचपॉइंट पर पूरा ध्यान दें.
  • अपने कस्टमर इंटरैक्शन में सुधार करें.
  • अपनी कस्टमर सर्विस स्ट्रेटेजी में निरंतर सुधार करें.
  • सुनिश्चित करें कि आपके प्रतिनिधि व्यस्त हैं.
  • फीडबैक देने के लिए अपने कस्टमर्स को एक तरीका पेश करें.

BPO की वॉइस और नॉन-वॉइस प्रोसेस क्या है?

वॉइस प्रोसेस के तहत क्लाइंट आउटबाउंड टेलीमार्केटिंग का इस्तेमाल करते हैं और नॉन-वॉइस प्रोसेस के तहत क्लाइंट ईमेल मार्केटिंग, एसईओ, पीपीसी और ऐसे अन्य तरीकों का इस्तेमाल करते हैं.

इंडियन यंग स्टर्स को BPO में मिलता है यह सैलरी पैकेज

हमारे देश में एक कस्टमर सर्विस एग्जीक्यूटिव एवरेज रु.202,379/- प्रति वर्ष कमाता है. इस जॉब में आपके बढ़ते हुए कार्य अनुभव के साथ सैलरी पैकेज भी बढ़ता जाता है. आमतौर पर इंटरनेशनल लेवल पर कोई BPO कंपनी अपने एम्पलॉईज को एवरेज $73,469 प्रति वर्ष देती है.

भारत में BPO ट्रेनिंग के लिए टॉप इंस्टीट्यूट्स

  • हीरो माइंडमाइन भारत में एक लीडिंग ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन है और यह हीरो ग्रुप का हिस्सा है.  BPO सेक्टर में इसके कुछ कस्टमर्स हैं: ई फंड्स, ई-सर्विस, ईएक्सएल, डब्लूएनएस, आईसीआईसीआई, वन सोर्स, एम्फासीस, दक्ष, विप्रो.
  • एक्सेंच्युअल, गुड़गांव बेस्ड ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन.  
  • फैन्ड्स इन्फोनेट, पुणे बेस्ड ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन/ BPO कस्टमर्स – एमएफसीएस, एक्सएल.
  • लॉकिम, मुंबई बेस्ड ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन. BPO कस्टमर्स - ज़ेंटा, इन्फोवायज़ और ट्रेकमेल.
  • वॉइसेस, पुणे बेस्ड ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन. BPO कस्टमर्स - एमएफसीएस, एक्सएल और ज़ेंटा.
  • इवॉल्व, दिल्ली बेस्ड ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन.
  • मेरिट्राक, बैंगलोर बेस्ड ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन.
  • केर्रोक्स टेक्नोलॉजीज, मुंबई बेस्ड ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन.
  • एनआईआईटी प्लानेटवर्क्स, दिल्ली बेस्ड ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन. BPO कस्टमर – दक्ष.  
  • अकिको कॉलनेट, दिल्ली बेस्ड ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन. BPO कस्टमर्स - वी कस्टमर, दक्ष.

 

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