भारत सरकार ने कई इको-फ्रेंडली कदम उठाये हैं और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देना भी उनमें से एक है. अब आप भी अपने पर्यावरण और अर्थ प्लैनेट को बचाने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन खोल सकते हैं.
भारत में इस समय 4 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स हैं और सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स उत्तर प्रदेश और फिर दिल्ली में हैं. दिल्ली सहित भारत के कई शहरों में चलने वाले ई-रिक्शों की संख्या 15 लाख से अधिक है और यह संख्या दुनिया के सभी देशों में चलने वाले ई-रिक्शों में सबसे अधिक है. कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी काफी संख्या में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स हैं. इसी तरह, असम में भी लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को पसंद कर रहे हैं. आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि भारत सरकार हमारे देश-दुनिया के पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए समय-समय पर अनेक इको-फ्रेंडली कदम उठाती रहती है और वर्तमान मोदी सरकार ने वर्ष 2024 तक देश के कुल व्हीकल्स के 15 फीसदी व्हीकल्स को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में बदलने का लक्ष्य रखा है. इसी तरह, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2030 तक भारत में करीबन 30% व्हीकल्स को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
हमारे मौजूदा ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर ने भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का पक्ष लिया है और फाइनेंस मिनिस्टर ने वर्ष 2019 का बजट पेश करते हुए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद के समय लिए जाने वाले लोन्स पर अधिकतम 1.5 लाख तक इंटरेस्ट रेट में कटौती की घोषणा की है.
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग स्टेशन्स के बारे में जानकारी
इस समय हमारे देश में लगभग 150 चार्जिंग स्टेशन्स हैं. भारत सरकार ने नेशनल हाई वेज़ और एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ हरेक 25 किलोमीटर पर और शहरों में हरेक 3 किलोमीटर पर 1 EV चार्जिंग स्टेशन खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसी तरह, हरेक 100 किलोमीटर पर 1 फ़ास्ट चार्जिंग स्टेशन खोला जाएगा. यह भी एक उत्साहवर्धक समाचार है कि टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, ओला और उबेर जैसे कई बड़े ब्रांड्स ने हमारे देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन्स खोलने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है ताकि पेट्रोल डीजल की लगातार बढ़ती हुई खपत को रोककर देश-दुनिया के पर्यावरण को बचाया जा सके और ‘तेल के आयत’ को कम करके देश की अर्थव्यवस्था और करेंसी को भी बचाया जा सके. हमारे देश में कोई भी व्यक्ति, किसी लाइसेंस की औपचारिकता के बिना, इलेक्ट्रिक व्हीकल स्टेशन खोल सकता है बशर्ते कि ये EV चार्जिंग स्टेशन्स मिनिस्ट्री ऑफ़ पॉवर, भारत सरकार द्वारा निर्धारित स्टैंडर्ड्स को पूरा करते हों. भारत में ऊर्जा के क्षेत्र से संबंधित विभिन्न पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स जैसेकि नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NTPC), पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन भी देश के कुछ बड़े शहरों में EV चार्जिंग स्टेशन्स खोल सकते हैं. भारत सरकार ने इस कारोबार को सर्विस केटेगरी में रखा है.
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भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग स्टेशन्स खोलने के प्रमुख उद्देश्य
भारत सरकार पेट्रोल और डीजल जैसे ऊर्जा के सीमित प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य को ध्यान में रखकर, देश के पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए और पेट्रोल-डीजल के आयात को कम करके देश की इम्पोर्ट कास्ट को कम करने के उद्देश्य से अब देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रोत्साहन दे रही है. इस दिशा में कुछ प्रमुख पॉइंट्स निम्नलिखित हैं:
- भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को ज्यादा लोकप्रिय बनाने के लिए देश में किफायती और इको-फ्रेंडली चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर अर्थात इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग स्टेशन्स की व्यवस्था करना.
- इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के मालिक और EV चार्जिंग स्टेशन ऑपरेटर्स/ ओनर्स से उपयुक्त टैक्स वसूली.
- छोटे कारोबारियों के लिए आय के अवसर पैदा करने के साथ देश में रोज़गार के अवसर बढ़ाना.
- EV चार्जिंग बिजनेस के लिए बड़ा बाजार तैयार करना.
- EV चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए समुचित इलेक्ट्रिकल डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम की व्यवस्था करना ताकि ये चार्जिंग स्टेशन्स बिना किसी रुकावट के अपना रोज़ाना का कारोबार ऑपरेट कर सकें.
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भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग स्टेशन्स खोलने से संबंधित एलिजिबिलिटी और एजुकेशनल क्वालिफिकेशन्स
जहां तक इस फील्ड में एलिजिबिलिटी का प्रश्न है तो हमारे देश में कोई भी व्यक्ति, किसी लाइसेंस की औपचारिकता के बिना, इलेक्ट्रिक व्हीकल स्टेशन खोल सकता है बशर्ते कि उस व्यक्ति या कारोबारी द्वारा खोले जाने वाले ये EV चार्जिंग स्टेशन्स मिनिस्ट्री ऑफ़ पॉवर, भारत सरकार द्वारा निर्धारित स्टैंडर्ड्स को पूरा करते हों. भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग स्टेशन्स खोलने के लिए अपना कारोबार शुरू करने के लिए कोई विशेष एजुकेशनल क्वालिफिकेशन निर्धारित नहीं है.
EV चार्जिंग स्टेशन्स पर जॉब करने के लिए जहां तक एजुकेशनल क्वालिफिकेशन का संबंध है तो यह आपके जॉब प्रोफाइल पर काफी हद तक निर्भर करेगी अर्थात किसी 10वीं या 12वीं क्लास व्यक्ति को EV चार्जिंग स्टेशन्स पर अटेंडेंट की जॉब मिल सकती है वहीँ अकाउंटेंट ने बीकॉम या एमकॉम की डिग्री हासिल की हो और जूनियर इंजीनियर या मैनेजर ने भी अपनी जॉब/ करियर फील्ड में इंजीनियरिंग या मैनेजमेंट से संबंधित समुचित डिग्री और एजुकेशनल क्वालिफिकेशन अवश्य हासिल की हो.
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग स्टेशन्स में उपलब्ध प्रमुख करियर ऑप्शन्स/ जॉब प्रोफाइल्स
वैसे तो हमारे देश में अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स अभी ज्यादा बड़े लेवल पर लोकप्रिय नहीं हैं और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का कारोबार और जॉब मार्केट अभी अपने शुरुआती स्तर पर ही सक्रिय हैं. लेकिन भारत सरकार द्वारा इस दिशा में पहल करने के बाद अब इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए एक बड़ा बाजार उपलब्ध होने के साथ ही EV चार्जिंग स्टेशन्स को खोलने और ऑपरेट करने के लिए भी लोगों और संबंधित इंडस्ट्रीज़ के बीच कॉम्पीटीशन लगातार बढ़ेगा.
जहां तक हमारे देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग स्टेशन्स में उपलब्ध प्रमुख करियर ऑप्शन्स और जॉब प्रोफाइल्स का सवाल है तो कुछ प्रमुख जॉब प्रोफाइल्स निम्नलिखित हैं:
- टेक्निकल एक्सपर्ट - EV चार्जिंग
- बिजनेस डेवलपमेंट एक्सपर्ट
- मैनेजर – इलेक्ट्रिक व्हीकल्स
- मैनेजर – बिजनेस डेवलपमेंट
- जूनियर इंजीनियर – व्हीकल टेस्टिंग
- मैनेजर/ सीनियर मैनेजर – इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन
- सोफ्टवेयर डेवलपमेंट हेड – इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन
- एकाउंटेंट/ बिलिंग हेड
- हेल्पर/ अटेंडेंट
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भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग स्टेशन्स से जुड़ी कमाई
अभी हमारे देश में EV चार्जिंग स्टेशन्स खोलने का कॉन्सेप्ट अपने बिलकुल शुरुआती फेज़ में है इसलिए अगर कोई व्यक्ति अपना EV चार्जिंग स्टेशन खोलता है तो उसे भारत सरकार से लोन मिलने के साथ ही कम इंटरेस्ट देना होगा तथा आने वाले समय में भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की संख्या बढ़ने के साथ ही इन कारोबारियों की कमाई भी बढ़ती जायेगी.
जहां तक किसी EV चार्जिंग स्टेशन के वर्किंग प्रोफेशनल्स को मिलने वाली सैलरी का प्रश्न है तो किसी कर्मचारी या प्रोफेशनल की एजुकेशनल क्वालिफिकेशन और वर्क एक्सपीरियंस के मुताबिक ही सालाना सैलरी पैकेज निर्धारित होगा जो हर साल बढ़ते हुए वर्क एक्सपीरियंस के साथ-साथ बढ़ेगा. उदहारण के लिए किसी अटेंडेंट या हेल्पर को शुरू में एवरेज 8 – 10 हजार रुपये मासिक सैलरी मिल सकती है. इसी तरह, किसी जूनियर इंजीनियर या मैनेजर को शुरू में एवरेज 40 – 50 हजार रुपये मासिक का सैलरी पैकेज मिल सकता है और किसी अकाउंटेंट को शुरू में एवरेज 25 – 30 हजार रुपये मासिक का सैलरी पैकेज मिल सकता है.
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