1. सबसे पहले रणनीति बनायेंं
- रणनीति किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है, आपने देखा होगा कि कभी कभी अधिक जानने वाला प्रतिभागी सफल नहींं हो पाता जबकि उससे कम जानने वाला हो जाता है, वजह कई हो सकती हैं परंतु इसकी एक प्रमुख वजह अच्छे से रणनीति ना बनाना है, यदि आपने “300” फिल्म देखी हो तो आपने देखा होगा कि किस प्रकार महज 300 लोगों की सेना ने एक बहुत बडी सेना को मात दी थी, वजह वही रणनीति उनकी रणनीति बहुत अच्छी थी
- अब अगला प्रश्न ये है कि रणनीति कैसे बनायी जाये और उसमें क्या हो? अब जैसे सेना ये निश्चित करती है कि वार कैसे करना है आप ये निश्चित कीजिये कि एक्जाम में पहले आप कौन सा भाग हल करेंगे, आपका कौन सा भाग कमजोर है कौन सा मजबूत है ये निश्चित करें और अपने मजबूत भाग को और मजबूत करें और उसका लाभ उठायें (ऐसा करने से कम से कम एक भाग के मार्क्स आपके पक्के हो जायेंगे) और कमजोर भाग में ये ढूंढे कि अधिक से अधिक आप कितना कर सकते हैं उस पर अंतिम 15 दिन में अधिक मेहनत ना करें, कमजोर भाग में भी अपना मजबूत भाग ही ढूढें
2. किताबें तय करें बाकी उठा कर रख दें
- 15 दिन पूर्व कम से काम किताबें अपने पास रखें, या अपने बनाये हुए नोट्स ही अपने पास रखें बाक़ी सब उठा कर रख दें अगर पास भी रखेंगे तो वो आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती रहेंगी और आप कभी ये किताब कभी वो किताब पढते रहोगे
- ये समय रिवीजन का होता है तो जितना हो सके पतली से पतली किताबें जिनमें हाइलाइट्स हों या आपके खुद के बनाये हुए नोट्स जिनमें की वर्ड्स(ऐसे नोट्स कैसे बनाने हैं ये हम अगली पोस्ट मेंं देखेंगे) होंं उनसे पढाई करें
3. उत्साह बिल्कुल गिरने ना दें
- परीक्षा के इतने करीब और इतनी मेहनत करने के बाद यदि आप उत्साह गिराते हैं तो ये बहुत खतरनाक साबित हो सकता है
- एक बार को भी अपने मन में मत आने दीजिये कि आप नहीं कर सकते, क्युंकि ये जान लीजिये कि होता वैसा ही है जैसा हम सोच कर चलते हैं, यदि आपने सोच लिया कि मैं नहींं कर सकता तो नहीं कर पायेंगें उदाहरण के तौर पर लीजिये कि आपको किसी गढ्ढे के ऊपर से होकर कूदना है आप दूर से दौड कर आते हैं और पास आते ही आपके मन में डर आता है और आप सोचते हैं नहीं मैंं नहीं कर सकता तो या तो आप उसमें गिरेंगे या फिर कूदेंगे ही नहींं
- ये इसलिये होता है क्युंकि जब आप सोचते हैं कि मुझसे नहींं होगा उसके बाद आप उस कार्य को पूरे मन से नहींं कर पाते इसलिये असफलता हाथ लगती है, पूरे मन से पूरे उत्साह से जुटे रहिये सफलता आपको अवश्य मिलेगी
4. नया कोई टॉपिक शुरू ना करें
- कोई भी नया टॉपिक शुरू करने की गलती बिलकुल ना करें (क्यों ?) क्यूंकि आप जानते हैं कि प्रतियोगी परीक्षाएं अभ्यास पर आधारित होती हैं यदि आपने किसी टॉपिक का अभ्यास अच्छे से नहीं किया है तो आप परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते, तो बेहतर होगा कि ये 15 दिन हम उन टॉपिक्स के अभ्यास पर बितायें जो हमने पढ़े हुए हैं
5. स्कोरिंग टॉपिक्स की खूब प्रैक्टिस करें
- परीक्षा में स्कोरिंग टॉपिक ढूढ़े (जैसे रीजनिंग, गणित के आसान सवाल, अंग्रेजी ग्रामर,)तथा उनकी खूब प्रैक्टिस करें,(ताकि कम से काम ये सवाल तो आपके पक्के हो जायें) इससे आपको ये फ़ायदा मिलेगा कि परीक्षा में आपका समय बचेगा और जो प्रश्न आपको कठिन लगते हैं उनके लिए आपके पास समय बचेगा
- और दूसरी बात, प्रैक्टिस करने से आपका आत्मविश्वास बहुत बढ़ जाएगा,
- जितना हो सके परीक्षा के समयानुसार घडी लगाकर प्रैक्टिस सैट लगायें, इससे जब आप परीक्षा भवन में परीक्षा देने जायेंगे तो आपको घबराहट नहीं होगी क्युंकि आपको क्या कितने समय में करना है इसकी प्रैक्टिस हो जायेगी
6. टाइमटेबल बनायें
- अंतिम 15 दिनों के लिये एक अच्छा टाइमटेबल बनायें, और सभी विषयों के रिवीजन को समय दें, ऐसा ना करें कि किसी एक ही विषय को पूरा समय पढते रहें, इसलिये टाइमटेबल का कडाई से पालन करें
- टाइमटेबल बनाने से आपकी पढाई नियमित हो जायेगी और अंतिम समय की जो हडबडाहट होती है उससे आपको थोडा निजात मिलेगा
7.आराम और नींद का ध्यान रखें
- जब एक्जाम करीब हो तो पढाई के साथ साथ आराम की भी आवश्यकता होती है, ऐसा ना करें कि बिना आराम किये लगातार पढते रहें, या बहुत देर रात तक भी ना पढें, नींद पूरी रखें जब आपकी नींद पूरी होती तो आपको अच्छा याद रहेगा और आप बेहतर परफार्म कर पायेंगे
- लगातार बिना किसी ब्रेक के पढाई ना करते रहें हर बार एक छोटा ब्रेक अवश्य लें, जिससे ज्यादा थकान ना हो |
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