डाइनामाइट‘ विस्फोटक के जनक अल्फ्रेड नोबेल का जन्म 21 अक्टूबर, 1833 को स्टॉकहोम (स्वीडन) में हुआ. अल्फ्रेड नोबेल के सात भाई-बहन थे लेकिन उसके केवल तीन भाई ही बाल्यावस्था में जीवित रह सके थे। नौ वर्ष के आयु मे अपने परिवार के साथ रहने रुस चले गये थे। बाल्यकाल सेंट पीटर्सबर्ग (लेनिनग्राड) में बीता. इनके पिता इमेन्युल नोबेल का सेंट पीटर्सबर्ग में ‘नाइट्रो ग्लिसरीन’ का उद्योग था जिसका उपयोग विस्फोटक के रूप में किया जाता था. यह रसायन, उन दिनों ‘ब्लास्टिंग ऑयल’ के नाम से जाना जाता था. नोबेल के पिता को इस उद्योग के प्रारम्भ से ही दुःखद दुर्घटना का सामना करना पड़ा.
डाइनामाइट की खोज
- 1859 ई. में इनकी फर्म के दिवालिया हो जाने के पश्चात् नोबेल ने स्वीडन वापस आकर नाइट्रोग्लिसरीन का उत्पादन प्रारम्भ कर दिया किन्तु 1864 ई. में इनके कारखाने में एक दिन भीषण विस्फोट हुआ जिससे उद्योग में कार्यरत कई कामगार मजदूर और अल्फ्रेड नोबेल के सबसे छोटे भाई एमिल की मृत्यु हो गई.
- पूरी इमारत भी ध्वस्त होकर ढह गई. स्वीडन सरकार द्वारा कारखाने की पुनस्र्थापना की अनुमति न मिलने के बावजूद नोबेल ने मालारेन सरोवर पर बाँध निर्माण करके उत्पादन जारी रखा.
- इनका शोध कार्य नाइट्रोग्लिसरीन के सुरक्षित परिवहन पर केन्द्रित था. एक दिन अचानक ही इन्हें अपने उद्देश्य में आकस्मिक रूप से सफलता प्राप्त हो गई.
- एक दिन अचानक ही अल्फ्रेड नोबेल ने पाया कि एक विशेष कार्बनिक पैकिंग में नाइट्रोग्लिसरीन अवशोषित होकर शुष्क पदार्थ में परिणित हो जाती है। इस प्रकार इस विस्फोटक का हैंडलिंग’ सुरक्षित हो गया था. इस नई खोज से नोबेल ‘डाइनामाइट’ का निर्माण करने में सफल हुए.
- अल्फ्रेड अपनी इस खोज से बहुत उत्साहित हुए. इस खोज से डाइनामाइट का परिवहन सुरक्षित तथा सरल हो गया क्योंकि विस्फोट की घटनाओं के कारण, कोई भी परिवहन व्यवस्था, नाइट्रोग्लिसरीन को लाने-ले जाने को तैयार न होती थी.
- उन्हें 1867 ई. में डाइनामाइट का ब्रिटिश पेटेंट तथा 1868 में अमरीकी पेटेंट मिला.
- 1889 ई. में उन्होंने ‘बेलिस्टाइट’ नामक बिना धुएँ का विस्फोटक बनाया.
- कुल 335 पेटेंट, नोबेल ने तैयार किए, जिसमें कृत्रिम रबड़, चमड़े तथा कृत्रिम रेशम पेटेंट भी थे.
- बोफोर्स में उन्होंने विस्फोटकों का विशाल कारखाना बनाया. इस तरह उन्होंने अपने लिए अपार धन एकत्र कर लिया.
- नवीनतम खोज के बाद नोबेल के उद्योग की प्रतिष्ठा बढ़ गई थी, क्योंकि डाइनामाइट द्वारा सुरक्षित विस्फोट द्वारा चट्टानें उड़ाने का काम किया जाने लगा था जिससे सड़क, पुल आदि शीघ्र व बिना दुर्घटना के तीव्र गति से बनने लगे
- वर्ष 1875 में प्रयोग के तौर पर अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी थोडी अँगुली कट जाने पर उस पर “कोलाडियान’ गोंद पदार्थ लगाया.
- उसने पाया कि नाइट्रोग्लिसरीन’ की ‘कोलाडियान’ से क्रिया द्वारा एक श्लेष्मी झिल्ली जैसा पदार्थ बन गया. यह जानकर उसने कोलाड्यिान को नाइट्रोग्लिसरीन के साथ मिलाकर गर्म किया.
- इस आश्चर्यजनक प्रयोग द्वारा उसे ज्ञात हुआ कि प्राप्त हुआ झिल्लीनुमा पदार्थ, डाइनामाइट से अधिक विस्फोटक शक्ति रखता है. नोबेल ने इसका नाम ‘डाइनामाइट गम’ रखा.
नोबल पुरस्कार
- अल्फ्रेड नोबेल की 10 दिसम्बर, 1896 को विस्फोटकों के परीक्षण में दुःखद मृत्यु हो गई. अल्फ्रेड ने अपनी विरासत की 92,00,000 डॉलर की सम्पदा से वैज्ञानिकों, साहित्यकारों तथा शान्ति हेतु उल्लेखनीय कार्य करने वालों को पुरस्कृत करने की वसीयत की.
- 1901 में प्रारम्भ इस पुरस्कार की राशि 8 लाख रुपए के समतुल्य थी. जिसके साथ एक प्रशस्ति-पत्र भी दिया जाता था.
- 1969 से नेशनल बैंक ऑफ स्वीडन द्वारा अर्थशास्त्र में भी नोबेल पुरस्कार दिया जाने लगा.
- यह पुरस्कार प्रतिवर्ष 10 दिसम्बर को शान्ति के लिए नॉर्वे के ओस्लो नामक शहर में तथा शेष अन्य विषयों के लिए स्टॉकहोम में दिए जाते हैं.
- वर्ष 1990 से इस पुरस्कार की राशि मुद्रा के घटते मूल्यों के कारण, पुरस्कार का महत्व देखते हुए, बढ़ा दी गई है, ताकि पुरस्कार का मूल्य 1901 की राशि के तुल्य रहे. नोबेल फाउण्डेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष स्टिग रामेल ने यह निर्णय नोबेल पुरस्कार का महत्व बनाए रखने के उद्देश्य से लिया.
- इण्टरनेशनल रेडक्रॉस कमेटी को शान्ति के लिए तीन बार यह पुरस्कार मिल चुका है, जॉन बार्डीन, मैरी क्यूरी, फ्रेडरिक सेंगर तथा लिनस पॉलिंग को दो बार यह पुरस्कार प्राप्त हुआ.
- शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त कार्यालय को भी शान्ति के लिए 2 बार नोबेल पुरस्कार मिल चुका है. सर्वाधिक नोबेल पुरस्कार अमरीकावासियों को तथा इसके पश्चात् ब्रिटिश नागरिकों को प्राप्त हुए हैं, |
- अल्फ्रेड नोबेल की विशाल धन-सम्पदा नोबेल फाउण्डेशन ट्रस्ट में सुरक्षित है जिसके ब्याज द्वारा दुनिया का सर्वाधिक सम्माननीय ‘नोबेल पुरस्कार’ प्रतिवर्ष विश्व के लब्ध-प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को, उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए, 10 दिसम्बर को वितरित किया जाता है.
- यह पुरस्कार भौतिक, रसायन व चिकित्सा विज्ञान के अतिरिक्त साहित्य व शान्ति के लिए विशेष योगदान पर भी दिया जाता है। वर्ष 1969 से अर्थशास्त्र विषय भी इस पुरस्कार में सम्मिलित किया गया है.
- प्रथम भाग्यशाली व्यक्ति थे भौतिकी में एक्स किरणों के खोजने वाले डब्ल्यू. के. रोन्टजन, शान्ति के क्षेत्र में जीन. एच. डुनेन्ट तथा फ्रेडरिक पासी, साहित्य में सूली पूधोम, रसायन के क्षेत्र में जे. एच. वान्टहॉफ तथा चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में ई. ए. वान बेहरिंग, प्रथम नोबेल पुरस्कार पाने वाली महिला वैज्ञानिक फ्रांस की मैरी क्यूरी रहीं, जिन्होंने किसी महिला को मिलने वाला मात्र पहला नोबेल पुरस्कार ही प्राप्त नहीं किया, वरन् भौतिकी तथा रसायन दोनों क्षेत्रों में अलग–अलग यह पुरस्कार प्राप्त किया. मैरी क्यूरी एक ऐसे परिवार से जुड़ी हैं, जिसने दो पीढ़ियों तक पाँच नोबेल पुरस्कार जीते, अब तक तीन भारतीय नागरिकों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. यह सम्मान प्राप्तकर्ता हैं–रबीन्द्र नाथ टैगोर (1913 में साहित्य के क्षेत्र में), सी. वी. रमन (1930 में भौतिकी के क्षेत्र में) तथा मदर टेरेसा (1979 में शान्ति का नोबेल पुरस्कार).
- इनके अतिरिक्त विदेशी नागरिकता प्राप्त दो भारतीय वैज्ञानिक–हरगोविन्द खुराना व सुब्रह्मण्यम चन्द्रशेखर भी नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं.
अल्फ्रेड नोबेल की अभिलाषा
- विस्फोटकों के व्यापार में सफलता के बाद अल्फ्रेड नोबेल की यही हार्दिक अभिलाषा थी कि वह कोई ऐसे पदार्थ या मशीन का आविष्कार करें, जिसके भयानक परिणाम से दुनिया इतनी घबरा जाए कि युद्ध असम्भव हो जाए. अल्फ्रेड की इस अभिलाषा की पुष्टि उसकी एक मित्र लेखिका ने अपनी पुस्तक ‘ले डाउन योर आर्स‘ में की है.
- वह मृत्युपर्यन्त अविवाहित रहे, अल्फ्रेड नोबेल अपनी मृत्यु के 95 वर्ष बाद भी अमर हैं क्योंकि उनके आविष्कार मानवता के कल्याण के लिए थे.
- अप्रत्यक्ष रूप से देखें तो पायेंगे कि आज के युग की प्रगति में नोबेल का महान योगदान है क्योंकि आज भी सड़कें बनाने, सुरंगें खोदने, बाँध बनाने में डाइनामाइट का प्रयोग किया जाता है. ऐसे वैज्ञानिक मरकर भी अमर रहते हैं और सारा विश्व उन्हें सम्मान देता है क्योंकि उनका जीवन देश, धर्म और सम्प्रदाय के बन्धन से मुक्त समूची मानवता के लिए समर्पित होता है |
प्रसंग
लगभग सौ साल पहले एक व्यक्ति ने सुबह समाचार पत्र में स्वयं की मृत्यु का समाचार छपा देखा और वह स्तब्ध रह गया. वास्तव में समाचार पत्र से बहुत बड़ी गलती हो गई थी और गलत व्यक्ति की मृत्यु का समाचार छप गया. उस व्यक्ति ने समाचार पत्र में पढ़ा – “डायनामाईट किंग अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु… वह मौत का सौदागर था”.
अल्फ्रेड नोबेल ने जब डायनामाईट की खोज की थी तब उन्हें पता नहीं था कि खदानों और निर्माणकार्य में उपयोग के लिए खोजी गई विध्वंसक शक्ति का उपयोग युद्घ और हिंसक प्रयोजनों में होने लगेगा. अपनी मृत्यु का समाचार पढ़कर नोबेल के मन में पहला विचार यही आया – “क्या मैं जीवित हूँ? ‘मौत का सौदागर ‘अल्फ्रेड नोबेल’… क्या दुनिया मेरी मृत्यु के बाद मुझे यही कहकर याद रखेगी?” उस दिन के बाद से नोबेल ने अपने सभी काम छोड़कर विश्व-शांति के प्रसार के लिए प्रयत्न आरम्भ कर दिए.
अल्फ्रेड नोबेल के Quotes
- “अगर मेरे पास एक हजार विचार हैं और केवल एक अच्छा निकला, तो मैं संतुष्ट हूं।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “मेरा डायनामाइट जल्द ही एक हजार विश्व सम्मेलनों की तुलना में शांति का नेतृत्व करेगा। जैसे ही लोगों को पता चलेगा कि एक पल में, पूरी सेनाओं को पूरी तरह से नष्ट कर दिया जा सकता है, वे निश्चित रूप से स्वर्ण शांति का पालन करेंगे।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “संतोष ही वास्तविक धन है।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “प्रकृति मनुष्य का शिक्षक है। वह अपनी खोज के लिए अपने खजाने को उजागर करती है, अपनी आंख को खोलती है, अपने दिमाग को रोशन करती है, और अपने दिल को दिखाती है, एक प्रभाव उसके जीवन की सभी जगहें और ध्वनियों से सांस लेता है।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “मुझे बड़ी विरासत में मिली संपत्ति दुर्भाग्य के रूप में मिलती है, जो केवल पुरुषों के संकायों को नीचा दिखाने का काम करती है। एक व्यक्ति के पास बहुत संपत्ति होती है, इसलिए उसे अपने रिश्तेदारों को केवल एक छोटा सा हिस्सा ही रहने देना चाहिए। यहां तक कि अगर उसके बच्चे हैं, तो भी मैं इसे एक गलती मानता हूं।” उनकी शिक्षा के लिए जो जरूरी है उससे परे उन्हें काफी रकम सौंपना। ऐसा करने से केवल आलस्य को बढ़ावा मिलता है और व्यक्ति की स्वयं के लिए एक स्वतंत्र स्थिति बनाने की क्षमता के स्वस्थ विकास को बाधित करता है। ” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “मेरा घर वह है जहाँ मैं काम करता हूँ, और मैं हर जगह काम करता हूँ।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “मैं अपनी मृत्यु के बाद शांति के विचार को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी निधि छोड़ने का इरादा रखता हूं, लेकिन मुझे इसके परिणामों के बारे में संदेह है।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “मेरे हिस्से के लिए, मैं उनके सामान के साथ सभी बंदूकें चाहता हूं और सब कुछ नरक में भेजा जा सकता है, जो उनके प्रदर्शन और उपयोग के लिए उचित जगह है।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “यह मेरी इच्छा है कि [नोबेल पुरस्कार] प्रदान करने में, उम्मीदवारों की राष्ट्रीयता पर कोई विचार नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन सबसे योग्य को पुरस्कार प्राप्त होगा, चाहे वह स्कैंडिनेवियाई हो या नहीं।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “एक दिल को प्यार करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है, पेट भरने से भोजन को पचाने के लिए मजबूर किया जा सकता है।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “शायद मेरे डायनामाइट पौधे आपके [शांतिवादी] कांग्रेसों की तुलना में युद्ध के लिए जल्द ही समाप्त हो जाएंगे। जिस दिन दो सेना कोर एक दूसरे का सफाया कर सकते हैं एक दूसरे सभी सभ्य देशों में युद्ध भयावह हो जाएगा।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “झूठ बोलना सभी पापों में सबसे बड़ा है।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “कोई भी अतिशयोक्ति के बिना, यह बता सकता है कि समानता और अंतर की खोज सभी मानव ज्ञान का आधार है।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “एकमात्र सही समाधान एक सम्मेलन होगा जिसके तहत सभी सरकारें सामूहिक रूप से किसी भी देश पर हमला करने के लिए रक्षा करने के लिए बाध्य होंगी।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “मैं एक मिथ्याचारी और अभी तक परोपकारी हूँ, एक से अधिक पेंच ढीले हैं फिर भी एक सुपर-आदर्शवादी हूँ जो भोजन की तुलना में दर्शन को अधिक कुशलता से पचाता है।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
सम्बंधित प्रश्न
प्रश्न 01. नोबेल पुरस्कार की स्थापना कब हुई थी ?
- 1899
- 1900
- 1901
- 1902
Ans C
प्रश्न 02. नोबेल पुरस्कार की स्थापना किसने किया ?
- अल्फ्रेड नोबेल
- हेनरी ड्यूनैंट
- लॉरेंस ब्रैग
- इनमे से कोई नहीं
Ans A
प्रश्न 03. नोबेल पुरस्कार कब से कब तक किसी भी श्रेणी में नहीं दिया गया ?
- 1914 से 1918 तक प्रथम विश्वयुद्ध के कारण
- 1929 से 1930 तक आर्थिक मंदी के कारण
- 1940 से 1942 तक द्वितीय विश्व युद्ध के कारण
- 1943 से 1945 तक द्वितीय विश्व युद्ध के कारण
Ans C
प्रश्न 04. अल्फ्रेड नोबेल कौन थे ?
- स्वीडिश वैज्ञानिक
- स्वीडिश दार्शनिक
- जर्मन दार्शनिक
- अमेरिकन वैज्ञानिक
Ans A
प्रश्न 05. निम्नलिखित तथ्यों पर विचार करें
अल्फ्रेड नोबेल का जन्म सन 1833 में हुआ था
अल्फ्रेड नोबेल का जन्म स्वीडन के स्टॉकहोम में हुआ था
सन 1901 में अल्फ्रेड नोबेल ने नोबल पुरस्कार की स्थापना किया था
उपर्युक्त में से कौन सा /से सही है /हैं ?
- केवल 1
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- 1 , 2 और 3
Ans D
प्रश्न 06. अल्फ्रेड नोबेल ने डायनामाइट का आविष्कार कब किया था ?
- 1866
- 1867
- 1868
- 1869
Ans A
प्रश्न 07. नोबेल पुरस्कार किस तिथि को दिया जाता है ?
- 10 नवंबर
- 10 दिसंबर
- 10 जनवरी
- 10 फ़रवरी
Ans B
प्रश्न 08. प्रत्येक वर्ष नोबेल पुरष्कार विजेताओं की घोषणा किस महीने में किया जाता है ?
- सितम्बर
- अक्टूबर
- नवंबर
- दिसंबर
Ans B
प्रश्न 09. किसी वर्ष के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन भेजने की अंतिम तिथि क्या होती है ?
- 31 जनवरी
- 28 फ़रवरी
- 31 मार्च
- 31 जुलाई
Ans A
प्रश्न 10. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें
अब तक सिर्फ दो बार मरणोपरांत नोबल पुरस्कार दिया गया है
सन 1974 में बने नियम के अनुसार से मरणोपरांत नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाता है
पहली बार मरणोपरांत नोबेल पुरस्कार एक्सेल कार्लफेल्डट को 1931 में दिया गया था
दूसरी बार मरणोपरांत नोबेल पुरस्कार हमरसजोल्ड को 1961 में मिला था
उपर्युक्त में से कौन सा /से सही है /हैं
- केवल 1
- केवल 1 , 2 और 4
- केवल 2 , 3 और 4
- 1 , 2 , 3 और 4
Ans Dडाइनामाइट‘ विस्फोटक के जनक अल्फ्रेड नोबेल का जन्म 21 अक्टूबर, 1833 को स्टॉकहोम (स्वीडन) में हुआ. अल्फ्रेड नोबेल के सात भाई-बहन थे लेकिन उसके केवल तीन भाई ही बाल्यावस्था में जीवित रह सके थे। नौ वर्ष के आयु मे अपने परिवार के साथ रहने रुस चले गये थे। बाल्यकाल सेंट पीटर्सबर्ग (लेनिनग्राड) में बीता. इनके पिता इमेन्युल नोबेल का सेंट पीटर्सबर्ग में ‘नाइट्रो ग्लिसरीन’ का उद्योग था जिसका उपयोग विस्फोटक के रूप में किया जाता था. यह रसायन, उन दिनों ‘ब्लास्टिंग ऑयल’ के नाम से जाना जाता था. नोबेल के पिता को इस उद्योग के प्रारम्भ से ही दुःखद दुर्घटना का सामना करना पड़ा.
डाइनामाइट की खोज
- 1859 ई. में इनकी फर्म के दिवालिया हो जाने के पश्चात् नोबेल ने स्वीडन वापस आकर नाइट्रोग्लिसरीन का उत्पादन प्रारम्भ कर दिया किन्तु 1864 ई. में इनके कारखाने में एक दिन भीषण विस्फोट हुआ जिससे उद्योग में कार्यरत कई कामगार मजदूर और अल्फ्रेड नोबेल के सबसे छोटे भाई एमिल की मृत्यु हो गई.
- पूरी इमारत भी ध्वस्त होकर ढह गई. स्वीडन सरकार द्वारा कारखाने की पुनस्र्थापना की अनुमति न मिलने के बावजूद नोबेल ने मालारेन सरोवर पर बाँध निर्माण करके उत्पादन जारी रखा.
- इनका शोध कार्य नाइट्रोग्लिसरीन के सुरक्षित परिवहन पर केन्द्रित था. एक दिन अचानक ही इन्हें अपने उद्देश्य में आकस्मिक रूप से सफलता प्राप्त हो गई.
- एक दिन अचानक ही अल्फ्रेड नोबेल ने पाया कि एक विशेष कार्बनिक पैकिंग में नाइट्रोग्लिसरीन अवशोषित होकर शुष्क पदार्थ में परिणित हो जाती है। इस प्रकार इस विस्फोटक का हैंडलिंग’ सुरक्षित हो गया था. इस नई खोज से नोबेल ‘डाइनामाइट’ का निर्माण करने में सफल हुए.
- अल्फ्रेड अपनी इस खोज से बहुत उत्साहित हुए. इस खोज से डाइनामाइट का परिवहन सुरक्षित तथा सरल हो गया क्योंकि विस्फोट की घटनाओं के कारण, कोई भी परिवहन व्यवस्था, नाइट्रोग्लिसरीन को लाने-ले जाने को तैयार न होती थी.
- उन्हें 1867 ई. में डाइनामाइट का ब्रिटिश पेटेंट तथा 1868 में अमरीकी पेटेंट मिला.
- 1889 ई. में उन्होंने ‘बेलिस्टाइट’ नामक बिना धुएँ का विस्फोटक बनाया.
- कुल 335 पेटेंट, नोबेल ने तैयार किए, जिसमें कृत्रिम रबड़, चमड़े तथा कृत्रिम रेशम पेटेंट भी थे.
- बोफोर्स में उन्होंने विस्फोटकों का विशाल कारखाना बनाया. इस तरह उन्होंने अपने लिए अपार धन एकत्र कर लिया.
- नवीनतम खोज के बाद नोबेल के उद्योग की प्रतिष्ठा बढ़ गई थी, क्योंकि डाइनामाइट द्वारा सुरक्षित विस्फोट द्वारा चट्टानें उड़ाने का काम किया जाने लगा था जिससे सड़क, पुल आदि शीघ्र व बिना दुर्घटना के तीव्र गति से बनने लगे
- वर्ष 1875 में प्रयोग के तौर पर अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी थोडी अँगुली कट जाने पर उस पर “कोलाडियान’ गोंद पदार्थ लगाया.
- उसने पाया कि नाइट्रोग्लिसरीन’ की ‘कोलाडियान’ से क्रिया द्वारा एक श्लेष्मी झिल्ली जैसा पदार्थ बन गया. यह जानकर उसने कोलाड्यिान को नाइट्रोग्लिसरीन के साथ मिलाकर गर्म किया.
- इस आश्चर्यजनक प्रयोग द्वारा उसे ज्ञात हुआ कि प्राप्त हुआ झिल्लीनुमा पदार्थ, डाइनामाइट से अधिक विस्फोटक शक्ति रखता है. नोबेल ने इसका नाम ‘डाइनामाइट गम’ रखा.
नोबल पुरस्कार
- अल्फ्रेड नोबेल की 10 दिसम्बर, 1896 को विस्फोटकों के परीक्षण में दुःखद मृत्यु हो गई. अल्फ्रेड ने अपनी विरासत की 92,00,000 डॉलर की सम्पदा से वैज्ञानिकों, साहित्यकारों तथा शान्ति हेतु उल्लेखनीय कार्य करने वालों को पुरस्कृत करने की वसीयत की.
- 1901 में प्रारम्भ इस पुरस्कार की राशि 8 लाख रुपए के समतुल्य थी. जिसके साथ एक प्रशस्ति-पत्र भी दिया जाता था.
- 1969 से नेशनल बैंक ऑफ स्वीडन द्वारा अर्थशास्त्र में भी नोबेल पुरस्कार दिया जाने लगा.
- यह पुरस्कार प्रतिवर्ष 10 दिसम्बर को शान्ति के लिए नॉर्वे के ओस्लो नामक शहर में तथा शेष अन्य विषयों के लिए स्टॉकहोम में दिए जाते हैं.
- वर्ष 1990 से इस पुरस्कार की राशि मुद्रा के घटते मूल्यों के कारण, पुरस्कार का महत्व देखते हुए, बढ़ा दी गई है, ताकि पुरस्कार का मूल्य 1901 की राशि के तुल्य रहे. नोबेल फाउण्डेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष स्टिग रामेल ने यह निर्णय नोबेल पुरस्कार का महत्व बनाए रखने के उद्देश्य से लिया.
- इण्टरनेशनल रेडक्रॉस कमेटी को शान्ति के लिए तीन बार यह पुरस्कार मिल चुका है, जॉन बार्डीन, मैरी क्यूरी, फ्रेडरिक सेंगर तथा लिनस पॉलिंग को दो बार यह पुरस्कार प्राप्त हुआ.
- शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त कार्यालय को भी शान्ति के लिए 2 बार नोबेल पुरस्कार मिल चुका है. सर्वाधिक नोबेल पुरस्कार अमरीकावासियों को तथा इसके पश्चात् ब्रिटिश नागरिकों को प्राप्त हुए हैं, |
- अल्फ्रेड नोबेल की विशाल धन-सम्पदा नोबेल फाउण्डेशन ट्रस्ट में सुरक्षित है जिसके ब्याज द्वारा दुनिया का सर्वाधिक सम्माननीय ‘नोबेल पुरस्कार’ प्रतिवर्ष विश्व के लब्ध-प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को, उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए, 10 दिसम्बर को वितरित किया जाता है.
- यह पुरस्कार भौतिक, रसायन व चिकित्सा विज्ञान के अतिरिक्त साहित्य व शान्ति के लिए विशेष योगदान पर भी दिया जाता है। वर्ष 1969 से अर्थशास्त्र विषय भी इस पुरस्कार में सम्मिलित किया गया है.
- प्रथम भाग्यशाली व्यक्ति थे भौतिकी में एक्स किरणों के खोजने वाले डब्ल्यू. के. रोन्टजन, शान्ति के क्षेत्र में जीन. एच. डुनेन्ट तथा फ्रेडरिक पासी, साहित्य में सूली पूधोम, रसायन के क्षेत्र में जे. एच. वान्टहॉफ तथा चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में ई. ए. वान बेहरिंग, प्रथम नोबेल पुरस्कार पाने वाली महिला वैज्ञानिक फ्रांस की मैरी क्यूरी रहीं, जिन्होंने किसी महिला को मिलने वाला मात्र पहला नोबेल पुरस्कार ही प्राप्त नहीं किया, वरन् भौतिकी तथा रसायन दोनों क्षेत्रों में अलग–अलग यह पुरस्कार प्राप्त किया. मैरी क्यूरी एक ऐसे परिवार से जुड़ी हैं, जिसने दो पीढ़ियों तक पाँच नोबेल पुरस्कार जीते, अब तक तीन भारतीय नागरिकों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. यह सम्मान प्राप्तकर्ता हैं–रबीन्द्र नाथ टैगोर (1913 में साहित्य के क्षेत्र में), सी. वी. रमन (1930 में भौतिकी के क्षेत्र में) तथा मदर टेरेसा (1979 में शान्ति का नोबेल पुरस्कार).
- इनके अतिरिक्त विदेशी नागरिकता प्राप्त दो भारतीय वैज्ञानिक–हरगोविन्द खुराना व सुब्रह्मण्यम चन्द्रशेखर भी नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं.
अल्फ्रेड नोबेल की अभिलाषा
- विस्फोटकों के व्यापार में सफलता के बाद अल्फ्रेड नोबेल की यही हार्दिक अभिलाषा थी कि वह कोई ऐसे पदार्थ या मशीन का आविष्कार करें, जिसके भयानक परिणाम से दुनिया इतनी घबरा जाए कि युद्ध असम्भव हो जाए. अल्फ्रेड की इस अभिलाषा की पुष्टि उसकी एक मित्र लेखिका ने अपनी पुस्तक ‘ले डाउन योर आर्स‘ में की है.
- वह मृत्युपर्यन्त अविवाहित रहे, अल्फ्रेड नोबेल अपनी मृत्यु के 95 वर्ष बाद भी अमर हैं क्योंकि उनके आविष्कार मानवता के कल्याण के लिए थे.
- अप्रत्यक्ष रूप से देखें तो पायेंगे कि आज के युग की प्रगति में नोबेल का महान योगदान है क्योंकि आज भी सड़कें बनाने, सुरंगें खोदने, बाँध बनाने में डाइनामाइट का प्रयोग किया जाता है. ऐसे वैज्ञानिक मरकर भी अमर रहते हैं और सारा विश्व उन्हें सम्मान देता है क्योंकि उनका जीवन देश, धर्म और सम्प्रदाय के बन्धन से मुक्त समूची मानवता के लिए समर्पित होता है |
प्रसंग
लगभग सौ साल पहले एक व्यक्ति ने सुबह समाचार पत्र में स्वयं की मृत्यु का समाचार छपा देखा और वह स्तब्ध रह गया. वास्तव में समाचार पत्र से बहुत बड़ी गलती हो गई थी और गलत व्यक्ति की मृत्यु का समाचार छप गया. उस व्यक्ति ने समाचार पत्र में पढ़ा – “डायनामाईट किंग अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु… वह मौत का सौदागर था”.
अल्फ्रेड नोबेल ने जब डायनामाईट की खोज की थी तब उन्हें पता नहीं था कि खदानों और निर्माणकार्य में उपयोग के लिए खोजी गई विध्वंसक शक्ति का उपयोग युद्घ और हिंसक प्रयोजनों में होने लगेगा. अपनी मृत्यु का समाचार पढ़कर नोबेल के मन में पहला विचार यही आया – “क्या मैं जीवित हूँ? ‘मौत का सौदागर ‘अल्फ्रेड नोबेल’… क्या दुनिया मेरी मृत्यु के बाद मुझे यही कहकर याद रखेगी?” उस दिन के बाद से नोबेल ने अपने सभी काम छोड़कर विश्व-शांति के प्रसार के लिए प्रयत्न आरम्भ कर दिए.
अल्फ्रेड नोबेल के Quotes
- “अगर मेरे पास एक हजार विचार हैं और केवल एक अच्छा निकला, तो मैं संतुष्ट हूं।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “मेरा डायनामाइट जल्द ही एक हजार विश्व सम्मेलनों की तुलना में शांति का नेतृत्व करेगा। जैसे ही लोगों को पता चलेगा कि एक पल में, पूरी सेनाओं को पूरी तरह से नष्ट कर दिया जा सकता है, वे निश्चित रूप से स्वर्ण शांति का पालन करेंगे।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “संतोष ही वास्तविक धन है।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “प्रकृति मनुष्य का शिक्षक है। वह अपनी खोज के लिए अपने खजाने को उजागर करती है, अपनी आंख को खोलती है, अपने दिमाग को रोशन करती है, और अपने दिल को दिखाती है, एक प्रभाव उसके जीवन की सभी जगहें और ध्वनियों से सांस लेता है।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “मुझे बड़ी विरासत में मिली संपत्ति दुर्भाग्य के रूप में मिलती है, जो केवल पुरुषों के संकायों को नीचा दिखाने का काम करती है। एक व्यक्ति के पास बहुत संपत्ति होती है, इसलिए उसे अपने रिश्तेदारों को केवल एक छोटा सा हिस्सा ही रहने देना चाहिए। यहां तक कि अगर उसके बच्चे हैं, तो भी मैं इसे एक गलती मानता हूं।” उनकी शिक्षा के लिए जो जरूरी है उससे परे उन्हें काफी रकम सौंपना। ऐसा करने से केवल आलस्य को बढ़ावा मिलता है और व्यक्ति की स्वयं के लिए एक स्वतंत्र स्थिति बनाने की क्षमता के स्वस्थ विकास को बाधित करता है। ” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “मेरा घर वह है जहाँ मैं काम करता हूँ, और मैं हर जगह काम करता हूँ।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “मैं अपनी मृत्यु के बाद शांति के विचार को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी निधि छोड़ने का इरादा रखता हूं, लेकिन मुझे इसके परिणामों के बारे में संदेह है।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “मेरे हिस्से के लिए, मैं उनके सामान के साथ सभी बंदूकें चाहता हूं और सब कुछ नरक में भेजा जा सकता है, जो उनके प्रदर्शन और उपयोग के लिए उचित जगह है।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “यह मेरी इच्छा है कि [नोबेल पुरस्कार] प्रदान करने में, उम्मीदवारों की राष्ट्रीयता पर कोई विचार नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन सबसे योग्य को पुरस्कार प्राप्त होगा, चाहे वह स्कैंडिनेवियाई हो या नहीं।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “एक दिल को प्यार करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है, पेट भरने से भोजन को पचाने के लिए मजबूर किया जा सकता है।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “शायद मेरे डायनामाइट पौधे आपके [शांतिवादी] कांग्रेसों की तुलना में युद्ध के लिए जल्द ही समाप्त हो जाएंगे। जिस दिन दो सेना कोर एक दूसरे का सफाया कर सकते हैं एक दूसरे सभी सभ्य देशों में युद्ध भयावह हो जाएगा।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “झूठ बोलना सभी पापों में सबसे बड़ा है।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “कोई भी अतिशयोक्ति के बिना, यह बता सकता है कि समानता और अंतर की खोज सभी मानव ज्ञान का आधार है।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “एकमात्र सही समाधान एक सम्मेलन होगा जिसके तहत सभी सरकारें सामूहिक रूप से किसी भी देश पर हमला करने के लिए रक्षा करने के लिए बाध्य होंगी।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
- “मैं एक मिथ्याचारी और अभी तक परोपकारी हूँ, एक से अधिक पेंच ढीले हैं फिर भी एक सुपर-आदर्शवादी हूँ जो भोजन की तुलना में दर्शन को अधिक कुशलता से पचाता है।” ~ अल्फ्रेड नोबेल
सम्बंधित प्रश्न
प्रश्न 01. नोबेल पुरस्कार की स्थापना कब हुई थी ?
- 1899
- 1900
- 1901
- 1902
Ans C
प्रश्न 02. नोबेल पुरस्कार की स्थापना किसने किया ?
- अल्फ्रेड नोबेल
- हेनरी ड्यूनैंट
- लॉरेंस ब्रैग
- इनमे से कोई नहीं
Ans A
प्रश्न 03. नोबेल पुरस्कार कब से कब तक किसी भी श्रेणी में नहीं दिया गया ?
- 1914 से 1918 तक प्रथम विश्वयुद्ध के कारण
- 1929 से 1930 तक आर्थिक मंदी के कारण
- 1940 से 1942 तक द्वितीय विश्व युद्ध के कारण
- 1943 से 1945 तक द्वितीय विश्व युद्ध के कारण
Ans C
प्रश्न 04. अल्फ्रेड नोबेल कौन थे ?
- स्वीडिश वैज्ञानिक
- स्वीडिश दार्शनिक
- जर्मन दार्शनिक
- अमेरिकन वैज्ञानिक
Ans A
प्रश्न 05. निम्नलिखित तथ्यों पर विचार करें
अल्फ्रेड नोबेल का जन्म सन 1833 में हुआ था
अल्फ्रेड नोबेल का जन्म स्वीडन के स्टॉकहोम में हुआ था
सन 1901 में अल्फ्रेड नोबेल ने नोबल पुरस्कार की स्थापना किया था
उपर्युक्त में से कौन सा /से सही है /हैं ?
- केवल 1
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- 1 , 2 और 3
Ans D
प्रश्न 06. अल्फ्रेड नोबेल ने डायनामाइट का आविष्कार कब किया था ?
- 1866
- 1867
- 1868
- 1869
Ans A
प्रश्न 07. नोबेल पुरस्कार किस तिथि को दिया जाता है ?
- 10 नवंबर
- 10 दिसंबर
- 10 जनवरी
- 10 फ़रवरी
Ans B
प्रश्न 08. प्रत्येक वर्ष नोबेल पुरष्कार विजेताओं की घोषणा किस महीने में किया जाता है ?
- सितम्बर
- अक्टूबर
- नवंबर
- दिसंबर
Ans B
प्रश्न 09. किसी वर्ष के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन भेजने की अंतिम तिथि क्या होती है ?
- 31 जनवरी
- 28 फ़रवरी
- 31 मार्च
- 31 जुलाई
Ans A
प्रश्न 10. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें
अब तक सिर्फ दो बार मरणोपरांत नोबल पुरस्कार दिया गया है
सन 1974 में बने नियम के अनुसार से मरणोपरांत नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाता है
पहली बार मरणोपरांत नोबेल पुरस्कार एक्सेल कार्लफेल्डट को 1931 में दिया गया था
दूसरी बार मरणोपरांत नोबेल पुरस्कार हमरसजोल्ड को 1961 में मिला था
उपर्युक्त में से कौन सा /से सही है /हैं
- केवल 1
- केवल 1 , 2 और 4
- केवल 2 , 3 और 4
- 1 , 2 , 3 और 4
Ans D
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