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मूर्ति एवं मंदिर निर्माण की विभिन्न शैलियां

 

मूर्ति निर्माण कला की विभिन्न शैलियां

गांधार कलामथुरा कलाअमरावती कला
दरबार का प्रभाव (कुषाण, शक)कुषाणसातवाहन (इक्ष्वाकु)
सामूहिक चेतनासामूहिक चेतनासामूहिक चेतना
पत्थर का प्रयोग (नीला, धूसर)लाल पर सफेद चित्तियांसफेद संगमरमर
धर्म का प्रभाव (बौद्ध धर्म)बौद्ध, जैन, ब्राह्मणबौद्ध
धर्मनिरपेक्ष प्रभाव नहीं थाप्रभाव था राजा महल महत्वपूर्ण व्यक्तिप्रभाव था
विदेशी प्रभावविदेशी प्रभावविदेशी प्रभाव
क्षेत्रीय स्वरूप (गांधार, पेशावर, जलालाबाद, शाहजी की ड्योढ़ी, शक्र देवड़ी)मथुरा व समीपवर्ती क्षेत्रअमरावती, नागार्जुनकोंडा घन्टसाल, गोली
केंद्र बिंदु शारीरिक बनावट, मांसपेशियों को स्पष्ट रूप देना, घुंगराले बाल, पारदर्शी पोशाकसुद्दढ़ व सुडौल आकार,आध्यात्मिक अभिव्यक्तिशारीरिक सौंदर्य पर बल, काम विषयक अभिव्यक्ति

मंदिर निर्माण की विभिन्न शैलियां 

नागर शैलीद्रविड़ शैलीबेसर शैली
एकल मंदिरमंदिरों का समूहद्रविड़ शैली की
गर्भगृह आयताकारगर्भगृह अलंकृतसंरचना
गर्भगृह अलंकृत नहींगर्भगृह अलंकृतएवं
छत सपाट,कुछ गोलाकार या लघु आकार के शिखर वालापिरामिड नुमा शिखर जिसे विमान कहा जाता थानागर शैली का अलंकरण
गोपुरम अनुपस्थितिगोपुरम उपस्थिति
समय 300 ईसवी550 ईसवी550 ईसवी
क्षेत्र उत्तर भारतदक्षिण भारतदक्कन

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