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न्यूटन के गति के नियम | आसान भाषा में

 न्यूटन का गति का प्रथम नियम (Newton’s First Law in Hindi)

जडत्व का नियम- Law of inertia

मान लीजिये कोई चीज़ है या सामान है, और वो स्थिर है या फिर वो एक गति में है यानि हो सकता है आपने उसे लुढ़काया हो, अब इसकी इस अवस्था में परिवर्तन तभी होगा जब इस पर कोई और बल लगेगा !

जैसे वो रुकेगा तभी जब उसे कोई रोकेगा, जैसे घर्षण बल से भी रुक जाएगा, और अगर आप और लुढ़काना चाहें तो भी आपको बल ही लगाना पड़ेगा !

यानि नियम यह है कि जब तक किसी वस्तु पर कोई और बल नहीं लगता वो अपनी स्थिति नहीं बदलती, चलती है तो चलती रहेगी, रुकी है तो रुकी रहेगी !

उदाहरण देख लेते हैं – सवाल इन्हीं से बनता है

  1. बस का अचानक ब्रेक लगाने पर आगे की ओर झट्का लगता है
  2. स्थिर बस के एकाएक आगे चल पड्ने से यात्रियों को पीछे की ओर झट्का लगता है
  3. चटाई या कालीन को डंडे से पीटने पर उसमें से धूल निकलती है
  4. यदि खिड्की के कांच मे गोली मारी जाये तो उसमें गोल छेद हो जाता है
  5. हथौडे के हथ्थे को मजबूती से फसाने के लिये उसे ज़मीन पर ठोका जाता है
  6. एक समान चाल से चलती हुई रेलगाडी में ऊपर उछाली गयी गेंद उछालने वाले के हाथ में वापस आ जाती है

न्यूटन का गति का दूसरा नियम (Newton’s Second Law in Hindi)

इस नियम को समझने के लिए आपको दो चीज़ें समझना जरूरी है –

  1. संवेग – किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल को उस वस्तु का संवेग कहते हैं – संवेग = द्रव्यमान x वेग
  2. त्वरण – किसी वस्तु के वेग परिवर्तन की दर को उसका त्वरण कहते हैं !

अब नियम समझते हैं –

संवेग परिवर्तन की दर (Rate) किसी वस्तु पर बल के समान अनुपात में तथा बल की दिशा में होती है, अब मान लीजिये कि किसी वस्तु पर बाहर से कोई बल ही ना लगाया जाए तो उसमें त्वरण तो उत्पन्न होगा ही नहीं, अब त्वरण के जीरो होने का मतलब कि जो भी वस्तु है उसी स्थिति में रहेगी जिसमें वो है, अगर स्थिर है तो स्थिर और चल रही है तो चलती रहेगी !

यानि न्यूटन का पहला नियम दूसरे नियम का ही एक अंग है !

न्यूटन का गति का तीसरा नियम (Newton’s Third Law in Hindi)

इस नियम के अनुसार प्रत्येक क्रिया के फलस्वरूप समान और विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है, यदि कोई वस्तु किसी अन्य वस्तु पर बल लगाती है तो वह वस्तु भी पहली वस्तु पर विपरीत दिशा में बल लगाती है, इन दोनो बलों में से लगने वाले बल को क्रिया तथा दूसरे बल को प्रतिक्रिया कहा जाता है क्रिया प्रतिक्रिया के अनेक उदाहरण है,

  1. बंदूक से गोली निकलने पर, पीछे को धक्का लगता है
  2. राकेट मे रखे ईधन के जलने से उतपन्न गैसें तीव्र गति से पीछे की ओर निष्काषित होती हैं तथा इसकी प्रतिक्रिया के फलस्वरूप राकेट ऊपर की ओर गति करता है
  3. नदी के किनारे पर व्यक्ति द्वारा नाव को पीछे की ओर दबाने पर नाव, व्यक्ति को आगे की ओर फेंकती है

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