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सरकारी नौकरी पाने का सबसे आसान तरीका | Easiest Way to Get Government Job

 

  • यदि आपकी भी चाहत सरकारी नौकरी पाने की है तो ये पोस्ट आपके लिए रामबाण साबित हो सकती है | ये पोस्ट उन लोगों के लिए है जो या तो तैयारी शुरू कर चुके है या फिर शुरू करना चाहते हैं | मुझे पूरी उम्मीद है की ये पोस्ट पूरा पढ़ लेने से आप भरोसा कर सकते हैं कि आपका सरकारी नौकरी मिलना लगभग तय हो जाएगा वो भी पहले ही प्रयास में, बस बताई गयी बातों पर अमल करना होगा |
  • इस पोस्ट में हमने शामिल किया है उन सभी सफलता के Formulas को जिसका प्रयोग किया है Toppers ने और लगभग हर सफल अभ्यर्थी ने, और जिसने भी इन्हें जान लिया उसने पहली बार में सफलता पायी है, तो तैयार हो जाइए सफलता की सूची में शामिल होने के लिए |
  • हमने इसे दो भागों में बांटा है पहला तो वो जो गुण एक सफल तैयारी करने वाले के अंदर होने चाहिए वो और दूसरा ये सब होने के बाद तैयारी कैसे करनी है तो चलिये शुरू करते हैं |

1. ये गुण हर सफल अभ्यर्थी में ये पाये जाते हैं !

1. आत्मविश्वास

  • आपको अपने मन को आत्मविश्वास से भरना होगा कि आप ये परीक्षा पास कर सकते हैं , आपको अपने आप को वो परीक्षा उतीर्ण करते हुए कल्पना करनी होगी बार बार, एक बार भी फेल होने का विचार भी अपने पास मत आने दीजिये – विश्वास दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है, अगर इसका एक उदाहरण देखना चाहते हैं तो सोचिए आपको किसी गड्डे को पार करना है और आप दौड़ कर आते हैं और मन में अचानक ये विचार आता है की नहीं मैं तो इसे पार नहीं कर पाऊँगा आप पाएंगे कि आपकी गति में नकारात्मक परिवर्तन अपने आप आयेगा और आप या तो कूदेंगे नहीं या अगर बिना विश्वास के कूदे तो पक्का गिरेंगे |
  • एक और कहावत के अनुसार 50 % युद्ध तो सिर्फ आत्मविश्वास से जीते जाते हैं | आपने गौर किया है कुछ लोग सामान्य कपड़ो में भी अच्छे लगते हैं और कुछ लोग बेहद अच्छे कपड़े पहन कर भी उतने अच्छे नहीं दिख पाते, यहाँ पर भी अंतर सिर्फ आत्मविश्वास का है, पहले वाले को अंदर से विश्वास है कि वो अच्छा दिख रहा है जबकि दूसरे वाले को नहीं |
  • आशा है आप विश्वास कि शक्ति को समझे होंगे

2. बहाना न बनाना

  • सुबह पढ़ लूँगा, शाम को पढ़ लूँगा , आज तो पूरी रात पढ़ूँगा, ये तो बस 1 महीने में कर लूँगा अभी से क्यूँ पढ़ूँ , जब परीक्षा आएगी तो दिन रात पढ़ूँगा, थोड़ी देर मोबाइल देखने में क्या जाता है, थोड़ी देर टीवी देखने में क्या जाता है, क्या अब मैं दोस्तों से भी ना मिलूँ, क्या अब मैं पार्टी में ना जाऊ, अरे आकर रात भर पढ़ लूँगा,
  • हाँ ऐसे ही बोलते हैं सब | ये सब बहाने आपको अपना मन ही देता है | आपके मन के अंदर ही दो भाग है एक जो आपको बोलता है कि चल पार्टी चलते हैं और दूसरा बोलता है पढ़ाई का क्या तो फिर पहला बोलता है कि आकार कर लेंगे इस तरह हम बहाने देने वाले मन कि बात मानकर उसे Strong करते जाते हैं वो भावनात्मक मन है यानि हमारा दिमाग ही, जो की लगभग सबमें ही तार्किक दिमाग से ज्यादा विकसित होता है और वो विकास के क्रम में भी हमारे तार्किक मन से आगे चलता है |
  • अब यहाँ बस करना ये है की आपको अपने भावनात्मक मन को अलग से Imagine करने लगना है जैसे की वो कोई अलग व्यक्ति हो और फिर उसको अच्छे अच्छे तर्क देने हैं जब भी वो बहाने दे, कुछ दिन के बाद आपको बहाने आने बंद हो जाएंगे | सभी सफल लोग अपने भावनात्मक मन पर काबू पा लेते हैं |

3. लक्ष्य

  • हम में से ही काफी सारे लोग ये तय ही नहीं कर पाते की वास्तव में हमारा लक्ष्य क्या है कौन सी परीक्षा को हम टारगेट कर रहे हैं जबकि किसी भी लक्ष्य पर पहुँचने से पहले ये पता होना बहुत जरूरी है कि आखिर आपका लक्ष्य क्या है | और कुछ लोग 4-5 लक्ष्य तय करके बैठे रहते हैं और आखिर में किसी पर भी नहीं पहुँचते !
  • आप ही सोचिए क्या आप घर से ये कह कर निकलें कि मैं कहीं जा रहा हूँ और जाना कहाँ है ये आपको भी नहीं पता तो आप कहाँ पहुंचेंगे ?? कहीं भी नहीं और हो सकता है आप भटक भी जाएँ ! अच्छा और आपको जाना तो मुंबई है पर आप आसाम जाने वाली बस में बैठ जाते हैं सोचते हैं वहाँ से फिर मुंबई चले जाएंगे और फिर अगर वहाँ से भी कहीं की बस मिली तो कहीं और ! आपको क्या लगता है ऐसे कहीं भी पहुंचिएगा ?
  • अगर आपको दिल्ली से मुंबई जाना है तो आपको पहले तय करना होगा कि आप दिल्ली से मुंबई जाएँगे और तभी आप ठीक से तैयारी करके वहाँ पहुंचेंगे !
  • इसी तरह आपका लक्ष्य भी है सफलता भी है आपको चीजें पहले तय करनी होती हैं आपको तय करना होगा कि कौन सी परीक्षा आपको देनी है कौन सी परीक्षा के लिए आप जी तोड़ मेहनत करेंगे !
  • आपने कभी देखा है प्राईवेट कंपनी के इंटरव्यू को उसमें एक सवाल बहुत आम होता है “5 साल बाद या 10 साल बाद आप अपने आप को कहाँ देखते हैं ?” वो देखना चाहते हैं कि आपका विजन कितना साफ है |

4. संघर्ष की प्रवृति

  • “डार्विन के अनुसार- जीवन-संघर्ष में योग्यता की हमेशा जीत होती है और अयोग्यता हमेशा हारती है।” ये तो आपने पढ़ा ही होगा, ये वास्तव में इस परिस्थिति में भी सत्य है |
  • मैं अपने खुद के अनुभव से बता रहा हूँ, आपको पता है किसी यूपीएससी की कोचिंग् में हजारों विद्यार्थी पढ़ते हैं पर सफल कोई एक-दो ही होता है कारण है कि अधिकतर उस संघर्ष से डरकर 1-2 साल में ही वापस चले जाते हैं कुछ का ध्यान दूसरी तरफ चला जाता है |
  • तो आपको करना बस इतना है कि बस लगातार लगे रहना है बस लगे रहना है बिना थके बिना हटे, परिस्थियाँ विपरीत हो सकती हैं पर आपको रास्ता नहीं छोडना बस लगे रहना है |
  • आप सफीन हसन जो की देश के सबसे युवा IPS हैं उनका उदाहरण देख सकते हैं परीक्षा के दिन ही उनका Accident हो गया था पर फिर भी वो उस हालत में भी परीक्षा देने गए और सफल हुए !

5. निर्भरता

  • यहाँ पर वास्तव में दो चीजें होती है आत्मनिर्भर होना और दूसरा होता है निर्भर होना ! आत्मनिर्भर होना तो अच्छी बात है परंतु निर्भरता आपको अपंग बनाती है अब देखते हैं इसके उदाहरण
  • कुछ लोग जब कोचिंग करने जाते हैं तो सोचते हैं कि कोचिंग वाला सब करा देगा यहीं से तो इतने सारे लड़के पास हुए हैं और खुद वो चैन की नींद सोते हैं घर वालों को लगता है मेरा बेटा या बेटी बड़ी मेहनत कर रहा है पर जब परिणाम मन मुताबिक नहीं आता तो किस्मत को दोष दिया जाता है |
  • यहाँ ये समझने की जरूरत है कि आपको जो भी करना है खुद ही करना है चाहे आप कितनी ही अच्छी कोचिंग में क्यूँ ना पढ़ रहे हों आपको खुद ही पढ़ना है ये जितनी जल्दी समझ जाएँ उतना ही अच्छा है !

6. जिद करो दुनिया बदलो

  • बचपन से हमें यही बताया जाता है की जिद बुरी चीज है हाँ है यदि गलत चीज के लिए किया जाय पर सही चीज के लिए की जाये तो इतिहास रच सकते हैं |
  • उदाहरण के लिए आप इतिहास के किसी भी शासक को देखिये, क्या आप जानते हैं आप जिन भी शासकों को उनके कामों के लिए जानते हैं वे सभी जिद्दी और सनकी थे अब ज़रा दिमाग पर ज़ोर डालिए और सोचिए जिस भी व्यक्ति ना सिर्फ शासक जिसने दुनिया में कोई मुकाम हासिल किया है वो कहीं न कहीं सनकी और जिद्दी रहा है दशरथ माझी को ही ले लीजिये | एक अकेले आदमी ने पहाड़ काट डाला | तो सनकी बनिए जिद्दी बनिए और जो चाहे आप हासिल कर सकते हैं |

7. हार ना मानने की प्रवृत्ति

  • आपने कई लोगों के मुंह से ये सुना होगा कि ये काम तो मैं भी करता था पर मेरे साथ के फलां फलां लोग सफल हो गए और मैं नहीं हो पाया, मेरे सामने फलां मजबूरी आ गयी थी मुझे छोड़ना पड़ा था |
  • वास्तव में कई बार ऐसा होता है जब सफलता बस आपसे 1 इंच की ही दूरी पर होती है या बस आप उसे पाने ही वाले होते हैं और आप हार मान लेते हैं या लौट आते हैं आपको पता ही नहीं होता कि आप सफलता के इतने पास हैं | जबकि जो वास्तविकता में सफलता पाते हैं वे लगातार लगे रहते हैं !
  • मतलब तब तक मत रुकिए जब तक आपको मंजिल ना मिल जाये

8. लगातार सुधार की प्रवृति

  • सफल होने वाले अभ्यथियों की आदत में एक सबसे बेहतरीन आदत होती है स्वयं में प्रतिदिन सुधार करना, वे Self Investment करते हैं हर दिन हर चीज से नया सीखते हैं |
  • वे अपनी कमियों को पहचानते हैं और लगातार सुधार करते हैं |

9. अनुशासन

  • बिना अनुशासन सफलता की कल्पना भी करना व्यर्थ है | चूंकि आप चाहे जितने भी कड़े नियम अपने लिए बना लें आप कैसे उनका पालन कर पाएंगे यदि आप अनुशासित नहीं होंगे तो |
  • आपने देखा होगा काफी सारे लोग बेहद अच्छा टाइम टेबल बना लेते हैं पर उसे फॉलो नहीं कर पाते |

2. तैयारी कैसे करें ताकि पहली बार में सफल हो जाएँ

1. सही चयन

  • सबसे पहले आपके लिए कौन सी परीक्षा सबसे सही है ये तय कीजिये और फिर जुट जाईए |
  • ये तय करने के लिए आप देखें आपका झुकाव किस ओर है आप कौन सी नौकरी आपको आकर्षित करती है, जैसे हो सकता है आपको बैंक की नौकरी अच्छी लगती हो या फिर इन्कम टैक्स या फिर पुलिस या फिर आप IAS या IPS की नौकरी आपको अपनी ओर आकर्षित करती हो |
  • इन सभी के बारे के पढ़ें और जानकारी जुटाएँ |
  • फिर देखें आप कितनी मेहनत कर सकते हैं और आपके पास कितना समय है |
  • फिर देखें कि आप प्रतिदिन कितना समय दे सकते हैं |

2. पैटर्न की सही जानकारी

  • जिस भी परीक्षा का चयन आपने किया है उसके पैटर्न की पूरी जानकारी जुटाएँ कम से कम पिछले 5 साल के पेपर्स हल करें उन्हें बारीकी से देखें |
  • देखें कि आप किस भाग में कमजोर हैं उस भाग के लिए विशेष तैयारी करें |
  • सबसे सरल भाग भी देखें जिसे सब हल कर सकते हों, पर उसे हल्के में ना लें ये आपके लिए लाभकारी साबित होगा क्यूंकी अधिकतर लोग इसे हल्के में लेंगे और पूरा का पूरा हल नहीं कर पाएंगे, जबकि आपके लिए वो भाग Scoring बन जाएगा |
  • तो इसी तरह पूरे पैटर्न को अच्छे से समझ कर अपनी तैयारी शुरू करें |

3. ज्ञानार्जन

  • हर दिन कुछ नया सीखने का प्रयास करें
  • लेकिन पहले परीक्षा के पैटर्न के अनुसार जो जानकारी बढ़ानी है उसकी एक आउटलाइन जरूर बना लें जैसे आपको सामान्य ज्ञान पढ़ना है उसके लिए आपको कौन कौन से विषय पढ़ने हैं गणित में आपको कौन कौन से टॉपिक पढ़ने हैं |
  • किताबें तय कर लें और बहुत अधिक किताबें ना खरीदें, अधिक किताबें आपकी दुश्मन हो सकती हैं, आप तय नहीं कर पाएंगे पढ़नी कौन सी हैं |
  • बहुत अधिक वेबसाइट्स को भी फॉलो ना करें | 5-6 वेबसाइट्स की एक लिस्ट बना लें नियमित तौर पर उन्हें ही देखें |
  • रोज अखबार जरूर पढ़ें |
  • लगातार बहुत देर तक ना पढ़ें थोड़ा ब्रेक जरूर लें |

4. लगातार अभ्यास

  • प्रतियोगी परीक्षाओं में सब कुछ आना भी इतना मायने नहीं रखता जितना उसे मौके पर हल करना समय पर हल कर पाना |
  • ढेर सारे ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्हें अगर आप थोड़ा अधिक समय दें तो वो पूरा का पूरा पेपर हल कर दें पर वहाँ तो समय सीमित होता है |
  • हर दिन घड़ी लगाकर अभ्यास करें |
  • हर दिन प्रैक्टिस सेट जरूर हल करें |

5. दवाब झेलने की क्षमता

  • यहाँ पर मैं अपने एक दोस्त का उदाहरण देना चाहूँगा, जो पढ़ने में बेहद अच्छा है, तैयारी भी बेहद अच्छी थी SSC CGL कई बार दिया, जब घर पर तैयारी और Practice Set हल करता तब पूरा का पूरा हल कर देता यानि सब कुछ अच्छा था | पर परीक्षा में जाकर इतना प्रेशर महसूस करने लगता की वहाँ जाकर सब भूल जाता नर्वस हो जाता और उसका चयन नहीं हो पाता आखिर में जब इस बात का पता चला तो फिर 4-5 महीने बस इस बात पर काम किया कि दवाब झेलने की क्षमता बढ़ानी है | और इस बार उसका चयन हो गया |
  • ये बहुत सारे लोगों के साथ होता है परीक्षा हॉल में जाकर वे सोचने लगते हैं सिर्फ 2 घंटे हैं अगर मैं अच्छा नही कर पाया तो क्या होगा, और नर्वस हो जाते हैं और अपनी वास्तविक प्रतिभा का प्रदर्शन नहीं कर पाते |
  • आपको परीक्षा देने जाने से पहले ही अपने आप को मानसिक तौर पर तैयार करना है परीक्षा भवन में कोई प्रेशर नहीं लेना है |

6. सवाल छोड़ने का धैर्य

  • एक और चीज जो आपको अपने अंदर विकसित करनी है वो है कि आपको परीक्षा भवन में प्रश्नों पर अटकना नहीं है ध्यान रहे सभी प्रश्नों के अंक समान होते हैं कठिन सवाल हल करने के कोई अतिरिक्त अंक नहीं मिलते |
  • कोई सवाल अगर पहली दृष्टि में ही आपको कठिन लगता है उसे छोड कर आगे निकाल जाइए पहले सबसे सरल सवाल हल कीजिये इससे आपका वो Score पक्का हो जाएगा अगर आप कठिन सवालों पर अटक रह जाओगे तो वो सरल सवाल भी आपसे छूट जाएँगे, वो सवाल जो आपसे कम तैयारी करने वाले भी हल कर देंगे और आप पीछे रह जाएँगे |
  • ध्यान रहे एक सफल और असफल प्रतियोगी में 0.25 अंक का भी अंतर हो सकता है आप 0.25 अंक से भी पीछे रह सकते हैं |

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