भारत के सुरक्षा बल | India’s security forces in Hindi
- इंडो-तिब्बती सीमा पुलिस – 1962 – नई दिल्ली
- राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड – 1984 – नई दिल्ली
- केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल – 1969 – नई दिल्ली
- सीमा सुरक्षा बल – 1965 – नई दिल्ली
- केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल – 1939 – नई दिल्ली
- रैपिड एक्शन फोर्स – 1993 – नई दिल्ली
- तट रक्षा बल – 1978 – नई दिल्ली
- असम राइफल्स – 1950 – शिलांग
- पुलिस – विभिन्न राज्यों में
- राष्ट्रीय कैडेट कोर – 1948
- प्रादेशिक सेना – 1949 – विभिन्न राज्यों में
- होम गार्डस् – 1962 – विभिन्न राज्यों में
- प्रादेशिक सेना – 1948
- इंटेलीजेंस ब्यूरो – 1920 – नई दिल्ली
- केंद्रीय जांच ब्यूरो – 1953 – नई दिल्ली
- नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो – नई दिल्ली
विस्तार में
- भारत तिब्बत सीमा पुलिस ITBP भारत-तिब्बत सीमा पुलिस का गठन चीन आक्रमण के वाद अक्तूबर 1962 को किया गया था| वर्तमान मे यह बल मध्य और पश्चिमी हिमालय क्षेत्र मे आपदा प्रबंधन की नोडल एजेंसी का दायित्व सभालने के साथ साथ कैलाश मानसरोबर यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को सुरक्षा-संचार और स्वास्थय सेवाएँ उपलब्ध करता है | चार विशेस बटालियानों सहित भारत तिब्बत सीमा पुलिस मे कुल 29 बटालियन हैं |
- राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड NSG– देश मे आतंकवाद की चुनौती का सामना करने के लिए 1984 मे राष्ट्रीय सुरक्षा गार्डस की स्थापना की गयी यह NSG यूके के SAS और जर्मनी के GSG-9 कमांडो बलो के पैटर्न पर आधारित है | इसके दो समूह है – SAG औरSRG | इसकी ट्रेनिंग मानेसर हरियाणा मे होती है |
- केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल CISF– इसकी स्थापना 1969 ई0 मे की गई |इसका मुख्यालय दिल्ली मे है इस बल पर केन्द्रीय सरकार के औद्योगिक परिसर मे कम करने वाले कारीगरों और वहाँ की संपत्ति को सुरक्षा प्रदान करने को ज़िम्मेदारी है |इस बल के अधिकारियों को हकीमपेट ( हैदराबाद ) मे प्रशिक्षण दिया जाता है |
- सीमा सुरक्षा बल – इसकी स्थापना 1965 ई. में की गई | इसका प्रमुख कार्य शत्रु सेना की घुसपैठ तथा सीमा- उल्लंघन से अपने देश की सुरक्षा सीमा को सुरक्षित बनाना है | (मुख्यालय – दिल्ली)
- केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल CRPF – इसकी स्थापना 1939 ई. में की गई | इसका मुख्यालय दिल्ली में है | इसे पहले क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस कहा जाता है | 28 दिसंबर, 1949 के बाद इसे सीआरपीएफ कहा जाने लगा | राजस्थान के माउन्ट आबू एकेडमी स्थित है | यहाँ इस कल का अधिकारीयों को ट्रेनिंग दी जाती है | इसके अलावा नीमच (म.प्र.), कोयम्बटूर (तमिलनाडू) और नांदेड (महाराष्ट्र) में सीआरपीएफ के तीन प्रशिक्षण कॉलेज हैं जहाँ अधीनस्थ अधिकारीयों के लिए पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं |
- रैपिड एक्शन फोर्स – त्वरित कार्य बल (रैपिड एक्शन फ़ोर्स) सीआरपीएफ का ही भाग है जिसकी स्थापना दंगों जैसी स्थितियों में निपटने के लिए 1992 में की गई थी |
- तटरक्षा बल – भारत में तटरक्षक का आविर्भाव, समुद्र में भारत के राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार के भीतर राष्ट्रीय विधियों को लागू करने तथा जीवन और संपति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नई सेवा के तौर पर 01 फ़रवरी 1977 को हुआ था। इस बात की आवश्यकता महसूस की गई कि नौसेना को इसके युद्धकालीन कार्यों के लिए अलग रखा जाना चाहिए तथा विधि प्रवर्तन के उत्तरदायित्व के लिए एक अलग सेवा का गठन किया जाए, जोकि पूर्णरूप से सुसज्जित तथा विकसित राष्ट्र जैसे संयुक्त राज्य अमरीका, संयुक्त राज्य इत्यादि के तटरक्षकों के तर्ज पर बनाई गई हो। 18 अगस्त 1978 को संघ के एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में भारतीय संसद द्वारा तटरक्षक अधिनियम,1978के तहत भारतीय तटरक्षक का औपचारिक तौर पर उद्घाटन किया गया।
- असम राइफल्स- पूर्वोत्तर मे भारत चीन और भारत म्याम्मार सीमा की सुरक्षा असम राइफल्स द्वारा की जाती है | इस बल की स्थापना 1835 ई0 मे कछार लेवी के नाम से किया गया था | यह केन्द्रीय सशस्त्र बल है | इसकी 46 बटालियनें है | इसका मुख्यलाय शिलांग मे है |
- राष्ट्रीय कैडेट कोर NCC- इसकी स्थापना 1948 ई0 मे की गयी थी | इसका मुख्य उद्देश्य भारत के युवक युवतियों को रक्षा के प्रति जागरूक करना तथा उन्हे अंतिम रक्षा पंक्ति के लिए तैयार रखना है | इसका आदर्श वाक्य एकता और अनुशासन है |
- प्रादेशिक सेना – इसका गठन रक्षा की द्वितीय पंक्ति के रूप किया गया है | इसमें 18 वर्ष से 35 वर्ष की आयु के नौजवान नागरिक भर्ती किए जाते हैं | इन्हें पार्ट टाइम मै सैनिक प्रशिक्षण दिया जाता है और आपात स्थिति में इस सेना को बुलाया जाता है |
- प्रादेशिक सेना – इसका गठन रक्षा की द्वितीय पंक्ति के रूप मे किया गया है | इसमे 18 से 35 वर्ष के नौजवान नागरिक भर्ती किए जाते है | इन्हे पार्ट टाइम मे सैनिक प्रशिक्षण दिया जाता है और आपातकाल की स्थिति मे सेना को वुलाया जाता है |
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