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गणतंत्र दिवस पर दमदार भाषण | 26 January Republic Day Speech

 

Republic Day Speech in Hindi

दोस्तों, गणतंत्र दिवस के अवसर पर हम आप सबके समक्ष एक दमदार गणतंत्र दिवस भाषण प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसका प्रयोग आप अपने school या office में Republic Day Speech in Hindi देने के लिए कर सकते हैं। तो आइये यह भाषण देखें।

“भारत माता सबसे प्यारी सबसे ऊँची तेरी शान,

गणतंत्र दिवस पर शीष झुका कर हम करते हैं तुझे प्रणाम”

माननीय मुख्य अतिथि, आदरणीय प्राचार्य महोदय, सम्मानित शिक्षकगण और मेरे प्यारे मित्रों, आज 26 जनवरी है, हमारा गणतंत्र दिवस ! ये वह दिन है जब हर भारतीय के मन में देश भक्ति की लहर और मातृभूमि के प्रति अपार स्‍नेह व सम्मान जाग उठता है।

मैं आप सभी को हमारे “72 वें गणतंत्र दिवस” की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ।  Happy Republic Day 🙂

रिपब्लिक या गणतंत्र का अर्थ क्या है?

क्या है रिपब्लिक? क्या है गणतंत्र का अर्थ?

दोस्तों, Republic शब्द लैटिन शब्द res publica से बना है जिसका मतलब है “लोगों से सम्बंधित”।

यानी रिपब्लिक कुछ ऐसा है जो लोगों से जुड़ा है और अगर हम इसके हिंदी रूप को भी समझें तो गण का अर्थ है “लोग” और  “तंत्र” का मतलब है सिस्टम यानी लोगों का सिस्टम।

गण + तंत्र = गणतंत्र 

रिपब्लिक या गणतंत्र एक ऐसी व्यवस्था है जिसमे देश लोगों का होता है, सरकार लोगों की होती है। और इस इस सिस्टम को बहाल करने का सबसे बड़ा माध्यम है लोकतंत्र यानी democracy। जिसे अब्राहम लिंकन ने बड़े सरल शब्दों में समझाया है कि –

लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन  है।

और हमें इस बात का गर्व है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।

क्यों पड़ी रिपब्लिक बनाने कि आवश्यकता?

दोस्तों आपने सुपर 30 का ये डायलॉग ज़रूर सुना होगा –

अब  राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा, अब राजा वही बनेगा जो हकदार होगा।

लेकिन पहले ऐसा नहीं था। पहले राजा का बेटा ही राजा बनता था चाहे वह काबिल हो या नहीं। और वास्तव में आज भी कई अरब और अफ्रीकन देशों में Monarchy यानी राज-तंत्र है।

लेकिन, 500 BC के आसपास Romans ने उन पर सैकड़ों सालों से राज कर रहे इत्रस्की राजाओं से मुक्ति पाने के बाद एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण किया जिसमे जनता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव कर सकती थी जो उनकी ओर से शासन करते। यानी अब कोई अकेला व्यक्ति, जैसे कि कोई राजा नहीं था जिसके पास अनंत शक्तियाँ हों। और आगे चल कर दुनिया भर के कई देशों में ये सिस्टम अपनाया गया, जिसमे हमारा देश भारत भी शामिल है।

भारत का संविधान

पर क्या कह देने भर से कोई देश गणतंत्र बन सकता है? नहीं!

उसके लिए ज़रुरत होती है एक संविधान की एक constitution की, जो बनाया तो चुने गए प्रतिनिधियों के द्वारा हो पर उनसे भी बड़ा हो, जो न्याय का आधार हो, जो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से राज्य की सर्वोच्च सत्ता की शक्ति के वितरण और प्रयोग को निश्चित करे।

और इसीलिए आज़ादी मिलने से पहले ही  9 दिसंबर, 1946 को संविधान सभा की प्रथम बैठक हुई। इसके 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन बाद 26 नवंबर 1949 को  संविधान सभा द्वारा भारत का संविधान पारित किया गया। इसीलिए 26 नवम्बर को संविधान दिवस या “Constitution Day” के रूप में मनाया जाता है।

क्यों 26 जनवरी को ही मनाया जाता है गणतन्त्र दिवस ?

पर अभी संविधान पारित हुआ था, लागू नहीं।

संविधान लागू करने के लिए चुनी गयी एक ऐतिहासिक तारीख 26 जनवरी 1950 क्योंकि ठीक 20 साल पहले इसी दिन 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई०एन०सी०) ने भारत को पूर्ण स्वराज राष्ट्र घोषित किया था और इस दिन लाहौर में पंडित जवाहर लाल नेहरु ने तिरंगा फहराया था।

दोस्तों, यहाँ मैं दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान बनाने वाले “बाबसाहेब भीमराव आंबेडकर” और उनकी पूरी टीम को ह्रदय से नमन करता और धन्यवाद् करता हूँ।

गणतंत्र दिवस – एक उत्सव !

साथियों, 26 जनवरी देश का उत्सव है गणतंत्र का उत्सव है। यह गांधी जयंती, और स्वतंत्रता दिवस के अलावा मनाया जाने वाला एक मात्र राष्ट्रीय पर्व है। इसे पूरे भारतवर्ष में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

  • 26 जनवरी अवसर है हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का… मंगल पांडे, लक्ष्मी बाई, भगत सिंह का तिलक करने का… नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, गांधी जी और लाल बाल पाल ( लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चन्द्र पाल) को नमन करने का।
  • यह अवसर है देश के लिए हँसते-हँसते अपनी जान न्योछावर करने वाले जांबाज सिपाहियों का वंदन करने का।
  • 26 जनवरी अवसर है फक्र करने का कि तमाम विविधताओं के बावजूद हम दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र व लोकतंत्र हैं।
  • यह अवसर है सीना तान कर खड़े होने का और गर्व से जन-गण-मन गाने का।

गणतंत्र दिवस समारोह

दोस्तों, गणतंत्र दिवस के दिन देश भर के विद्यालयों, सरकारी कार्यालयों व सभी राज्यों की राजधानियों में झंडा रोहण व राष्ट्रगान का कार्यक्रम बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। विभिन्न रंगारंग कार्यक्रमों के माध्यम से हम अपने देशप्रेम को प्रदर्शित करते हैं और स्वादिष्ट मिठाइयों से एक दुसरे का मुंह मीठा कराते हैं।

इस दिन हर छोटा-बड़ा आदमी दुकानों में मिलने वाले छोटे-छोटे राष्ट्र ध्वजों को अपने घर व वाहनों पर सुशोभित कर अपने ही ढंग से इस दिन को मनाता है।

गणतंत्र दिवस परेड

और इन सब आयोजनों में प्रमुख है दिल्ली के राजपथ पर 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस का भव्य समारोह जिसकी कोई तुलना नहीं है।

इस समारोह की शुरुआत इंडिया गेट से होती है, जहाँ भारत के प्रधानमंत्री देश के लिए मर-मिटने वाले शहीद सैनिकों की स्‍मृति में बने अमर जवान ज्‍योति पर पुष्‍प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं।

इसके बाद भारत के राष्ट्रपति राष्‍ट्रीय ध्‍वज फहराते हैं और २१ तोपों की सलामी के बीच राष्ट्र गान गाया जाता है।

और इसके बाद शुरू होती वीर भारतीय सेना की परेड जिसे देखने के लिए लिए हजारों लोग देश-विदेश से इकठ्ठा होते हैं और करोड़ों लोग अपने घरों में टीवी के सामने बैठ कर इसका आनंद उठाते हैं।

हर साल इस अवसर पर महामहिम राष्‍ट्रपति के साथ एक प्रभावशाली राष्ट्र अध्यक्ष या विशिष्ट व्यक्ति को मुख्‍य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है।

इस वर्ष 2021 में कोरोना के कारण किसी अतिथि का आगमन नहीं हो पा रहा है।

दोस्तों, भारत के राष्ट्रपति  भारतीय सशस्‍त्र बल, के मुख्‍य कमांडर भी हैं और वह ही परेड की सलामी लेते हैं।

इस परेड के माध्यम से भारत अपनी सामरिक शक्ति का प्रदर्शन करता है और अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों व टैंकों को राजपथ पर बड़े गर्व के साथ पूरी दुनिया को दिखाता है।

परेड के बाद राष्ट्रपति द्वारा वीर सैनिकों व साहसी नागरिकों को उनकी बहादुरी के लिए मैडल देकर सम्मानित करते हैं।

इसी दौरान हेलीकाप्टर से गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश सबके चेहरे पर मुस्कान बिखेर देती है।

राज्यों की झांकियां

सेना की परेड के बाद बारी आती है विभिन्न राज्यों के झांकियों की। इस रंगारंग सांस्‍कृतिक परेड की छटा देखने लायक होती है। इन झांकियों के माध्यम से आप थोड़े ही समय में पूरे भारत का दर्शन कर सकते है और हर राज्य की विशेषता और उसकी सांस्कृतिक विरासत को समझ सकते हैं।

परेड का एक प्रमुख आकर्षण राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार पाने वाले वह निडर साहसी बच्चे भी होते हैं जो हाथियों पर सवार हो परेड में हिस्सा लेते हैं। इनके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों से आये स्कूली बच्चे भी अपने नृत्य और कला से लोगों का मन मोह लेते हैं।

परेड के आखिर में सबको  रोमांचित  करते हुए वायु सेना द्वारा फ्लाई पास्‍ट किया जाता है, जिसमे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान महामहिम को सलामी देते हुए मंच के ऊपर से गुजरते हैं। सचमुच 26 जनवरी की परेड का हिस्सा होना अपने आप में एक अद्भुत अनुभव है जो हमें देशभक्ति से ओत-प्रोत कर देता है।

मित्रों, राजधानी नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस का उत्सव यहीं समाप्त नहीं होता।

परेड का एक प्रमुख आकर्षण राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार पाने वाले वह निडर साहसी बच्चे भी होते हैं जो हाथियों पर सवार हो परेड में हिस्सा लेते हैं। इनके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों से आये स्कूली बच्चे भी अपने नृत्य और कला से लोगों का मन मोह लेते हैं।

परेड के आखिर में सबको  रोमांचित  करते हुए वायु सेना द्वारा फ्लाई पास्‍ट किया जाता है, जिसमे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान महामहिम को सलामी देते हुए मंच के ऊपर से गुजरते हैं। सचमुच 26 जनवरी की परेड का हिस्सा होना अपने आप में एक अद्भुत अनुभव है जो हमें देशभक्ति से ओत-प्रोत कर देता है।

मित्रों, राजधानी नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस का उत्सव यहीं समाप्त नहीं होता।

Beating the retreat ceremonyबीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी 

26 जवनरी के भव्य कार्यक्रम के बाद 27 जनवरी को को इंडिया गेट पर ही प्रधानमंत्री की रैली होती है जिसमे एनसीसी केडेट्स अपने कौशल व हैरतंगेज करतबों से सभी का दिल जीत लेते हैं।

इसके बाद आखिर में 29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया जाता है, जिसमे तीनो सेनाओं के बैंड देशभक्ति गानों की धुन बजाते हैं। इस दिन शाम 6 बजे बगलर्स रिट्रीट धुन बजाई जाती है और राष्‍ट्रीय ध्‍वज को उतार लिया जाता है। और अंत में राष्ट्रगान गा कर गणतंत्र दिवस समारोह का औपचारिक समापन किया जाता है।

दोस्तों, अंत में एक बार फिर मैं देश पर मर मिटने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और वीर जवानों को नमन करते हुए आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ और इन पंक्तियों के साथ अपनी वाणी को विराम देता हूँ-

भारत माता का हर क्षण मैं सम्मान करता हूँ,

अपने देश की मिट्टी का मैं गुणगान करता हूँ।

है चाहत मुझमे वतन के लिए मर -मिटने की,

तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।


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