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“टाइम ही नहीं मिलता…” कहना छोडें !

 दोस्तों हममें से हर कोई अपनी life में कुछ न कुछ जरुर करना चाहता है, लेकिन हमें उसके लिए time ही नहीं मिलता । For example- हम ये सोचते हैं कि हम ये सीखेंगे, ऐसा करेंगे-वैसा करेंगे…अपने main goal की तरफ थोडा आगे बढ़ेंगे लेकिन हकीकत में हम आगे बढ़ते नहीं। और ऐसा न कर पाने का एक common excuse है कि “हमें वक़्त ही नहीं मिलता !”

इसलिए आज मैं आपके लिए कुछ ऐसे रियल लाइफ examples लाया हूँ जिनके बारे में जानकर आप सच में inspire होंगे। ये हमें समय के पाबंद होने के लिए प्रेरित तो करते ही हैं साथ में ये भी बताते हैं कि कोई इंसान कितना भी busy होकर भी अपने मनपसंद काम में कैसे आगे बढ़ सकता है:

  1. USA के famous Mathematician Charles F ने रोज केवल एक घंटा Maths सीखने का नियम बनाया था और उस नियम पर अंत तक डटे रहकर ही Maths में महारथ हासिल की।
  2. ईश्वरचन्द्र विद्यासागर जब कॉलेज जाते थे तो रास्ते के दुकानदार अपनी घड़ियाँ उन्हें देखकर ठीक करते थे। वे जानते थे कि विद्यासागर कभी एक मिनट भी आगे-पीछे नहीं चलते।
  3. मोजार्ट ने हर घडी उपयोगी कार्य में लगे रहना अपना जीवन का आदर्श बना लिया था। उन्होंने रैक्युम नामक famous ग्रन्थ मौत से लड़ते-लड़ते पूरा किया।
  4. ब्रिटिश कामनवेल्थ के मंत्री का अत्याधिक व्यस्त उत्तरदायित्व निभाते हुए मिल्टन ने ‘पैराडाइस लॉस्ट‘ कि रचना की। राजकाज से उन्हें बहुत कम समय मिल पाता था तो भी जितने कुछ मिनट वह बचा पाते उसी में उस काव्य पर काम कर लेते।
  5. Gallileo की medical shop थी फिर भी उसने थोडा-थोडा समय बचाकर विज्ञानं के महत्वपूर्ण आविष्कार कर डाले।
  6. Henry Kirak ने घर से office तक पैदल आने-जाने के समय का सदुपयोग करके Greek सीख ली। फौजी डॉक्टर बनने पर उनका अधिकांश समय घोड़े की पीठ पर बीतता था। उन्होंने उस समय भी Italian और French भाषा सीख ली।
  7. Edward Vatlar ने राजनीति और parliament के कार्यक्रमों में busy रहते हुए भी 60 ग्रंथों की रचना कर ली। वह कहते हैं कि उन्होंने रोज तीन घंटे का समय पढने और लिखने के लिए fix किया था।
  8. रोज चाय बनाने के लिए पानी उबालने में जितना समय लगता है , उसमे व्यर्थ न बैठकर लान्गफैले ने इन्फरल ग्रन्थ का अनुवाद कर लिया।
  9. Napolean ने ऑस्ट्रिया को इसलिए हरा दिया क्योंकि वहां के सैनिक उसका सामना करने के लिए पाँच मिनट देरी से आये।
  10. Waterloo के युद्ध में Napolean इसलिए बंदी बना लिया गया क्योंकि उसका सेनापति पाँच मिनट देरी से आया।
  11. महात्मा गाँधी दातुन करने से पहले शीशे पर गीता का श्लोक चिपका लिया करते थे और दातुन करते समय याद कर लिया करते थे, इस तरह से उन्होंने गीता के 13 अध्याय याद कर लिए।

It is very surprising that कोई केवल रोज एक घंटे पढ़कर expert बन गया तो किसी ने पैदल चलने का time का भी use किया तो किसी ने पानी उबलने का time भी use किया। कोई पाँच मिनट की देरी से हार जाता है तो कोई ऐसा ही कि लोग अपनी घडी से ज्यादा उसके समय की पाबंदी पर भरोसा है और कोई ऐसा भी है जो मौत से लड़ते लड़ते भी किताब लिखता है।

जब लोग उसी २४ घंटे में इतना कुछ कर सकते हैं तो प्रश्न उठता है कि आखिर हमारा समय कहाँ बर्बाद हो रहा है ?

Really, हमे हमारा goal achieve करने के लिए जितना time चाहिए उससे कहीं ज्यादा time हमारे पास होता है। बस जरुरत है उस अमूल्य समय को बर्बाद होने से बचाने की।

क्या किया जा सकता है :

  • आप ऊपर लिखे examples में से कुछ को चुनकर एक slip पर लिख लें और ऐसी जगह चिपका दें जहाँ आप रोज इन्हे पढ़कर inspire हो सकें।
  • आप भले ही कितनी भी time management टिप्स पढ़ लें लेकिन आपको सबसे पहले किसी काम को टालने की आदत से बचना होगा। याद रखिये कि किसी काम को करना उतनी तकलीफ नहीं देता जितना उसका टालना। इस टिप को follow कर लेने
    से ही आप बन जायेंगे एक Smart Time Manager .
  • आपने ये कथन बहुत बार सुना होगा –

 काल करै सो आज कर, आज करै सो अब।
पल में परले होइगी, बहुरि करेगा कब।। 

          लेकिन अब समय है इसको follow करने का।

  • सुबह उठते ही 10 से 15 मिनट में आप पुरे दिन की एक time-table बना सकते हैं। कभी कभी हम उत्साह में Time-table काफ़ी कठिन बना लेते हैं लेकिन हमे हमेशा time-table simple ही बनाना चाहिए ताकि आप इसमें successful होके खुद को super-motivate कर सकें।

I am sure, आप पहले भी टाइम को सही तरीके से use करने के लिए प्रयास कर चुके होंगे। कुछ लोग सफल भी हुए होंगे, और जो नहीं हुए उनके पास हमेशा एक और मौका होता है। दोस्तों, ब्रूस ली ने कहा है-

If you love life, don’t waste time, for time is what life is made up of.

अगर आप अपनी ज़िन्दगी से प्यार करते हैं तो वक़्त मत बर्वाद करें , क्योंकि वो वक़्त ही है जिससे ज़िन्दगी बनी होती है।

तो चलिए, एक बार फिर समय के महत्त्व को महत्त्व देते हैं, और “टाइम ही नहीं मिलता ” कहना छोड़ कर उन चीजों के लिए वक़्त निकालते हैं जो सचमुच ज़रूरी हैं।


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